भोपाल । विधानसभा का आगामी मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है, ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष होंगे. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने इस ओर इशारा करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का चेहरा पूर्व सीएम कमलनाथ ही हैं. कमलनाथ ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और वही विधानसभा में भी विपक्ष के नेता होंगे.
4 दिन ही चलेगा मानसूत्र सत्र
आगामी 20 जुलाई से 24 जुलाई तक आहूत मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र चलेगा. इस सत्र को लेकर कांग्रेस का मानना है कि सत्ताधारी दल पूरे 4 दिन भी सत्र नहीं चलाएगा. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा हमेशा जनहित के मुद्दों से भागती है, इसलिए उन्होंने इतना छोटा सत्र रखा है और इस सत्र को भी विधानसभा स्पीकर का चयन कर स्थगित करने की कोशिश की जाएगी.
कमलनाथ ही एमपी कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष
पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कमलनाथ ही मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और विधानसभा में भी वहीं नेता प्रतिपक्ष होंगे. इसके अलावा पीसी शर्मा ने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन सरकार ने कोरोना आपदा और कानून व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों को कार्य सूची में रखा है, जबकि विधानसभा सत्र के पहले दिन श्रद्धांजलि सभा के बाद कार्यवाही स्थगित की जाती है. विपक्ष की मांग है कि इन विषयों को सत्र के दूसरे दिन कार्य सूची में शामिल किया जाए और इन मुद्दों पर चर्चा कराई जाए.
रोजगार मिलने के कोई आसर नहीं
वहीं प्रवासी मजदूर आयोग के गठन को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि आज भी मजदूर दर-दर भटक रहे हैं. फिलहाल रोजगार मिलने के कोई आसार नहीं है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश से भाजपा सरकार का जाना तय है और मंत्रिमंडल विस्तार होगा तो अंदर जमकर विद्रोह होगा.
जनहित मुद्दों से भागती है भाजपा
वहीं पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि भाजपा हमेशा जनहित के मुद्दों से भागती रही है. भाजपा ने कभी ऐसे सवालों का जवाब नहीं दिया है. पिछले 15 सालों का इतिहास उठाकर देख ले यह तो महज 4 दिन का सत्र है और ये 2 दिन में खत्म करने की कोशिश करेंगे. इनकी चाल है कि एक दिन में शोक संवेदना हो जाएगी, दूसरे दिन विधानसभा स्पीकर का चयन हो जाएगा और बजट बुलेटिन के बाद सत्र समाप्त हो जाएगा.