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खूनी हड़ताल! जूनियर डॉक्टरों ने GMC की बिल्डिंग पर टांगे खून से रंगे एप्रेन - Junior doctors protest

सरकार के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार छठे दिन भी जारी जारी है. डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने सरकार से कई बार बात करने का प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ लगी है. ऐसे में अब आज डॉक्टरों ने खून से सनी जर्सी टांगकर अपने विरोध दर्ज कराया.

JUDA Strike
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल
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Published : Jun 5, 2021, 12:20 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 12:46 PM IST

भोपाल। सरकार के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार छठे दिन भी जारी जारी है. डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने सरकार से कई बार बात करने का प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ लगी है. ऐसे में अब आज डॉक्टरों ने खून से सनी जर्सी टांगकर अपने विरोध दर्ज कराया.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

आंदोलन बड़ा करने की चेतावनी
बता दें कि डॉक्टरों की मांग है कि उनके ऊपर जो हमले होते हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है इसके लिए सरकार कोई कदम उठाए. अगर सरकार मांगे नहीं मानती है तब डॉक्टर इस आंदोलन को बड़ा रूप दे सकते हैं.

हॉस्टल से निकालने का नोटिस
जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें अब हॉस्टल से निकालने के नोटिस आ गए हैं. सभी बच्चों को हॉस्टल से निकालने की कार्रवाई की जा रही है. उनसे कहा जा रहा है कि आप अपना सामान लेकर कहीं और चले जाएं. आप यहां पढ़ाई नहीं कर सकते. इसके विरोध में सभी डॉक्टरों ने अपना सामान बाहर निकाल लिया है. डॉक्टरों ने सामान को सड़क पर रखकर डीन ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

सरकार पर लगाया ये आरोप
डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है, जो बच्चे यहां डॉक्टर की परीक्षा पास कर पढ़ाई कर रहे हैं. उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार वालों को भी परेशान किया जा रहा है. साथ ही दबाव बनाया जा रहा है कि वह हड़ताल से वापस आ जाएं, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.

पूरे देश से मिल रहा हड़ताल को समर्थन
डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें पूरे देश से समर्थन मिल रहा है. शासन को अलग-अलग मेडिकल एसोसिएशन और संस्थानों द्वारा जूनियर डॉक्टर्स की मांग मानने के लिए चिट्टियां लिखी जा रही हैं. अगर यह आंदोलन अभी सरकार द्वारा समाप्त नहीं किया जाता है, तो पूरे देश के डॉक्टर इस आंदोलन में शामिल होंगे.

मध्य प्रदेश में जूडा हड़ताल जारी, समर्थन में राहुल गांधी का ट्वीट

जूनियर डॉक्टर ने बताया कि उन्हें आदेश मिले हैं कि अगर मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ते हैं तो, उन्हें 1000000 से लेकर 300000 रुपए तक वापस करना पड़ेंगे. यह आदेश पढ़ाई कर रहे डॉक्टर के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. क्योंकि प्रदेश में 3000 से ज्यादा डॉ ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं. इसके खिलाफ सरकार ने 28 जूनियर डॉक्टर के नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की है.

भोपाल। सरकार के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल लगातार छठे दिन भी जारी जारी है. डॉक्टरों का कहना है कि उन्होंने सरकार से कई बार बात करने का प्रयास किया लेकिन सफलता हाथ लगी है. ऐसे में अब आज डॉक्टरों ने खून से सनी जर्सी टांगकर अपने विरोध दर्ज कराया.

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

आंदोलन बड़ा करने की चेतावनी
बता दें कि डॉक्टरों की मांग है कि उनके ऊपर जो हमले होते हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जाता है इसके लिए सरकार कोई कदम उठाए. अगर सरकार मांगे नहीं मानती है तब डॉक्टर इस आंदोलन को बड़ा रूप दे सकते हैं.

हॉस्टल से निकालने का नोटिस
जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें अब हॉस्टल से निकालने के नोटिस आ गए हैं. सभी बच्चों को हॉस्टल से निकालने की कार्रवाई की जा रही है. उनसे कहा जा रहा है कि आप अपना सामान लेकर कहीं और चले जाएं. आप यहां पढ़ाई नहीं कर सकते. इसके विरोध में सभी डॉक्टरों ने अपना सामान बाहर निकाल लिया है. डॉक्टरों ने सामान को सड़क पर रखकर डीन ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया.

सरकार पर लगाया ये आरोप
डॉक्टरों का कहना है कि सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है, जो बच्चे यहां डॉक्टर की परीक्षा पास कर पढ़ाई कर रहे हैं. उनके साथ जानवरों जैसा बर्ताव किया जा रहा है. डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार वालों को भी परेशान किया जा रहा है. साथ ही दबाव बनाया जा रहा है कि वह हड़ताल से वापस आ जाएं, लेकिन डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.

पूरे देश से मिल रहा हड़ताल को समर्थन
डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें पूरे देश से समर्थन मिल रहा है. शासन को अलग-अलग मेडिकल एसोसिएशन और संस्थानों द्वारा जूनियर डॉक्टर्स की मांग मानने के लिए चिट्टियां लिखी जा रही हैं. अगर यह आंदोलन अभी सरकार द्वारा समाप्त नहीं किया जाता है, तो पूरे देश के डॉक्टर इस आंदोलन में शामिल होंगे.

मध्य प्रदेश में जूडा हड़ताल जारी, समर्थन में राहुल गांधी का ट्वीट

जूनियर डॉक्टर ने बताया कि उन्हें आदेश मिले हैं कि अगर मेडिकल की पढ़ाई बीच में छोड़ते हैं तो, उन्हें 1000000 से लेकर 300000 रुपए तक वापस करना पड़ेंगे. यह आदेश पढ़ाई कर रहे डॉक्टर के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. क्योंकि प्रदेश में 3000 से ज्यादा डॉ ने अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं. इसके खिलाफ सरकार ने 28 जूनियर डॉक्टर के नामांकन रद्द करने की कार्रवाई की है.

Last Updated : Jun 5, 2021, 12:46 PM IST
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