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कमलनाथ सरकार ने लागू की नई रेत खनन नीति, अब खदानों की ऑनलाइन होगी नीलामी - अवैध रेत खनन पर रोक

कमलनाथ सरकार नई रेत खनन नीति लाई है. जिसमें अवैध खनन को रोकने और खनन व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं.

कमलनाथ
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Published : Sep 3, 2019, 10:02 AM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने नई रेत खनन नीति लागू की है. इसके तहत अवैध खनन को रोकने के लिए कई नियम बनाए गए हैं. भाई-भतीजावाद के आरोपों से बचने के लिए सरकार रेत खदान की ऑनलाइन नीलामी करेगी. साथ ही मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में मशीनों से रेत खनन और रेत के भंडारण पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने रॉयल्टी का 25 फीसदी जुर्माना लगाने का फैसला लिया है.

कमलनाथ सरकार ने लागू की नई रेत खनन नीति

रेत खनन के नए नियम

  • पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान बिना ग्रामसभा की अनुमति के घोषित नहीं होगी.
  • धान की सतह से 3 मीटर तक की गहराई तक की खनन की अनुमति रहेगी.
  • खनन का ठेका 3 साल तक के लिए मिलेगा.
  • प्रति घन मीटर रेत की रॉयल्टी 125 रुपए तय कर दी गई है.
  • सरकार ने रेत खदान की नीलामी में आरोपों से बचने के लिए इसकी ऑनलाइन नीलामी का निर्णय लिया है.
  • ऑनलाइन नीलामी के लिए जिला और तहसील की राजस्व सीमा के आधार पर खदानों का समूह बनाया जाएगा.
  • खदान में उपलब्ध रेत की मात्रा के हिसाब से टेंडर का आधार मूल्य तय होगा.
  • टेंडर में हिस्सा लेने वाले व्यक्ति को आधार मूल्य की 25 फीसदी राशि जमा करनी होगी. इसके बाद ही वह टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकेगा.
  • यदि किसी खनन के लिए सिर्फ एक निविदा आती है, तो उसे पहली बार में स्वीकार नहीं किया जाएगा. ऐसे टेंडर दो से तीन बार निकाले जाएंगे.
  • यदि इसके बाद भी ठेकेदार नहीं आते हैं, तो एकल निविदा स्वीकार की जाएगी, लेकिन ऐसे ठेकेदार को 10% अधिक राशि देनी होगी.
  • यदि कोई ठेकेदार खदान छोड़ना चाहता है, तो उसे कम से कम 6 महीने पहले सूचना देनी होगी.

रेत भंडारण पर लगाम लगाने के लिए सख्त किए गए प्रावधान

सरकार ने रेत भंडारण के नाम पर होने वाली गड़बड़ी पर काबू करने के लिए नए नियमों में कई प्रावधान किए हैं. भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में ही ठेकेदारों को रेत भंडारण की छूट मिलेगी. ऐसे ठेकेदार एक लाख घन मीटर तक रेत भंडारण कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए शर्त होगी कि ठेकेदार को 30 दिन के भीतर इसे हटाना होगा. भंडारण की अनुमति सिर्फ 30 दिन की मिलेगी, हालांकि खनिज निगम के संचालक इस अवधि को 90 दिन कर सकते हैं.

अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए सख्त हुए नियम

अवैध उत्खनन को लेकर सरकार ने नियमों में सख्त प्रावधान किए हैं. नियमों के तहत अवैध खनन पर खनिज वाहन, मशीन और औजार जब्त किए जाएंगे. इन्हें छुड़ाने के लिए रॉयल्टी का 25 गुणा ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा. सहमति ना बनने पर यह जुर्माना 50 गुणा भी हो सकता है. उधर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार ने जो खनिज की नई नीति बनाई है, उससे सरकार का राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा.

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने नई रेत खनन नीति लागू की है. इसके तहत अवैध खनन को रोकने के लिए कई नियम बनाए गए हैं. भाई-भतीजावाद के आरोपों से बचने के लिए सरकार रेत खदान की ऑनलाइन नीलामी करेगी. साथ ही मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी में मशीनों से रेत खनन और रेत के भंडारण पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. अवैध रेत खनन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने रॉयल्टी का 25 फीसदी जुर्माना लगाने का फैसला लिया है.

कमलनाथ सरकार ने लागू की नई रेत खनन नीति

रेत खनन के नए नियम

  • पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान बिना ग्रामसभा की अनुमति के घोषित नहीं होगी.
  • धान की सतह से 3 मीटर तक की गहराई तक की खनन की अनुमति रहेगी.
  • खनन का ठेका 3 साल तक के लिए मिलेगा.
  • प्रति घन मीटर रेत की रॉयल्टी 125 रुपए तय कर दी गई है.
  • सरकार ने रेत खदान की नीलामी में आरोपों से बचने के लिए इसकी ऑनलाइन नीलामी का निर्णय लिया है.
  • ऑनलाइन नीलामी के लिए जिला और तहसील की राजस्व सीमा के आधार पर खदानों का समूह बनाया जाएगा.
  • खदान में उपलब्ध रेत की मात्रा के हिसाब से टेंडर का आधार मूल्य तय होगा.
  • टेंडर में हिस्सा लेने वाले व्यक्ति को आधार मूल्य की 25 फीसदी राशि जमा करनी होगी. इसके बाद ही वह टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकेगा.
  • यदि किसी खनन के लिए सिर्फ एक निविदा आती है, तो उसे पहली बार में स्वीकार नहीं किया जाएगा. ऐसे टेंडर दो से तीन बार निकाले जाएंगे.
  • यदि इसके बाद भी ठेकेदार नहीं आते हैं, तो एकल निविदा स्वीकार की जाएगी, लेकिन ऐसे ठेकेदार को 10% अधिक राशि देनी होगी.
  • यदि कोई ठेकेदार खदान छोड़ना चाहता है, तो उसे कम से कम 6 महीने पहले सूचना देनी होगी.

