ETV Bharat / state

Kailash Vijayvargiya Statement: चुनावी साल में विजयवर्गीय का विवादित बयान, कमजोर कड़ियां जोड़ने निकले कैलाश ऐसा क्यों बोल गए - जो भारत माता की जय नहीं बोलता

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बीते दिन एक विवादित बयान दिया. कहा जा रहा है विजयवर्गीय का यह बयान चुनाव के ठीक पहले बीजेप के लिए संकट न खड़ा कर दे.

Kailash Vijayvargiya Statement
कैलाश विजयवर्गीय
author img

By

Published : Aug 7, 2023, 7:56 PM IST

विजयवर्गीय का विवादित बयान

भोपाल। राजनीति में बयानों की टाइमिंग बहुत मायने रखती है. नेता बखूबी जानते हैं कि कब क्या कहा जाना कितना असर दिखाएगा...तो इस नजरिए से 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी संगठन के कसावट को निकले कैलाश विजयवर्गीय के बयानों को क्या माना जाए. यूं विवादित बयानों से विजयवर्गीय का पुराना वास्ता रहा है. लेकिन चुनाव में चंद महीने पहले विवादित बयानों के साथ विजयवर्गीय जिस तरह से कई मौकों पर पार्टी की ही बखिया उधेड़ रहे हैं. कहीं ये बयान चुनाव के ऐन पहले बीजेपी के लिए ही बड़ा संकट तो नहीं. भारत के खिलाफ बोलने वालों की जान लेने से भी पीछे नहीं हटने का विवादित बयान देने वाले विजयवर्गीय का चुनाव से पहले व्यापम का मुद्दा उठाना.. क्या किसी नई राजनीति का हिस्सा है.

विजयवर्गीय के विवादित बोल...क्या नहीं क्यों बोले: एमपी में बीजेपी संगठन की कसावट के लिए निकले कैलाश विजयर्गीय का टारगेट क्या है. ये सवाल उनके बयानों के साथ उठ रहा है. वो विवादित बयान जो कैलाश विजयवर्गीय से ज्यादा पार्टी की मुश्किल बढ़ा रहे है. बीजेपी के लिए चुनावी इम्तेहान बीते चुनाव के मुकाबले इस बार मुश्किल दिखाई दे रहा है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे इस बात की पुष्टि करती हैं. अब ऐसे में पार्टी के पास पुराने रायता समेटने से ही फुर्सत नहीं कि नए मुश्किलों को संभाला जाए, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय लगातार पार्टी के सामने यही हालात बना रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के बयान का विरोध इसी आधार पर हुआ है कि वे कानून हाथ में लेने की बात कर रहे हैं. रतलाम पहुंचे कैलश विजयवर्गीय ने अपने भाषण के दौरान कह दिया कि भारत माता के विरोध में बोलने वाले की जान लेने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे. भले इसे कैलाश विजयवर्गीय के समर्थन में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के कैलाश उपक्रम की तरह बता रहे हों, लेकिन कांग्रेस को तो इस बयान ने हाथ में मुद्दा दे दिया, कि क्या एमपी में बीजेपी के दिग्गज नेता कानून हाथ में लेने की पैरवी कर रहे हैं.

चुनाव से पहले बीजेपी से उठता व्यापम का मुद्दा: क्या वजह है कि जिस व्यापम से बीजेपी हर वक्त दामन छुड़ाती रही है. उस व्यापम के मुद्दे को फिर चर्चा में कांग्रेस से पहले कैलाश विजयवर्गीय लेकर आए. बेशक वे सिरोंज में पूर्व मंत्री दिवंगत बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत शर्मा के इलाके में थे, लेकिन मामला सिर्फ लक्ष्मीकांत को क्लीन चिट और उमाकांत शर्मा की जमीन मजबूत करने तक नहीं रहा. विजयवर्गीय लक्ष्मीकांत को क्लीनचिट देते जो कह गए वो काबिल ए गौर है. उन्होंने तकदीर का हवाला दिया और कहा कि "निर्दोष होते हुए लक्ष्मीकांत दोषी बनें. लेकिन ये कौन पूछेगा कि उनकी हथेली पर ये लकीरें गोदी किसने थी. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को लेकर पार्टी के भीतर ही कई सवाल हैं. इसे उनकी दबंगता मानी जाए या दांव.

यहां पढ़ें...

नाराज भाजपाईयों की संभालने निकले कैलाश: एमपी में बीजेपी की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय वो शख्सियत हैं. जिन्होंने अपनी राजनीति की नई लकीर खींच ली है. ताकत ये है कि कैलाश विजयवर्गीय की गिनती बीजेपी का चाणक्य अमित शाह के करीबियों में होती है. बाकी वे खुद बतौर महासचिव उन्हें दी गई जिम्मेदारियों के जरिए अपनी परफार्मेंस समय-समय पर पार्टी को दिखा चुक हैं. बीजेपी की कमजोर कड़ियों को मजबूती से जोड़ने निकले हैं विजयवर्गीय लेकिन उनके बयानों की दिशा कुछ और क्यों है.

