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CM कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, गुजरात के शेर को मध्यप्रदेश शिफ्ट करने की मांग की

कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और गुजरात सरकार को बब्बर शेर को शीघ्र मध्यप्रदेश भेजने के लिए कहें.

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Published : Mar 2, 2019, 3:30 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एशियाटिक लॉयन को गिर नेशनल पार्क गुजरात से कूनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश भेजने का आग्रह किया है. कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और गुजरात सरकार को बब्बर शेर को शीघ्र मध्यप्रदेश भेजने के लिए कहें.


मध्यप्रदेश के वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट 2013 में ही निर्णय दे चुका है, लेकिन करीब 6 साल बीतने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया गया है. इस तरह की चिट्ठी लिखने से कोई फायदा नहीं होगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि एशियाटिक लॉयन ( बब्बर शेर) को कूनो नेशनल पार्क स्थानांतरित करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान और विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों को प्रदेश सरकार ने लागू कर दिया है.


इस मामले में मध्यप्रदेश के वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था प्रयत्न के संयोजक अजय दुबे का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद गुजरात से हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद पिछले 5 साल में उन्होंने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है कि उनके ऊपर भरोसा किया जाए कि वह शेर को मध्य प्रदेश भेजेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2013 में निर्णय दिया था कि एशियाटिक लॉयन गिर से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका पालन सुप्रीम कोर्ट भी करा सकती है.

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भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एशियाटिक लॉयन को गिर नेशनल पार्क गुजरात से कूनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश भेजने का आग्रह किया है. कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है कि प्रधानमंत्री केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और गुजरात सरकार को बब्बर शेर को शीघ्र मध्यप्रदेश भेजने के लिए कहें.


मध्यप्रदेश के वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट 2013 में ही निर्णय दे चुका है, लेकिन करीब 6 साल बीतने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया गया है. इस तरह की चिट्ठी लिखने से कोई फायदा नहीं होगा. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि एशियाटिक लॉयन ( बब्बर शेर) को कूनो नेशनल पार्क स्थानांतरित करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान और विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों को प्रदेश सरकार ने लागू कर दिया है.


इस मामले में मध्यप्रदेश के वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था प्रयत्न के संयोजक अजय दुबे का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद गुजरात से हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद पिछले 5 साल में उन्होंने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है कि उनके ऊपर भरोसा किया जाए कि वह शेर को मध्य प्रदेश भेजेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2013 में निर्णय दिया था कि एशियाटिक लॉयन गिर से मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसका पालन सुप्रीम कोर्ट भी करा सकती है.

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Intro:भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एशियाटिक लायन (बब्बर शेर) गिर नेशनल पार्क गुजरात से कूनो नेशनल पार्क मध्य प्रदेश भेजने का आग्रह किया है। कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है कि प्रधान मंत्री केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और गुजरात सरकार को बब्बर शेर को शीघ्र मध्य प्रदेश भेजने के लिए कहें। हालांकि इस बारे में मध्य प्रदेश के वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट 2013 में ही निर्णय दे चुका है। लेकिन करीब 6 साल बीतने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया गया है।इस तरह की चिट्ठी लिखने से कोई फायदा नहीं होगा, सुप्रीम कोर्ट की अपने निर्णय का अमल कर आएगा।


Body:मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा है कि एशियाटिक लायन ( बब्बर शेर) को कूनो नेशनल पार्क स्थानांतरित करने के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान और विशेषज्ञों की समिति की सिफारिशों को प्रदेश सरकार ने लागू कर दिया है। मध्य प्रदेश सरकार ने 24 गांव के करीब 1543 परिवारों का पुनर्वास भी कर दिया है। गिर के शेर अपना भोजन प्राप्त करें इसकी भी पूरी व्यवस्था कूनो नेशनल पार्क में की गई है, इन सभी व्यवस्थाओं पर राज्य सरकार ने कहा कि पैसा भी खर्च किया है।कूनो नेशनल पार्क बब्बर शेर के स्वागत के लिए तैयार है, उन्होंने पत्र में लिखा है कि समिति की सिफारिशों के अनुसार कूनो नेशनल पार्क में 404 वर्ग किलोमीटर के अतिरिक्त वन्य क्षेत्र को भी जोड़ दिया गया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने इस विषय पर चिंता जताते हुए कहा था कि लुप्तप्राय बब्बर शेर के लिए दूसरा घर बनाना अति आवश्यक है। अगर बब्बर शेर को एक ही जगह रखा गया, तो यह प्रजाति विलुप्त हो जाएगी।मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क एशियाटिक लायन (बब्बर शेर) के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बताया गया है। सुप्रीम कोर्ट के 15 अप्रैल 2013 के आदेश के अनुसार 6 माह के भीतर एशियाटिक लायन को गुजरात से पार्क में स्थानांतरित किया जाना था।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश के वन्य जीव संरक्षण के लिए कार्य करने वाली संस्था प्रयत्न के संयोजक अजय दुबे का कहना है कि प्रधानमंत्री खुद गुजरात से हैं और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद पिछले 5 साल में उन्होंने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। कि उनके ऊपर भरोसा किया जाए कि वह शेर को मध्य प्रदेश भेजेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल 2013 में निर्णय दिया था कि एशियाटिक लायन गिर से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आना चाहिए। इसका पालन भी सुप्रीम कोर्ट भी करा सकती है। मुख्यमंत्री की केंद्र से उम्मीद रखना बेमानी है एक तरह से गलती है।

नोट - एशियाटिक लायन की फाइल फोटो उपयोग करें।
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