भोपाल। देश में चल रहा किसान आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं मध्यप्रदेश में कृषि कानून का विरोध आए दिन देखने मिलता है, जहां कांग्रेस कई बार केंद्र सरकार पर कृषि कानून को लेकर निशाना साध चुकी है. अब देश में चल रहे किसान आंदोलन के बीच प्रदेश में भी किसानों को साधने की कोशिश तेज़ होती दिखाई दे रही है. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता कर किसान आंदोलन की तरफ़दारी की. वहीं कृषि मंत्री कमल पटेल बैरसिया के तरावली गांव पहुंचे और चौपाल लगाकर किसानों को कृषि कानून के फायदे बताए.
हालांकि उन्होंने किसान आंदोलन को किसान सममेलन का नाम दिया।वही आज मप्र के कृषि मंत्री कमल पटेल भी बैरसिया विद्यायक विष्णु खत्री के साथ बैरसिया विधानसभा के तरावली गाव पहुंचे और किसान चौपाल लगाकर किसानों को नए कृषि कानूनों के फायदे बताए। वही कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री जमकर कांग्रेस पर बरसे।
कृषि मंत्री ने कांग्रेस नेताओं को दी चुनौती
चौपाल के बाद मीडिया से बात करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि वे कांग्रेस के सभी नेताओं को चुनौती देते हैं कि वह आएं और हमारी तरह ऐसे चौपाल लगाएं, किसानों से बात करें. वह उन्हें कृषि कानून के नुकसान बताएं और हम उन्हें फायदे बताएंगे. उसके बाद किसान तय करेंगे कि वह किसके साथ हैं. कमल पटेल ने कहा कि किसान हमारे साथ हैं और जो कांग्रेस में किसान है वह पहले किसान हैं, इसलिए वह भी हमारे साथ हैं. उन्हें मालूम है कि जो कानून है उनके भले के लिए है. कांग्रेस के पास तो कार्यकर्ता भी नहीं है.
मोदीजी ने किसानों को आज़ादी दिलाई है - कमल पटेल
कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष इसलिए विरोध कर रहे हैं कि अब यह कानून लागू हो गया है. अब इसके फायदे मिलेंगे तो किसानों को लगेगा कि इतने सालों तक हमारे बुजुर्गों ने कांग्रेस की वजह से आत्महत्याएं की. अगर नेहरू के समय से ही शहर की तरह गांव में भी मालिकाना हक दे देते तो आज हमारे गांव भी शहर की तरह होते. कृषि मंत्री ने प्रदेश के किसानों की ओर से पीएम मोदी का अभिनंदन किया और कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों से तालियां बजवाई.