विजयवर्गीय का विवादित बयान

भोपाल। राजनीति में बयानों की टाइमिंग बहुत मायने रखती है. नेता बखूबी जानते हैं कि कब क्या कहा जाना कितना असर दिखाएगा...तो इस नजरिए से 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी संगठन के कसावट को निकले कैलाश विजयवर्गीय के बयानों को क्या माना जाए. यूं विवादित बयानों से विजयवर्गीय का पुराना वास्ता रहा है. लेकिन चुनाव में चंद महीने पहले विवादित बयानों के साथ विजयवर्गीय जिस तरह से कई मौकों पर पार्टी की ही बखिया उधेड़ रहे हैं. कहीं ये बयान चुनाव के ऐन पहले बीजेपी के लिए ही बड़ा संकट तो नहीं. भारत के खिलाफ बोलने वालों की जान लेने से भी पीछे नहीं हटने का विवादित बयान देने वाले विजयवर्गीय का चुनाव से पहले व्यापम का मुद्दा उठाना.. क्या किसी नई राजनीति का हिस्सा है.

विजयवर्गीय के विवादित बोल...क्या नहीं क्यों बोले: एमपी में बीजेपी संगठन की कसावट के लिए निकले कैलाश विजयर्गीय का टारगेट क्या है. ये सवाल उनके बयानों के साथ उठ रहा है. वो विवादित बयान जो कैलाश विजयवर्गीय से ज्यादा पार्टी की मुश्किल बढ़ा रहे है. बीजेपी के लिए चुनावी इम्तेहान बीते चुनाव के मुकाबले इस बार मुश्किल दिखाई दे रहा है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे इस बात की पुष्टि करती हैं. अब ऐसे में पार्टी के पास पुराने रायता समेटने से ही फुर्सत नहीं कि नए मुश्किलों को संभाला जाए, लेकिन कैलाश विजयवर्गीय लगातार पार्टी के सामने यही हालात बना रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव के बयान का विरोध इसी आधार पर हुआ है कि वे कानून हाथ में लेने की बात कर रहे हैं. रतलाम पहुंचे कैलश विजयवर्गीय ने अपने भाषण के दौरान कह दिया कि भारत माता के विरोध में बोलने वाले की जान लेने से भी हम पीछे नहीं हटेंगे. भले इसे कैलाश विजयवर्गीय के समर्थन में कार्यकर्ताओं में जोश भरने के कैलाश उपक्रम की तरह बता रहे हों, लेकिन कांग्रेस को तो इस बयान ने हाथ में मुद्दा दे दिया, कि क्या एमपी में बीजेपी के दिग्गज नेता कानून हाथ में लेने की पैरवी कर रहे हैं.

चुनाव से पहले बीजेपी से उठता व्यापम का मुद्दा: क्या वजह है कि जिस व्यापम से बीजेपी हर वक्त दामन छुड़ाती रही है. उस व्यापम के मुद्दे को फिर चर्चा में कांग्रेस से पहले कैलाश विजयवर्गीय लेकर आए. बेशक वे सिरोंज में पूर्व मंत्री दिवंगत बीजेपी नेता लक्ष्मीकांत शर्मा के इलाके में थे, लेकिन मामला सिर्फ लक्ष्मीकांत को क्लीन चिट और उमाकांत शर्मा की जमीन मजबूत करने तक नहीं रहा. विजयवर्गीय लक्ष्मीकांत को क्लीनचिट देते जो कह गए वो काबिल ए गौर है. उन्होंने तकदीर का हवाला दिया और कहा कि "निर्दोष होते हुए लक्ष्मीकांत दोषी बनें. लेकिन ये कौन पूछेगा कि उनकी हथेली पर ये लकीरें गोदी किसने थी. कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान को लेकर पार्टी के भीतर ही कई सवाल हैं. इसे उनकी दबंगता मानी जाए या दांव.

यहां पढ़ें...

नाराज भाजपाईयों की संभालने निकले कैलाश: एमपी में बीजेपी की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय वो शख्सियत हैं. जिन्होंने अपनी राजनीति की नई लकीर खींच ली है. ताकत ये है कि कैलाश विजयवर्गीय की गिनती बीजेपी का चाणक्य अमित शाह के करीबियों में होती है. बाकी वे खुद बतौर महासचिव उन्हें दी गई जिम्मेदारियों के जरिए अपनी परफार्मेंस समय-समय पर पार्टी को दिखा चुक हैं. बीजेपी की कमजोर कड़ियों को मजबूती से जोड़ने निकले हैं विजयवर्गीय लेकिन उनके बयानों की दिशा कुछ और क्यों है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.