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कमलनाथ सरकार बनाएगी गौ- अभयारण्य, पशुपालन मंत्री ने सभी कलेक्टरों को लिखा पत्र - bhopal news

कमलनाथ सरकार ने अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में गौ- अभयारण्य बनाने की तैयारी कर रही है. पशुपालन मंत्री लाखन सिंह ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर उपयुक्त जमीन तलाशने का आदेश दिया है.

Kamal Nath government will open cow sanctuary in the state
कमलनाथ सरकार प्रदेश में खोलेगी गौ अभ्यारण
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Published : Feb 17, 2020, 8:32 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार गौशालाओं के बाद अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में गौ- अभयारण्य बनाने की तैयारी कर रही है. पशुपालन विभाग ने इसके लिए सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर उपयुक्त जमीन तलाशने के लिए कहा है.

कमलनाथ सरकार बनाएगी गौ- अभयारण्य

गौ- संरक्षण प्रदेश सरकार की कमलनाथ सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है. सत्ता में आने के बाद 1 साल में 1 हजार गौशाला खोलने का लक्ष्य रखा था. पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के मुताबिक अभी तक प्रदेश भर में करीब 700 गौशालाओं का लोकार्पण किया जा चुका है और अगले 15 दिनों में 1 हजार गौशालाओं का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे. उनका कहना है कि, अगले 6 माह में 3 हजार गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है और इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ समन्वय बनाकर गौशाला के लिए स्थान सुनिश्चित किया जा रहा है.

सरकार का मानना है कि, प्रदेश में 4 हजार गौशाला निर्मित होने के बाद भी प्रदेश में बड़ी संख्या में निराश्रित गोवंश बचेगा. जिसके लिए सरकार प्रदेश में गौ- अभयारण्य बनाने पर विचार कर रही है, ताकि बड़ी संख्या में एक ही स्थान पर गौवंश को रखा जा सके. इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को स्थान चयनित करने के लिए कहा गया है. शिवपुरी और मुरैना के सबलगढ़ में भी जमीन देखी गई है. सरकार नदी और बांध के नजदीक सरकारी जमीन खोज रही है, ताकि गायों को पानी की समस्या ना हो.

बता दें कि देश का पहला गौ- अभयारण्य 2017 में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने आगर मालवा जिले के सुसनेर में बनाया था. 32 करोड़ की लागत से 472 हेक्टेयर में बने इस अभयारण्य में कृषक प्रशिक्षण केंद्र, गौ अनुसंधान केंद्र, गोबर गैस प्लांट और सोलर प्लांट भी लगाए गए थे. हालांकि दिसंबर 2017 में गौ अभयारण्य में 28 दिन में 58 गायों की मौत से इसके प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हुए थे.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार गौशालाओं के बाद अब प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में गौ- अभयारण्य बनाने की तैयारी कर रही है. पशुपालन विभाग ने इसके लिए सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर उपयुक्त जमीन तलाशने के लिए कहा है.

कमलनाथ सरकार बनाएगी गौ- अभयारण्य

गौ- संरक्षण प्रदेश सरकार की कमलनाथ सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा रहा है. सत्ता में आने के बाद 1 साल में 1 हजार गौशाला खोलने का लक्ष्य रखा था. पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के मुताबिक अभी तक प्रदेश भर में करीब 700 गौशालाओं का लोकार्पण किया जा चुका है और अगले 15 दिनों में 1 हजार गौशालाओं का लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे. उनका कहना है कि, अगले 6 माह में 3 हजार गौशालाओं के निर्माण का लक्ष्य रखा है और इसके लिए सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया गया है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ समन्वय बनाकर गौशाला के लिए स्थान सुनिश्चित किया जा रहा है.

सरकार का मानना है कि, प्रदेश में 4 हजार गौशाला निर्मित होने के बाद भी प्रदेश में बड़ी संख्या में निराश्रित गोवंश बचेगा. जिसके लिए सरकार प्रदेश में गौ- अभयारण्य बनाने पर विचार कर रही है, ताकि बड़ी संख्या में एक ही स्थान पर गौवंश को रखा जा सके. इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को स्थान चयनित करने के लिए कहा गया है. शिवपुरी और मुरैना के सबलगढ़ में भी जमीन देखी गई है. सरकार नदी और बांध के नजदीक सरकारी जमीन खोज रही है, ताकि गायों को पानी की समस्या ना हो.

बता दें कि देश का पहला गौ- अभयारण्य 2017 में तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने आगर मालवा जिले के सुसनेर में बनाया था. 32 करोड़ की लागत से 472 हेक्टेयर में बने इस अभयारण्य में कृषक प्रशिक्षण केंद्र, गौ अनुसंधान केंद्र, गोबर गैस प्लांट और सोलर प्लांट भी लगाए गए थे. हालांकि दिसंबर 2017 में गौ अभयारण्य में 28 दिन में 58 गायों की मौत से इसके प्रबंधन पर कई सवाल खड़े हुए थे.

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