भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने मध्य प्रदेश में हाल ही में संपन्न उपचुनाव और उसके परिणामों की सोनिया गांधी को जानकारी दी. कांग्रेस के मुताबिक इस मुलाकात को सामान्य बताया जा रहा है, लेकिन इस मुलाकात से मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज दिखाई दे रही है.
दरअसल 29 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दतिया के पीताम्बरा देवी मंदिर में पहुंची थी. वहीं दूसरी ओर कमलनाथ इसी दिन अचानक केदारनाथ धाम के दर्शन करने उत्तराखंड पहुंच गए थे. प्रियंका के अचानक मध्य प्रदेश में आने से कयास लगाए जा रहे थे कि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रियंका मध्य प्रदेश में सक्रिय दिखाई दे सकती है. वहीं यह भी कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ प्रियंका की सक्रियता से खुश नहीं है, इसलिए वे अचानक बाबा केदारनाथ की शरण में पहुंच गए थे.
कांग्रेस ने बताया सामान्य मुलाकात
हालांकि कांग्रेस कमलनाथ और सोनिया गांधी की दिल्ली में हुई इस मुलाकात को सामान्य बता रही है. कांग्रेस के अनुसार, कमलनाथ ने सोनिया गांधी से देश भर में पिछले एक वर्ष से चल रहे किसान आंदोलन, तीन कृषि कानूनों से लेकर देशव्यापी खाद संकट और किसानों को आ रही परेशानी के बारे में चर्चा की. इसी के साथ कमलनाथ ने कोयला संकट, बढ़ती महंगाई और कांग्रेस के सदस्यता अभियान को लेकर भी चर्चा की. लेकिन राजनीतिक जानकार प्रियंका की सक्रियता से इस मुलाकात को जोड़कर देख रहे है.
प्रियंका गांधी अचानक पहुंचीं थी दतिया
29 अक्टूबर को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अचानक दतिया पहुंच गई थी. इस बात की जानकारी कांग्रेस को छोड़कर किसी को नहीं थी. अचानक एमपी में प्रियंका के कदम पड़ने पर कयास लगाए जा रहे थे कि यूपी के साथ-साथ प्रियंका मध्यप्रदेश के 2023 के चुनाव में भी दखल देंगी. मध्य प्रदेश की सक्रिय राजनीति में नजर आएंगी. आम तौर देखा गया है कि मध्य प्रदेश में राहुल गांधी और कमलनाथ ही नजर आते हैं.
कमलनाथ भी अचानक पहुंचे थे केदारनाथ धाम
इधर प्रियंका गांधी एमपी में पहुंची वहींं दूसरी ओर कमलनाथ भी अचानक केदारनाथ पहुंच गए थे. इस दौरान उन्होंने बाबा केदारनाथ से देश और प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की. प्रदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी आना और पीसीसी चीफ कमलनाथ केदारनाथ धाम चले जाना इसको लेकर भी सियासी गलियारों में हलचल तेज हुई थी.