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भोपाल: कमलनाथ कैबिनेट ने नई रेत खनन नीति को दी मंजूरी - अवैध उत्खनन

कमलनाथ सरकार ने कैबिनेट बैठक में नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी है. भोपाल में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए.

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Published : May 28, 2019, 1:48 AM IST

भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय कैबिनेट बैठक में लेते हुए नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी है. राजधानी भोपाल में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गए हैं. बैठक में जनता से जुड़े अनेक मामलों को हरी झंडी दे दी गई है. आचार संहिता समाप्त होने के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक है. सरकार के राजस्व को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया है. रेत खनन नीति में काफी बदलाव किया गया है.

नई रेत नीति पर चर्चा करते जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कैबिनेट की बैठक में आज नई रेत खनन नीति लागू की गई है. इस नई नीती के तहत सरकार को 900 करोड़ रुपए की आमदनी होगी जबकि बीजेपी के समय सरकार को होने वाली आमदनी की लगातार चोरी हो रही थी. नई नीति से अवैध उत्खनन पर भी रोक लगेगी साथ ही सरकार को मिलने वाली राशि में किसी भी प्रकार का चोरी का प्रावधान समाप्त हो जाएगा .

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर से रेत खदानों के ठेके होंगे. इस बार खदान समूह को 2 साल के लिए ठेके पर दी जाएगी. नर्मदा नदी पर स्थित खदानों में रेत खनन संग्रहण और लोडिंग के काम में मशीनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी साथ ही अन्य नदियों में 5 हेक्टर तक की खदानों में स्थानीय श्रमिकों की समिति से खनन संग्रहण और लोडिंग का काम कराया जाएगा. बड़ी खदानों में मशीन के उपयोग की इजाजत होगी रेत ट्रांजित पास के माध्यम से ही निकलेगी.

प्रस्तावित नीति के मुताबिक रेत खदानों के समूह के ठेके राज्य खनिज निगम ऑनलाइन नीलाम करेगा. 2021 तक के लिए रेत खदान के ठेकेदार को समर्पण का विकल्प दिया जाएगा. नीलामी में यदि 125 रुपए घन मीटर या उससे ऊपर राशि प्राप्त होती है तो 75 रुपए प्रति घन मीटर संबंधित पंचायत और 50 रुपए प्रति घन मीटर जिला स्तर पर जिला खनिज निधि में दी जाएगी. ठेका नीलाम करने से निगम को जो भी राशि मिलेगी. उसमें वह अपना खर्च निकालने के बाद 5 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि रख कर शासन को देगा. निजी भूमि की स्थिति में पंचायत को 75 रुपए प्रति घन मीटर की रॉयल्टी दी जाएगी. एक वित्तीय साल में यदि रेत से पंचायत को 25 लाख रुपए से ज्यादा की आय होती है तो ऊपर की राशि जिला खनिज निधि में दी जाएगी. किसान कारीगर मजदूर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के सदस्य और कुम्हारों को गांव में स्वयं का आवास बनाने मरम्मत करने कृषि कार्य या कुएं बनाने में रेत पर रॉयल्टी नहीं लगेगी. पंचायत सार्वजनिक हित के जो काम स्वयं करेगी उस पर भी रॉयल्टी नहीं ली जाएगी. ठेकेदारों से काम कराने पर यह छूट नहीं रहेगी. रेत खनन पर मानसून सीजन प्रारंभ होते ही 15 जून से प्रतिबंध लग जाएगा. इस दौरान रेत की कमी ना हो इसके लिए जो खदानें चल रही है. उन्हें 31 मार्च 2020 तक संचालन करने की अनुमति रहेगी जो खदानें स्वीकृत है पर चल नहीं रही है उन्हें समर्पण करने का प्रावधान भी नई रेत नीति में रहेगा .

इसके अलावा कैबिनेट में विश्वविद्यालय आरंभ करने का एक बड़ा निर्णय लिया गया. वहीं विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले संबंधी अधिकार भी मंत्रियों को देने का फैसला किया गया है. राज्य में जिला सरकार की वापसी होगी जिला योजना समिति को इसके लिए सभी अधिकार दिए जाएंगे.

भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय कैबिनेट बैठक में लेते हुए नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी है. राजधानी भोपाल में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गए हैं. बैठक में जनता से जुड़े अनेक मामलों को हरी झंडी दे दी गई है. आचार संहिता समाप्त होने के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक है. सरकार के राजस्व को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया है. रेत खनन नीति में काफी बदलाव किया गया है.

