भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले कर्मचारियों का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है. पुरानी पेंशन देने की बात कहने वाली कांग्रेस अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग से की जाने वाली नियुक्ति को भी मुद्दा बना रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में शिवराज सरकार को कर्मचारी विरोधी बताया और कमल नाथ ने ट्वीट करते हुए इस पूरी प्रक्रिया में ही धांधली के आरोप भी लगा दिए.
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मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्मचारी विरोध की सारी हदें पार कर दी हैं। सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के आधार पर करने जा रही है।
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक…
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 8, 2023
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक…मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्मचारी विरोध की सारी हदें पार कर दी हैं। सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के आधार पर करने जा रही है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 8, 2023
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक…
कमल नाथ ने सरकार पर लगाए ये आरोप: कमल नाथ ने ट्वीट कर कहा कि "मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्मचारी विरोध की सारी हदें पार कर दी हैं, सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के आधार पर करने जा रही है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक वेतन पर काम करने का मौका मिलता है जो वंचित तबकों से आते हैं और जिन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता. सरकार की यह पहल देखते हुए लगता है कि चतुर्थ श्रेणी के सारे काम आउटसोर्स कर दिए जाएंगे और नियमित रोजगार का एक बहुत बड़ा क्षेत्र हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाएगा. डर इस बात का भी है कि आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती में योग्य अभ्यर्थियों की जगह भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को भर सकती है और नौजवानों के साथ बेईमानी कर सकती है. कुछ मामलों में पहले भी ऐसा किया गया है, शिवराज जी आपको इस तरह की मनमानी करने और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है."
शिवराज सरकार कर्मचारियों की हितेषी सरकार: इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि "शिवराज सरकार कर्मचारियों की हितेषी सरकार है और वह हमेशा कर्मचारियों के साथ खड़ी हुई है. कमल नाथ पहले यह बताएं कि 15 महीने कि उनकी सरकार में उन्होंने कर्मचारियों के लिए क्या किया? अतिथि शिक्षकों से लेकर तमाम कर्मचारियों के साथ वादाखिलाफी कमलनाथ ने हीं की है और अब अपने आप को कर्मचारियों के पक्ष में बता रहे हैं, जबकि शिवराज सरकार ने कर्मचारियों का डीए, एरियर्स से लेकर तमाम में वृद्धि की है."
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पार्टियां खुद को बता रहीं कर्मचारी हितेषी: आपको बताने की मध्यप्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की संख्या 80 हजार के करीब है, जिसमें से 48000 नियमित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं, 32 हजार के करीब संविदा पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी काम कर रहे हैं. फिलहाल तो कांग्रेस और कमल नाथ मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार और शिवराज को घेलने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं, ऐसे में खुद को कर्मचारी हितैषी पार्टी बताने में दोनों ही दल पीछे नहीं है.