भोपाल। मध्य प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले जूनियर डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं. राजधानी के गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन अपनी सेवाएं नहीं दे रहा है. जीएमसी के सामने डॉक्टर्स धरना दे रहे हैं. सभी डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि शासन द्वारा उन्हें केवल आश्वासन दिया गया है. कोविड-19 मरीजों का इलाज करते हुए लगभग 70 परसेंट डॉक्टर्स संक्रमित हो चुके हैं. उनका इलाज भी सही ढंग से नहीं किया गया. कुछ डॉक्टर गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं. ऐसे में शासन को सचेत करने के लिए यह हड़ताल की जा रही है, अगर शासन द्वारा उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो भविष्य में यह आंदोलन बड़ा रूप ले सकता है.
मांगें नहीं मानी तो 'नहीं करेंगे इलाज'
जूडा एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर हरीश पाठक ने बताया कि पिछले महीने भी यह मांगे सरकार के सामने रखी गई थीं. लेकिन सरकार ने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया है. हमारे जूनियर डॉक्टर दिन रात कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं. लगातार संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन उनके इलाज के लिए शासन ने कोई भी व्यवस्था नहीं की है. जूनियर डॉक्टर्स चाहते हैं कि शासन उनको स्वास्थ्य संबंधी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराए. उन्हें अस्पताल में बेड और अच्छी दवाइयां उपलब्ध कराए. इसके साथ ही कोविड में ड्यूटी करने के दौरान अलग से स्टाइफंड की व्यवस्था की जाए. यदि सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हमें कड़े कदम उठाने होंगे साथ ही कोविड मरीजों का इलाज भी बंद कर दिया जाएगा.
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भोपाल में 400 डॉक्टर्स हड़ताल पर
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि आज पूरे मध्य प्रदेश में 2500 डॉक्टर हड़ताल पर हैं. वहीं अकेले भोपाल में करीब 400 से ज्यादा जूनियर डॉक्टर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. एसोसिएशन के सभी सदस्य गुरुवार को ऑफिस के सामने दिन भर बैठे रहे. यहां हड़ताल पर बैठे डॉक्टर्स ने बताया कि वो इमरजेंसी और कोविड कि ड्यूटी नहीं कर रहे हैं. हमारे कंसल्टेंट्स ही आज कोविड के इलाज के दौरान मौजूद रहेंगे. ऐसे में कोविड मरीजों को देखने के लिए जो डॉक्टर्स दिन भर ड्यूटी कर रहे हैं, उन पर लोड बढ़ेगा और इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हुईं.