रेत भंडारण पर लगाम लगाने के लिए सख्त किए गए प्रावधान

सरकार ने रेत भंडारण के नाम पर होने वाली गड़बड़ी पर काबू करने के लिए नए नियमों में कई प्रावधान किए हैं. भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर में ही ठेकेदारों को रेत भंडारण की छूट मिलेगी. ऐसे ठेकेदार एक लाख घन मीटर तक रेत भंडारण कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए शर्त होगी कि ठेकेदार को 30 दिन के भीतर इसे हटाना होगा. भंडारण की अनुमति सिर्फ 30 दिन की मिलेगी, हालांकि खनिज निगम के संचालक इस अवधि को 90 दिन कर सकते हैं.

अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए सख्त हुए नियम

अवैध उत्खनन को लेकर सरकार ने नियमों में सख्त प्रावधान किए हैं. नियमों के तहत अवैध खनन पर खनिज वाहन, मशीन और औजार जब्त किए जाएंगे. इन्हें छुड़ाने के लिए रॉयल्टी का 25 गुणा ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा. सहमति ना बनने पर यह जुर्माना 50 गुणा भी हो सकता है. उधर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार ने जो खनिज की नई नीति बनाई है, उससे सरकार का राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में अब नर्मदा नदी में मशीनों से रेत खनन और रेत के भंडारण पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। वही अवैध रेत खनन पर रोक लगाने सरकार ने रॉयल्टी का 25 फ़ीसदी जुर्माना लगाने का निर्णय किया है। कमलनाथ सरकार ने रेत खनन नीति को लागू करने के लिए नियम बना दिए हैं। भाई भतीजावाद के आरोपों से बचने के लिए सरकार रेत खदान की ऑनलाइन नीलामी करेगी।


Body:रेत खनन के नए नियमों के हिसाब से पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान बिना ग्रामसभा की अनुमति के घोषित नहीं होगी धान की सतह से 3 मीटर तक की गहराई तक की खनन की अनुमति रहेगी। खनन का ठेका 3 साल तक के लिए मिलेगा साथ ही प्रति घन मीटर रेत की रॉयल्टी 125 रुपए तय कर दी गई है। सरकार ने रेत खदान की नीलामी में आरोपों से बचने के लिए इसकी ऑनलाइन नीलामी का निर्णय लिया है इसके लिए जिला और तहसील की राजस्व सीमा के आधार पर खदानों का समूह बनाया जाएगा। खदान में उपलब्धि रेत की मात्रा के हिसाब से टेंडर का आधार मूल्य तय होगा टेंडर में हिस्सा लेने वाले व्यक्ति को आधार मूल्य की 25 फ़ीसदी राशि जमा करनी होगी इसके बाद ही वह टेंडर प्रक्रिया में शामिल हो सकेगा यदि किसी खनन के लिए सिर्फ एक निविदा आती है तो उसे पहली बार में स्वीकार नहीं किया जाएगा ऐसे टेंडर दो से तीन बार निकाले जाएंगे यदि इसके बाद भी ठेकेदार नहीं आते हैं तो एकल निविदा स्वीकार की जाएगी, लेकिन ऐसे ठेकेदार को 10% अधिक राशि देनी होगी। नई रेत खनन नीति में सरकार ने नियम बनाया है कि यदि कोई ठेकेदार खदान छोड़ना चाहता है तो उसे कम से कम 6 माह पहले सूचना देनी होगी।

रेत भंडारण के खेल पर लगाम लगाने सख्त किए प्रावधान

सरकार ने रेत भंडारण के नाम पर होने वाली गड़बड़ी पर काबू करने के लिए नियमों में प्रावधान किए हैं भोपाल इंदौर जबलपुर ग्वालियर में ही ठेकेदारों को रेत भंडारण की छूट मिलेगी ऐसे ठेकेदार एक लाख घन मीटर तक रेत भंडारण कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए शर्त होगी कि ठेकेदार को 30 दिन के भीतर ऐसे हटाना होगा भंडारण की अनुमति सिर्फ 30 दिन की मिलेगी। हालांकि खनिज निगम के संचालक इस अवधि को 90 दिन कर सकते हैं।

अवैध उत्खनन पर रोक लगाने सख्त हुए नियम

अवैध उत्खनन को लेकर सरकार ने नियमों में सख्त प्रावधान किए हैं। नियमों नियमों के तहत अवैध अवैध खनन पर खनिज वाहन, मशीन और औजार जप्त किए जाएंगे। इन्हें छुड़ाने के लिए रॉयल्टी का 25 गुना जुर्माना लगाया जाएगा सहमति ना बनने पर यह जुर्माना 50 गुना भी हो सकता है। वही ट्रैक्टर ट्रॉली 6 पहिया हो 10 भैया वाहनों और डंपर से अवैध परिवहन पर जुर्माने की राशि चार लाख तक वसूली जाएगी।
उधर खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल के मुताबिक सरकार ने खनिज की नई नीति बनाई है उससे सरकार का राजस्व कई गुना बढ़ जाएगा।


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