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महिला स्व-सहायता समूहों को मिला एमपी राज्य आजीविका मिशन का काम, कमलनाथ सरकार ने एमपी एग्रो के जरिये ठेकेदारों को पहुंचाया था लाभ

प्रदेश की महिला स्व-सहायता अब एमपी राज्य आजीविका मिशन का काम देखेंगी, शिवराज सरकरा ने कमलनाथ सरकार के उस फैसले को पलट दिया है, जिसे एमपी एग्रो के जरिये सिर्फ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाया जाता था.

Kamal Nath government benefited contractors through MPAgro
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया
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Published : Sep 29, 2021, 5:22 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में एमपी एग्रो के माध्यम से पोषण आहार का ठेका दे दिया जाता था, ताकि ठेकेदारों को उपकृत किया जा सके, इसलिए मौजूदा सरकार ने एमपी एग्रो से ठेका वापस लेकर अब स्व सहायता समूह को दे रही है. यह कहना है पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का. सिसौदिया के अनुसार प्रदेश में चल रहे 700 करोड़ के काम अब यह स्व सहायता समूह ही देखेंगे.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया

38 लाख निर्धन परिवारों को मिलेगा लाभ

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश के लगभग 45000 गांवों के करीब 3 लाख 33 हजार स्व सहायता समूहों का गठन कर, करीब 38 लाख ग्रामीण-निर्धन परिवारों की आजीविका को गति दी जाएगी, साथ ही अनेक अवसर उपलब्ध कराने के लिए मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहयोग किया जा रहा है. इसी क्रम में सरकार द्वारा समय-समय पर महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं.

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पिछली सरकार ने सिर्फ ठेकेदारों को उपकृत किया

समूहों के परिसंघ यथा ग्राम संगठन, संकुल स्तरीय संगठनों के माध्यम से सामूहिक उद्यमों का संचालन किया जा रहा है, मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत आजीविका मिशन द्वारा गठित महिला स्व सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा पोषण आहार संयंत्रों का संचालन प्रबंधन, उत्पादन, प्रदायगी एवं वित्तीय नियंत्रण का कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया है. पोषण आहार का यह काम पहले एमपी एग्रो किया करती थी, लेकिन कमलनाथ सरकार में उसमें सिर्फ ठेकेदारों को उपकृत करने का काम किया गया, जिसके चलते उससे ठेका निरस्त कर अब वापस स्व सहायता समूह को यह काम दिया जा रहा है.

महिला सशक्तिकरण में एमपी को नंबर वन बनाना है

सिसौदिया ने कहा कि संयंत्रों के संचालन से प्राप्त होने वाले लाभांश में से 5 प्रतिशत का उपयोग संयंत्रों के संधारण के लिए सुरक्षित रखते हुए 95 प्रतिशत लाभांश स्व-सहायता समूहों को प्राप्त होगा. वर्तमान में इन संयंत्रों में प्रति माह अनुमानित 50 से 60 करोड़ रुपये का पोषण आहार तैयार होता है. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा काम समूहों को सौंपे जाने से सरकार की महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में अनूठी योजनाएं लागू की जा रही हैं, ताकि प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाया जा सके.

भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में एमपी एग्रो के माध्यम से पोषण आहार का ठेका दे दिया जाता था, ताकि ठेकेदारों को उपकृत किया जा सके, इसलिए मौजूदा सरकार ने एमपी एग्रो से ठेका वापस लेकर अब स्व सहायता समूह को दे रही है. यह कहना है पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया का. सिसौदिया के अनुसार प्रदेश में चल रहे 700 करोड़ के काम अब यह स्व सहायता समूह ही देखेंगे.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया

38 लाख निर्धन परिवारों को मिलेगा लाभ

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा प्रदेश के लगभग 45000 गांवों के करीब 3 लाख 33 हजार स्व सहायता समूहों का गठन कर, करीब 38 लाख ग्रामीण-निर्धन परिवारों की आजीविका को गति दी जाएगी, साथ ही अनेक अवसर उपलब्ध कराने के लिए मार्गदर्शन एवं वित्तीय सहयोग किया जा रहा है. इसी क्रम में सरकार द्वारा समय-समय पर महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं.

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पिछली सरकार ने सिर्फ ठेकेदारों को उपकृत किया

समूहों के परिसंघ यथा ग्राम संगठन, संकुल स्तरीय संगठनों के माध्यम से सामूहिक उद्यमों का संचालन किया जा रहा है, मध्यप्रदेश राज्य आजीविका फोरम अंतर्गत आजीविका मिशन द्वारा गठित महिला स्व सहायता समूहों के परिसंघों द्वारा पोषण आहार संयंत्रों का संचालन प्रबंधन, उत्पादन, प्रदायगी एवं वित्तीय नियंत्रण का कार्य कराए जाने का निर्णय लिया गया है. पोषण आहार का यह काम पहले एमपी एग्रो किया करती थी, लेकिन कमलनाथ सरकार में उसमें सिर्फ ठेकेदारों को उपकृत करने का काम किया गया, जिसके चलते उससे ठेका निरस्त कर अब वापस स्व सहायता समूह को यह काम दिया जा रहा है.

महिला सशक्तिकरण में एमपी को नंबर वन बनाना है

सिसौदिया ने कहा कि संयंत्रों के संचालन से प्राप्त होने वाले लाभांश में से 5 प्रतिशत का उपयोग संयंत्रों के संधारण के लिए सुरक्षित रखते हुए 95 प्रतिशत लाभांश स्व-सहायता समूहों को प्राप्त होगा. वर्तमान में इन संयंत्रों में प्रति माह अनुमानित 50 से 60 करोड़ रुपये का पोषण आहार तैयार होता है. उन्होंने कहा कि इतना बड़ा काम समूहों को सौंपे जाने से सरकार की महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में अनूठी योजनाएं लागू की जा रही हैं, ताकि प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाया जा सके.

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