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MP की राजनीति में नया मोड़, कमलनाथ ने मांगा PM मोदी से मिलने का समय, कांग्रेस ने बताया अफवाह

Kamal Nath Seeking Time From PM: मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया मोड़ आया है. सोशल मीडिया पर एक संदेश काफी वायरल हो रहा है. जिसमें कहा जा रहा है कि कमलनाथ ने पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है. हालांकि पूर्व सीएम के मीडिया सलाहकार ने इसे अफवाह बताया है.

Kamal Nath Seeking Time From PM
कमलनाथ ने मांगा पीएम से मिलने का समय
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 15, 2024, 8:26 PM IST

Updated : Jan 15, 2024, 8:34 PM IST

भोपाल (आईएएनएस)। एक तरफ पूरा देश राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान को लेकर उत्साहित है. सभी का ध्यान बस रामलला पर है, तो वहीं दूसरी तरफ एमपी की सियासत में अविश्वसनीय मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. एक संदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. जिसके बाद सोमवार को एमपी की सियासत में अटकलें तेज हो गईं है.

नकुलनाथ तलाश रहे कांग्रेस से परे विकल्प

संदेश ने ये अटकलें भी तेज कर दी है कि कमलनाथ के बेटे व छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ भी कांग्रेस से परे विकल्प तलाश रहे हैं. हालांकि, कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया संदेश को "अफवाह" और "साजिश" करार देते हुए कहा कि 'पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसी किसी मुलाकात की मांग नहीं की गई है.'

न्याय यात्रा के दौरान कमलनाथ और मोदी के मिलने का संदेश

पीयूष बबेले ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'यह खबर पूरी तरह से षड्यंत्र है. कमलनाथ न तो प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं और न ही उन्होंने मिलने का समय मांगा है. 21 जनवरी को वह दिल्ली में भी नहीं रहेंगे. ऐसा लगता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत पिछले कुछ दिनों से लगातार कमलनाथ के बारे में झूठी और बेबुनियाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं. ऐसी हरकतें बेहद निंदनीय हैं." यह विवादास्पद संदेश तब प्रसारित किया गया, जब कांग्रेस ने दंगा प्रभावित मणिपुर से 'भारत जोड़ो (न्याय) यात्रा' का दूसरा भाग शुरू किया है.

सीएम मोहन यादव से भी की थी मुलाकात

कमलनाथ ने बीते गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी. जिससे अटकलें तेज हो गईं है. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया. पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए खुद को भगवान हनुमान के भक्त के रूप में पेश किया था. हालांकि, भगवा पार्टी 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतने में कामयाब रही.

  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ से उनके निवास पर सौजन्य भेंट की।@DrMohanYadav51 @OfficeOfKNath pic.twitter.com/psCbz3KnL4

    — Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 11, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस ने किया इंकार तो कमलनाथ ने राम के नाम पर कराया आयोजन

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने से इनकार किए जाने के बाद कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में एक सप्ताह लंबे धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया है. कथित तौर पर नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा में भगवान राम के नाम का जिक्र करते हुए पर्चे भी बांटे हैं और लोगों से कम से कम 108 बार भगवान राम लिखने के लिए कहा है. इस अभ्यास के पीछे का विचार कागज पर भगवान राम का नाम 4.31 करोड़ बार लिखना है, जिसे 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या भेजा जाना है.

यहां पढ़ें...

भोपाल (आईएएनएस)। एक तरफ पूरा देश राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान को लेकर उत्साहित है. सभी का ध्यान बस रामलला पर है, तो वहीं दूसरी तरफ एमपी की सियासत में अविश्वसनीय मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. एक संदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. जिसके बाद सोमवार को एमपी की सियासत में अटकलें तेज हो गईं है.

नकुलनाथ तलाश रहे कांग्रेस से परे विकल्प

संदेश ने ये अटकलें भी तेज कर दी है कि कमलनाथ के बेटे व छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ भी कांग्रेस से परे विकल्प तलाश रहे हैं. हालांकि, कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया संदेश को "अफवाह" और "साजिश" करार देते हुए कहा कि 'पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसी किसी मुलाकात की मांग नहीं की गई है.'

न्याय यात्रा के दौरान कमलनाथ और मोदी के मिलने का संदेश

पीयूष बबेले ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'यह खबर पूरी तरह से षड्यंत्र है. कमलनाथ न तो प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं और न ही उन्होंने मिलने का समय मांगा है. 21 जनवरी को वह दिल्ली में भी नहीं रहेंगे. ऐसा लगता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत पिछले कुछ दिनों से लगातार कमलनाथ के बारे में झूठी और बेबुनियाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं. ऐसी हरकतें बेहद निंदनीय हैं." यह विवादास्पद संदेश तब प्रसारित किया गया, जब कांग्रेस ने दंगा प्रभावित मणिपुर से 'भारत जोड़ो (न्याय) यात्रा' का दूसरा भाग शुरू किया है.

सीएम मोहन यादव से भी की थी मुलाकात

कमलनाथ ने बीते गुरुवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात की थी. जिससे अटकलें तेज हो गईं है. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया. पिछले साल विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए खुद को भगवान हनुमान के भक्त के रूप में पेश किया था. हालांकि, भगवा पार्टी 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीतने में कामयाब रही.

  • मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ से उनके निवास पर सौजन्य भेंट की।@DrMohanYadav51 @OfficeOfKNath pic.twitter.com/psCbz3KnL4

    — Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) January 11, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कांग्रेस ने किया इंकार तो कमलनाथ ने राम के नाम पर कराया आयोजन

दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने से इनकार किए जाने के बाद कमलनाथ और उनके बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा में एक सप्ताह लंबे धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया है. कथित तौर पर नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा में भगवान राम के नाम का जिक्र करते हुए पर्चे भी बांटे हैं और लोगों से कम से कम 108 बार भगवान राम लिखने के लिए कहा है. इस अभ्यास के पीछे का विचार कागज पर भगवान राम का नाम 4.31 करोड़ बार लिखना है, जिसे 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या भेजा जाना है.

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Last Updated : Jan 15, 2024, 8:34 PM IST
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