नई रेत नीति पर चर्चा करते जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा

जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कैबिनेट की बैठक में आज नई रेत खनन नीति लागू की गई है. इस नई नीती के तहत सरकार को 900 करोड़ रुपए की आमदनी होगी जबकि बीजेपी के समय सरकार को होने वाली आमदनी की लगातार चोरी हो रही थी. नई नीति से अवैध उत्खनन पर भी रोक लगेगी साथ ही सरकार को मिलने वाली राशि में किसी भी प्रकार का चोरी का प्रावधान समाप्त हो जाएगा .

उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर से रेत खदानों के ठेके होंगे. इस बार खदान समूह को 2 साल के लिए ठेके पर दी जाएगी. नर्मदा नदी पर स्थित खदानों में रेत खनन संग्रहण और लोडिंग के काम में मशीनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी साथ ही अन्य नदियों में 5 हेक्टर तक की खदानों में स्थानीय श्रमिकों की समिति से खनन संग्रहण और लोडिंग का काम कराया जाएगा. बड़ी खदानों में मशीन के उपयोग की इजाजत होगी रेत ट्रांजित पास के माध्यम से ही निकलेगी.

प्रस्तावित नीति के मुताबिक रेत खदानों के समूह के ठेके राज्य खनिज निगम ऑनलाइन नीलाम करेगा. 2021 तक के लिए रेत खदान के ठेकेदार को समर्पण का विकल्प दिया जाएगा. नीलामी में यदि 125 रुपए घन मीटर या उससे ऊपर राशि प्राप्त होती है तो 75 रुपए प्रति घन मीटर संबंधित पंचायत और 50 रुपए प्रति घन मीटर जिला स्तर पर जिला खनिज निधि में दी जाएगी. ठेका नीलाम करने से निगम को जो भी राशि मिलेगी. उसमें वह अपना खर्च निकालने के बाद 5 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि रख कर शासन को देगा. निजी भूमि की स्थिति में पंचायत को 75 रुपए प्रति घन मीटर की रॉयल्टी दी जाएगी. एक वित्तीय साल में यदि रेत से पंचायत को 25 लाख रुपए से ज्यादा की आय होती है तो ऊपर की राशि जिला खनिज निधि में दी जाएगी. किसान कारीगर मजदूर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के सदस्य और कुम्हारों को गांव में स्वयं का आवास बनाने मरम्मत करने कृषि कार्य या कुएं बनाने में रेत पर रॉयल्टी नहीं लगेगी. पंचायत सार्वजनिक हित के जो काम स्वयं करेगी उस पर भी रॉयल्टी नहीं ली जाएगी. ठेकेदारों से काम कराने पर यह छूट नहीं रहेगी. रेत खनन पर मानसून सीजन प्रारंभ होते ही 15 जून से प्रतिबंध लग जाएगा. इस दौरान रेत की कमी ना हो इसके लिए जो खदानें चल रही है. उन्हें 31 मार्च 2020 तक संचालन करने की अनुमति रहेगी जो खदानें स्वीकृत है पर चल नहीं रही है उन्हें समर्पण करने का प्रावधान भी नई रेत नीति में रहेगा .

इसके अलावा कैबिनेट में विश्वविद्यालय आरंभ करने का एक बड़ा निर्णय लिया गया. वहीं विभागों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले संबंधी अधिकार भी मंत्रियों को देने का फैसला किया गया है. राज्य में जिला सरकार की वापसी होगी जिला योजना समिति को इसके लिए सभी अधिकार दिए जाएंगे.

Intro:नई रेत खनन नीति मध्य प्रदेश मैं होगी शुरू 2 साल के लिए ठेके पर देंगे खदानें


भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा निर्णय कैबिनेट बैठक में लेते हुए नई रेत खनन नीति को मंजूरी दे दी है सोमवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले भी लिए गए हैं इस बैठक में जनता से जुड़े अनेक मामलों को हरी झंडी दे दी गई है आचार संहिता समाप्त होने के बाद कैबिनेट की यह पहली बैठक है सरकार के राजस्व को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया गया है यही वजह है कि रेत खनन नीति में काफी बदलाव किया गया है वही छिंदवाड़ा में सरकारी विश्वविद्यालय आरंभ करने का भी निर्णय लिया गया है इसके अलावा आदिवासी तीर्थ स्थानों पर जाने के लिए तीर्थ दर्शन योजना में प्रधान किया गया है सरकार आदिवासियों के देव स्थानों का पुनः निर्माण और मरम्मत करवाएगी . साथ ही अब किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने पर सरकार के द्वारा उसे दोगने दाम दिए जाने का प्रावधान भी किया जा रहा है .


Body:कैबिनेट की जानकारी देते हुए प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में आज नई रेत खनन नीति लागू की गई है इससे सरकार को 900 करोड़ रुपए की आमदनी होगी जबकि बीजेपी के समय सरकार को होने वाली आमदनी की लगातार चोरी हो रही थी इस नई नीति से अवैध उत्खनन पर भी रोक लगेगी साथ ही सरकार को मिलने वाली राशि में किसी भी प्रकार का चोरी का प्रावधान समाप्त हो जाएगा .


उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर से रेत खदानों के ठेके होंगे इस बार खदान समूह को 2 साल के लिए ठेके पर दी जाएगी नर्मदा नदी पर स्थित खदानों में रेत खनन संग्रहण और लोडिंग के काम में मशीनों पर पूरी तरह से रोक रहेगी अन्य नदियों में 5 हेक्टर तक की खदानों में स्थानीय श्रमिकों की समिति से खनन संग्रहण और लोडिंग का काम कराया जाएगा बड़ी खदानों में मशीन के उपयोग की इजाजत होगी रेत ट्रांजित पास के माध्यम से ही निकलेगी गैस प्रस्ताव नई रेत खनन नीति में किए गए हैं .

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित नीति के मुताबिक रेत खदानों के समूह के ठेके राज्य खनिज निगम ऑनलाइन नीलाम करेगा 2021 तक के लिए रेत खदान के ठेकेदार को समर्पण का विकल्प दिया जाएगा नीलामी में यदि 125 रुपए घन मीटर या उससे ऊपर राशि प्राप्त होती है तो 75 रुपए प्रति घन मीटर संबंधित पंचायत और 50 रुपए प्रति घन मीटर जिला स्तर पर जिला खनिज निधि में दी जाएगी ठेका नीलाम करने से निगम को जो भी राशि मिलेगी उसमें वह अपना खर्च निकालने के बाद 5 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि रख कर शासन को देगा निजी भूमि की स्थिति में पंचायत को 75 रुपए प्रति घन मीटर की रॉयल्टी दी जाएगी एक वित्तीय वर्ष में यदि रेत से पंचायत को 25 लाख रुपए से ज्यादा की आय होती है तो ऊपर की राशि जिला खनिज निधि मध्य में दे दी जाएगी किसान कारीगर मजदूर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के सदस्य और कुम्हारों को गांव में स्वयं का आवास बनाने मरम्मत करने कृषि कार्य या कुएं बनाने में रेत पर रॉयल्टी नहीं लगेगी पंचायत सार्वजनिक हित के जो काम स्वयं करेगी उस पर भी रॉयल्टी नहीं ली जाएगी ठेकेदारों से काम कराने पर यह छूट नहीं रहेगी रेत खनन पर मानसून सीजन प्रारंभ होते ही 15 जून से प्रतिबंध लग जाएगा इस दौरान रेत की कमी ना हो इसके लिए जो खदानें चल रही है उन्हें 31 मार्च 2020 तक संचालन करने की अनुमति रहेगी जो खजाने स्वीकृत है पर चल नहीं रही है उन्हें समर्पण करने का प्रावधान भी नई रेत नीति में रहेगा .


Conclusion:वही मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि बैठक में छिंदवाड़ा में सरकारी विश्वविद्यालय आरंभ करने का एक बड़ा निर्णय लिया गया है इसके साथ ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले संबंधी अधिकार भी मंत्रियों को देने का फैसला किया गया है वहीं राज्य में जिला सरकार की वापसी होगी जिला योजना समिति को इसके लिए सभी अधिकार दिए जाएंगे आदिवासी तीर्थ स्थानों पर जाने के लिए तीर्थ दर्शन योजना में प्रावधान किया जाएगा सरकार आदिवासियों के देव स्थानों का पुनः निर्माण और मरम्मत भी करवाएगी साथ ही सरकार का उद्देश्य होगा कि आदिवासी तीर्थ स्थानों को पर्यटन के क्षेत्र में भी बढ़ावा दिया जाए इसके लिए सरकार के द्वारा हर संभव मदद दी जाएगी .


उन्होंने बताया कि किसानों की जमीन सरकार अधिग्रहण नहीं करेगी बल्कि अब किसान को जमीन के बदले बॉन्ड भरकर सरकार के द्वारा दिया जाएगा .नए नियम के अनुसार उसकी जो मूल राशि होगी उसमें दोगुना इजाफा किया जाएगा साथ ही किसानों को खेती के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर मिलने वाला कर्ज जारी रहेगा उन्होंने कहा कि कुछ लोगों के द्वारा भ्रामक प्रचार किया गया है कि किसानों को मिलने वाला शून्य प्रतिशत ब्याज पर कर्ज बंद किया जा रहा है जो गलत है . उन्होंने कहा कि अब किसान को जमीन का सरकार अच्छी राशि उपलब्ध कराने का काम भी करेगी साथ ही इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत पीथमपुर से की जा रही है उसके बाद यदि परिणाम अच्छे आते हैं तो इसे प्रदेश भर में लागू किया जाएगा.
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