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15 सितंबर को कुलपतियों की संयुक्त कार्यशाला, नैक ग्रेडिंग के लिए बनेगा एक्शन प्लान

भोपाल में 15 सितम्बर को सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा. यहां नैक ग्रेडिंग के लिए यूनिवर्सिटी को खुद के साधनों से 50 प्रतिशत तक रेवेन्यू मिल सकेगा.

नैक ग्रेडिंग के लिए बनेगा एक्शन प्लान
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Published : Sep 9, 2019, 9:08 AM IST

Updated : Sep 9, 2019, 10:24 AM IST

भोपाल| राजभवन में 15 सितम्बर को सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल होंगे. राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी के जरिए नैक ग्रेडिंग लिए कार्ययोजना बनाने पर ध्यान दिया है.

नैक ग्रेडिंग के लिए बनेगा एक्शन प्लान

संयुक्त कार्यशाला में नैक ग्रेडिंग प्रक्रिया की संकल्पना पर विचार-विमर्श किया जाएगा. विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. देश के दूसरे विश्वविद्यालयों के साथ तुलनात्मक स्थिति पर विचार किया जाएगा. विश्वविद्यालयों को वर्तमान स्थिति से अगले चरण में ले जाने के लिये कार्ययोजना बनाई जाएगी. नैक ग्रेडिंग में गुणवत्ता गहरा प्रभाव रखती है, इसलिए विश्वविद्यालय भवन की साफ-सफाई, लैब और लाइब्रेरी का उपयोग, पानी और ऊर्जा का संरक्षण और खुद के कार्यों पर विशेष ध्यान देने के बारे में सोचा जाएगा. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय संयुक्त कार्यशाला का समन्वय करेगा.
बता दें कि राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से पहली चर्चा में ही कहा था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नैक और रूसा की ग्रेडिंग, नई परियोजनाओं और केन्द्र सरकार की संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विश्वविद्यालय को भरपूर संसाधन मिल सकते हैं.

भोपाल| राजभवन में 15 सितम्बर को सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल होंगे. राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये सभी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी के जरिए नैक ग्रेडिंग लिए कार्ययोजना बनाने पर ध्यान दिया है.

नैक ग्रेडिंग के लिए बनेगा एक्शन प्लान

संयुक्त कार्यशाला में नैक ग्रेडिंग प्रक्रिया की संकल्पना पर विचार-विमर्श किया जाएगा. विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग की स्थिति की समीक्षा की जाएगी. देश के दूसरे विश्वविद्यालयों के साथ तुलनात्मक स्थिति पर विचार किया जाएगा. विश्वविद्यालयों को वर्तमान स्थिति से अगले चरण में ले जाने के लिये कार्ययोजना बनाई जाएगी. नैक ग्रेडिंग में गुणवत्ता गहरा प्रभाव रखती है, इसलिए विश्वविद्यालय भवन की साफ-सफाई, लैब और लाइब्रेरी का उपयोग, पानी और ऊर्जा का संरक्षण और खुद के कार्यों पर विशेष ध्यान देने के बारे में सोचा जाएगा. बरकतउल्ला विश्वविद्यालय संयुक्त कार्यशाला का समन्वय करेगा.
बता दें कि राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी के कुलपतियों से पहली चर्चा में ही कहा था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नैक और रूसा की ग्रेडिंग, नई परियोजनाओं और केन्द्र सरकार की संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विश्वविद्यालय को भरपूर संसाधन मिल सकते हैं.

Intro:कुलपतियों की संयुक्त कार्यशाला 15 सितम्बर को , राजभवन के मार्गदर्शन में बनेगा नैक ग्रेडिंग के लिए एक्शन प्लान


भोपाल | राजभवन में 15 सितम्बर को समस्त निजी एवं शासकीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा, जिसमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष भी शामिल होंगे . राज्यपाल ने प्रदेश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये सभी निजी और शासकीय विश्वविद्यालय द्वारा नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने के लिए सुनियोजित प्रयास किये जाने पर बल दिया है . Body:संयुक्त कार्यशाला में नैक ग्रेडिंग प्रक्रिया की संकल्पना पर विचार-विमर्श किया जायेगा . विश्वविद्यालयों की नैक ग्रेडिंग की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की जायेगी . देश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ तुलनात्मक स्थिति पर विचार किया जायेगा . विश्वविद्यालयों को वर्तमान स्थिति से अगले चरण में ले जाने के लिये कार्य-योजना बनाई जायेगी . नैक ग्रेडिंग में गुणवत्ता गहरा प्रभाव रखती है, इसलिये विश्वविद्यालय परिसर की स्वच्छता, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों की समृद्धता, जल एवं ऊर्जा संरक्षण और स्वावलंबन कार्यों पर विशेष ध्यान देने के बारे में चिंतन किया जायेगा . विश्वविद्यालय द्वारा लक्ष्य निर्धारित करके किस स्तर तक, किस चरण में पहुँचा जा सकेगा, इसका रोड मैप भी तैयार किया जायेगा . सभी विश्वविद्यालयों को ग्रेडिंग निर्धारण के लिये मार्गदर्शन दिया जायेगा . ग्रेडिंग प्रक्रिया के अनुसार समयबद्ध एक्शन प्लान भी बनाया जायेगा . बरकतउल्ला विश्वविद्यालय संयुक्त कार्यशाला का समन्वय करेगा . Conclusion:बता दें कि राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से पहली चर्चा में ही कहा था कि कार्य संस्कृति परिणाम मूलक बनायें . संसाधनों का अभाव बताकर परिणाम नहीं देने की प्रवृत्ति को बदलना होगा . उन्होंने कहा था कि समय के बदलावों के साथ कदमताल करते हुए आगे बढ़ने वालों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होती . विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नैक और रूसा की ग्रेडिंग, नई परियोजनाओं और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विश्वविद्यालय को भरपूर संसाधन उपलब्ध हो सकते हैं . जरूरत प्रगतिशील सकारात्मक सोच के साथ कार्य करने की है . विश्वविद्यालयों को अपने वित्तीय स्त्रोतों का नियोजन इस तरह से करना चाहिए कि स्वयं के साधनों से 50 प्रतिशत और शेष 25-25 प्रतिशत सरकार तथा अन्य मदों से अर्जित किये जायें. जिस विश्वविद्यालय में उच्च गुणवत्ता के शोध और रोजगार परक शिक्षा होगी, उसके सामने कभी भी संसाधनों की कमी नहीं होगी .
Last Updated : Sep 9, 2019, 10:24 AM IST
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