भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय कैबिनेट बैठक में लेते हुए नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी है. राजधानी भोपाल में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गए हैं. बैठक में जनता से जुड़े अनेक मामलों को हरी झंडी दे दी गई है. आचार संहिता समाप्त होने के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक है. सरकार के राजस्व को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया है. रेत खनन नीति में काफी बदलाव किया गया है.
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कैबिनेट की बैठक में आज नई रेत खनन नीति लागू की गई है. इस नई नीती के तहत सरकार को 900 करोड़ रुपए की आमदनी होगी जबकि बीजेपी के समय सरकार को होने वाली आमदनी की लगातार चोरी हो रही थी. नई नीति से अवैध उत्खनन पर भी रोक लगेगी साथ ही सरकार को मिलने वाली राशि में किसी भी प्रकार का चोरी का प्रावधान समाप्त हो जाएगा .
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर से रेत खदानों के ठेके होंगे. इस बार खदान समूह को 2 साल के लिए ठेके पर दी जाएगी. नर्मदा नदी पर स्थित खदानों में रेत खनन संग्रहण और लोडिंग के काम में मशीनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी साथ ही अन्य नदियों में 5 हेक्टर तक की खदानों में स्थानीय श्रमिकों की समिति से खनन संग्रहण और लोडिंग का काम कराया जाएगा. बड़ी खदानों में मशीन के उपयोग की इजाजत होगी रेत ट्रांजित पास के माध्यम से ही निकलेगी.
प्रस्तावित नीति के मुताबिक रेत खदानों के समूह के ठेके राज्य खनिज निगम ऑनलाइन नीलाम करेगा. 2021 तक के लिए रेत खदान के ठेकेदार को समर्पण का विकल्प दिया जाएगा. नीलामी में यदि 125 रुपए घन मीटर या उससे ऊपर राशि प्राप्त होती है तो 75 रुपए प्रति घन मीटर संबंधित पंचायत और 50 रुपए प्रति घन मीटर जिला स्तर पर जिला खनिज निधि में दी जाएगी. ठेका नीलाम करने से निगम को जो भी राशि मिलेगी. उसमें वह अपना खर्च निकालने के बाद 5 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि रख कर शासन को देगा. निजी भूमि की स्थिति में पंचायत को 75 रुपए प्रति घन मीटर की रॉयल्टी दी जाएगी. एक वित्तीय साल में यदि रेत से पंचायत को 25 लाख रुपए से ज्यादा की आय होती है तो ऊपर की राशि जिला खनिज निधि में दी जाएगी. किसान कारीगर मजदूर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के सदस्य और कुम्हारों को गांव में स्वयं का आवास बनाने मरम्मत करने कृषि कार्य या कुएं बनाने में रेत पर रॉयल्टी नहीं लगेगी. पंचायत सार्वजनिक हित के जो काम स्वयं करेगी उस पर भी रॉयल्टी नहीं ली जाएगी. ठेकेदारों से काम कराने पर यह छूट नहीं रहेगी. रेत खनन पर मानसून सीजन प्रारंभ होते ही 15 जून से प्रतिबंध लग जाएगा. इस दौरान रेत की कमी ना हो इसके लिए जो खदानें चल रही है. उन्हें 31 मार्च 2020 तक संचालन करने की अनुमति रहेगी जो खदानें स्वीकृत है पर चल नहीं रही है उन्हें समर्पण करने का प्रावधान भी नई रेत नीति में रहेगा .
इसके अलावा कैबिनेट में विश्वविद्यालय आरंभ करने का एक बड़ा निर्णय लिया गया. वहीं विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले संबंधी अधिकार भी मंत्रियों को देने का फैसला किया गया है. राज्य में जिला सरकार की वापसी होगी जिला योजना समिति को इसके लिए सभी अधिकार दिए जाएंगे.