भोपाल। विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत कांग्रेस उन विधानसभा सीटों पर खास ध्यान दे रही है, जहां पिछले कई चुनावों में कांग्रेस जीत का स्वाद नहीं चख सकी है. ऐसी विधानसभा सीटों पर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खुद पहुंच रहे हैं. ऐसे ही भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर कमलनाथ सोमवार को बड़ी सभा करने जा रहे हैं. गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर कांग्रेस 11 चुनावों से लगातार हार रही है. उधर कमलनाथ की सभा के पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और यहां लाडली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं को संबोधित किया.
दावेदारों ने शुरू की मशक्कत: कांग्रेस के लिए भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट हमेशा चुनौती पूर्ण रही है. पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबूलाल गौर इस विधानसभा सीट से लगातार 10 बार जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद उनकी बहू कृष्णागौर ने पिछली बार बीजेपी की तरफ से जीत दर्ज की थी. इस तरह पिछले 11 चुनावों में कांग्रेस से जो भी उम्मीदवार खड़ा हुआ, उसे हार का ही सामना करना पड़ा. इस सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 1972 में जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी पकड़ बनाने तैयारियां शुरू कर दी है. इसके तहत कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सोमवार को बड़ी सभा करने जा रहे हैं. कमलनाथ की सभा को लेकर इस सीट से कांग्रेस से टिकट के दावेदारों ने अपनी ताकत दिखाने तैयारियां शुरू कर दी है. सभा को लेकर पिछले 15 दिनों से कांग्रेस लगातार बैठकें और तैयारियां कर रही है. कांग्रेस ने सभी दावेदारों से ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने का टारगेट दिया है.
दिग्विजय सिंह भी कर चुके बैठक: कमलनाथ के पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर कार्यकर्ताओं की बैठक कर चुके हैंय विधानसभा वार समीक्षा बैठकों के तहत दिग्विजय सिंह ने गोविंदपुरा विधानसभा के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की थी और उन्हें क्षेत्र में संगठन मजबूत करने और अभी से तैयारियों में जुटने के लिए कहा था.
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सीएम शिवराज सिंह ने एक दिन पहुंचे: उधर कमलनाथ की सभा के एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम आयोजित कर लाड़ली बहना योजना की हितग्राही महिलाओं को संबोधित किया. इस दौरान सीएम ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकारी आई तो उन्होंने तमाम हितग्राही योजनाओं को बंद कर दिया था. जिसका लाभ महिलाओं और गरीबों को मिलता था, लेकिन बीजेपी की सरकार आते ही उन्हें फिर शुरू कराया गया है.