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जूनियर सेल्समैन परीक्षा के अभ्यर्थियों ने किया आंदोलन, 'नौकरी नहीं तो वोट नहीं' के लगाए नारे

मध्यप्रदेश में बेरोजगार युवा लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी विषय में मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग के जूनियर सेल्समेन परीक्षा के अभ्यर्थी साल 2018 में हुई परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आज सरकार से ज्वाइनिंग की मांग कर रहे हैं.

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युवाओं ने किया आंदोलन
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Published : Sep 26, 2020, 12:56 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं का आक्रोश अब शिवराज सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा है. मध्यप्रदेश में बेरोजगार युवा लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा अब सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. भर्ती नहीं तो वोट नहीं के नारों के साथ प्रदेशभर में युवाओं का आंदोलन जारी है. इसी विषय में मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग जूनियर सेल्समेन के अभ्यर्थी साल 2018 में हुई परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आज सरकार से जॉइनिंग की मांग कर रहे हैं, लंबे समय से ये युवा सरकार से जॉइनिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक जूनियर सेल्समैन के एक भी अभ्यर्थी को जॉइनिंग नहीं मिली है.

जूनियर सेल्समैन परीक्षा के अभ्यर्थियों कर सकते हैं उपचुनाव का बहिष्कार

नौकरी के लिए भटक रहे युवा

मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग द्वारा साल 2018 में 3629 पदों पर कनिष्ठ संविदा विक्रेता जूनियर सेल्समैन भर्ती के ऑनलाइन आवेदन किए गए थे. जिसमें 1 लाख से भी अधिक युवाओं ने आवेदन किया था. जिसमें युवाओं का चयन कक्षा 12वीं की परसेंटेज के मेरिट लिस्ट के आधार पर किया गया था. जिसका परिणाम 2 साल की देरी से 20 मार्च 2020 को घोषित किया गया. इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थी 2 साल बाद भी नौकरी के लिए दरबदर भटक रहे हैं.

जूनियर सेल्समैन की वेरिफिकेशन प्रक्रिया अटकी

युवाओं का कहना है कि मई 2020 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी शुरू हो चुका था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई. अब लॉक डाउन के बाद अनलॉक में सरकारी विभाग खुल चुके हैं और विभागों में काम भी शुरू हो चुका है, लेकिन जूनियर सेल्समैन की वेरिफिकेशन प्रक्रिया अवधि अटकी हुई है.

नाराज संविदा विक्रेता

भर्ती नहीं मिलने से नाराज संविदा विक्रेता जूनियर सेल्समैन सरकार से सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती की मांग कर रहे हैं. इस विषय में जूनियर सेल्समैन ने प्रदेश भर के जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है, साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी ज्ञापन दे चुके हैं, इसके बाद भी अब तक जूनियर सेल्समैन की आवाज सरकार तक नहीं पहुंची है.

आर्थिक तंगी के शिकार जूनियर सेल्समेन

जूनियर सेल्समेन का कहना है कि हम पिछले 5 माह से भर्ती के लिए भटक रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा कोई उचित जवाब नहीं मिल रहा है और ना ही सरकार भर्ती प्रक्रिया निकालने के लिए कोई आश्वासन दे रही है. ऐसे में जूनियर सेल्समेन मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. लॉकडाउन में आर्थिक तंगी का शिकार जूनियर सेल्समेन अब अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने की बात कर रहे हैं. जूनियर सेल्समेन का कहना है कि अगर जल्द ही भर्ती नहीं निकाली गई, तो वह उप चुनाव से पहले बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी की तैयारी करने वाले युवाओं का आक्रोश अब शिवराज सरकार के लिए चुनौती बनता जा रहा है. मध्यप्रदेश में बेरोजगार युवा लगातार अपनी मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदेश में विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा अब सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. भर्ती नहीं तो वोट नहीं के नारों के साथ प्रदेशभर में युवाओं का आंदोलन जारी है. इसी विषय में मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग जूनियर सेल्समेन के अभ्यर्थी साल 2018 में हुई परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद आज सरकार से जॉइनिंग की मांग कर रहे हैं, लंबे समय से ये युवा सरकार से जॉइनिंग की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक जूनियर सेल्समैन के एक भी अभ्यर्थी को जॉइनिंग नहीं मिली है.

जूनियर सेल्समैन परीक्षा के अभ्यर्थियों कर सकते हैं उपचुनाव का बहिष्कार

नौकरी के लिए भटक रहे युवा

मध्यप्रदेश सहकारिता विभाग द्वारा साल 2018 में 3629 पदों पर कनिष्ठ संविदा विक्रेता जूनियर सेल्समैन भर्ती के ऑनलाइन आवेदन किए गए थे. जिसमें 1 लाख से भी अधिक युवाओं ने आवेदन किया था. जिसमें युवाओं का चयन कक्षा 12वीं की परसेंटेज के मेरिट लिस्ट के आधार पर किया गया था. जिसका परिणाम 2 साल की देरी से 20 मार्च 2020 को घोषित किया गया. इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण अभ्यर्थी 2 साल बाद भी नौकरी के लिए दरबदर भटक रहे हैं.

जूनियर सेल्समैन की वेरिफिकेशन प्रक्रिया अटकी

युवाओं का कहना है कि मई 2020 में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन भी शुरू हो चुका था, लेकिन लॉकडाउन के कारण वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई. अब लॉक डाउन के बाद अनलॉक में सरकारी विभाग खुल चुके हैं और विभागों में काम भी शुरू हो चुका है, लेकिन जूनियर सेल्समैन की वेरिफिकेशन प्रक्रिया अवधि अटकी हुई है.

नाराज संविदा विक्रेता

भर्ती नहीं मिलने से नाराज संविदा विक्रेता जूनियर सेल्समैन सरकार से सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती की मांग कर रहे हैं. इस विषय में जूनियर सेल्समैन ने प्रदेश भर के जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र भी लिखा है, साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी ज्ञापन दे चुके हैं, इसके बाद भी अब तक जूनियर सेल्समैन की आवाज सरकार तक नहीं पहुंची है.

आर्थिक तंगी के शिकार जूनियर सेल्समेन

जूनियर सेल्समेन का कहना है कि हम पिछले 5 माह से भर्ती के लिए भटक रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा कोई उचित जवाब नहीं मिल रहा है और ना ही सरकार भर्ती प्रक्रिया निकालने के लिए कोई आश्वासन दे रही है. ऐसे में जूनियर सेल्समेन मानसिक प्रताड़ना झेल रहे हैं. लॉकडाउन में आर्थिक तंगी का शिकार जूनियर सेल्समेन अब अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने की बात कर रहे हैं. जूनियर सेल्समेन का कहना है कि अगर जल्द ही भर्ती नहीं निकाली गई, तो वह उप चुनाव से पहले बड़ा आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.

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