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शासकीय प्रांतीय महाविद्यालय संघ ने राज्यपाल लालजी टंडन को लिखा पत्र, की ये बड़ी मांग - कोविड19ट्रेकर

शासकीय प्रांतीय महाविद्यालय संघ ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है. कैलाश त्यागी ने पत्र लिखकर महाविद्यालय के छात्रों को जनरल प्रमोशन देने की मांग की है.

Kailash Tyagi wrote a letter to Governor Lalji Tandon
राज्यपाल लालजी टंडन
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Published : Apr 17, 2020, 5:06 PM IST

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते महाविद्यालयों की परीक्षाएं एक बार फिर स्थगित हो गई हैं. महाविद्यालयों की यह परीक्षाएं 28 अप्रैल से होने थी. जिसे बढ़ाकर अब 20 मई कर दिया गया है. जिसको लेकर शासकीय प्रांतीय महाविद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है.

राज्यपाल को लिखा पत्र

कैलाश त्यागी ने पत्र लिखकर 20 मई को परीक्षा आयोजित करने पर चिंता जताई है. उन्होंने पत्र के जरिए यह मांग की है कि महाविद्यालय के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जाए. दरअसल लॉकडाउन के चलते महाविद्यालय की परीक्षाएं पहले ही स्थगित हो चुकी थी. अब लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में जो परीक्षाएं 28 अप्रैल को आयोजित की जाने वाली थीं. उन्हें भी स्थगित करना पड़ा. ऐसे में अब 20 मई को परीक्षाएं आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने छात्रों को जनरल प्रमोशन देने की मांग की है.

LETTER
पत्र

उन्होंने पत्र के माध्यम से यह बताया है कि अगर 20 मई को परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी तो कई छात्र परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ रहेंगे. क्योंकि लॉकडाउन के चलते आधे से ज्यादा बच्चे अपने घरों की ओर लौट चुके हैं. ज्यादातर बच्चे दूसरे राज्यों से आते हैं. ऐसे में 20 मई को परीक्षा की डेट तय करने पर उन छात्रों में परीक्षा को लेकर भय होगा. उनका कहना है कि परीक्षा सीमित समय में कराने के उद्देश्य से समय सारणी में प्रश्न पत्रों के मध्य अंतराल की कमी होगी. कई पेपर एक सात आयोजित करने से परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की संख्या में भी वृद्धि होगी.

वर्तमान में ही संभाग एवं जिला मुख्यालय के परीक्षा केंद्रों पर मुख्य प्रश्न पत्रों की परीक्षा में लगभग 1500 से 2000 विद्यार्थी सम्मिलित हो रहे थे. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों के अनुरूप संभाग स्तर के बड़े परीक्षा केंद्रों पर 500 से अधिक छात्रों की बैठक व्यवस्था नहीं हो सकती है. ऐसे में छोटे महाविद्यालयों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. संघ का कहना है कि अगर मई में परीक्षा स्थगित करते हैं तो जून में मानसून आ जाएगा. जिससे भी परीक्षाएं प्रभावित होंगी. कोरोना संक्रमण का प्रकोप कब तक रहेगा इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. क्योंकि प्रतिदिन इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में परीक्षाएं आयोजित कर छात्रों को इकट्ठा करने से इसके बढ़ने की संभावनाएं हैं. ऐसे में सरकार को जनरल प्रमोशन देने पर विचार करना चाहिए.

भोपाल। कोरोना वायरस के चलते महाविद्यालयों की परीक्षाएं एक बार फिर स्थगित हो गई हैं. महाविद्यालयों की यह परीक्षाएं 28 अप्रैल से होने थी. जिसे बढ़ाकर अब 20 मई कर दिया गया है. जिसको लेकर शासकीय प्रांतीय महाविद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखा है.

राज्यपाल को लिखा पत्र

कैलाश त्यागी ने पत्र लिखकर 20 मई को परीक्षा आयोजित करने पर चिंता जताई है. उन्होंने पत्र के जरिए यह मांग की है कि महाविद्यालय के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिया जाए. दरअसल लॉकडाउन के चलते महाविद्यालय की परीक्षाएं पहले ही स्थगित हो चुकी थी. अब लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. ऐसे में जो परीक्षाएं 28 अप्रैल को आयोजित की जाने वाली थीं. उन्हें भी स्थगित करना पड़ा. ऐसे में अब 20 मई को परीक्षाएं आयोजित करने पर विचार किया जा रहा है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश त्यागी ने छात्रों को जनरल प्रमोशन देने की मांग की है.

LETTER
पत्र

उन्होंने पत्र के माध्यम से यह बताया है कि अगर 20 मई को परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी तो कई छात्र परीक्षा में शामिल होने में असमर्थ रहेंगे. क्योंकि लॉकडाउन के चलते आधे से ज्यादा बच्चे अपने घरों की ओर लौट चुके हैं. ज्यादातर बच्चे दूसरे राज्यों से आते हैं. ऐसे में 20 मई को परीक्षा की डेट तय करने पर उन छात्रों में परीक्षा को लेकर भय होगा. उनका कहना है कि परीक्षा सीमित समय में कराने के उद्देश्य से समय सारणी में प्रश्न पत्रों के मध्य अंतराल की कमी होगी. कई पेपर एक सात आयोजित करने से परीक्षा केंद्रों पर छात्रों की संख्या में भी वृद्धि होगी.

वर्तमान में ही संभाग एवं जिला मुख्यालय के परीक्षा केंद्रों पर मुख्य प्रश्न पत्रों की परीक्षा में लगभग 1500 से 2000 विद्यार्थी सम्मिलित हो रहे थे. लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों के अनुरूप संभाग स्तर के बड़े परीक्षा केंद्रों पर 500 से अधिक छात्रों की बैठक व्यवस्था नहीं हो सकती है. ऐसे में छोटे महाविद्यालयों की स्थिति का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. संघ का कहना है कि अगर मई में परीक्षा स्थगित करते हैं तो जून में मानसून आ जाएगा. जिससे भी परीक्षाएं प्रभावित होंगी. कोरोना संक्रमण का प्रकोप कब तक रहेगा इसका कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. क्योंकि प्रतिदिन इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में परीक्षाएं आयोजित कर छात्रों को इकट्ठा करने से इसके बढ़ने की संभावनाएं हैं. ऐसे में सरकार को जनरल प्रमोशन देने पर विचार करना चाहिए.

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