भोपाल। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को 'कटे कोने का खत' लिखा है. पत्र के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष इंदौर शहर और मालवा अंचल की दुख और परेशानी व्यक्त की है. पत्र के साथ बयान जारी करते हुए कहा है कि छल-कपट से बनी और जुगाड़ू सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक 'शोक पत्र' जिसका शीर्षक 'कटे कोने का खत' है, लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि मालवा में इस तरह के पत्र को 'दुख के समय का संदेश पत्र' कहा जाता है.
उन्होंने लिखा है कि 'मेरे मालवा के जिले शिप्रा और नर्मदा का तट मानवता की लाश से आहत हैं. आपके अमानवीय व्यवहार में यह मानवता की तलाश कर रहा है. हे संवेदनशून्य प्रशासक क्या उन चीखों को सुनने के लिए, उनके आंसू पोंछने के लिए, आपके पास समय नहीं है. आपके इंतजार में इस सूने मालवा की आंखें पथरा गई हैं. अब तो पिघलो, अब तो पिघलो और इसके आंसुओं को पोंछने के लिए अब तो आ जाओ. और नहीं तो हम जनप्रतिनिधि काली राई लेकर हम स्वयं आपको इस शोक में बुलाने के लिए उपस्थित होंगे'.
जीतू पटवारी द्वारा लिखे गए पत्र का आशय यह है कि वे लगातार मालवा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से अपील कर रहे हैं कि सामान्य दिनों में तो आप मालवा की धरा पर जनता के बीच झूठी आत्मीयता दिखाने, झूठी घोषणाओं की बौछार करने, जनता को बरगलाने महीने में 4 -5 बार दौरे कर जाते थे, लेकिन इस वैश्विक संकट के चलते जब पूरा मालवा अंचल प्रदेश में कोरोना से सबसे अधिक संक्रमित है. पूरे मालवांचल में संक्रमण अपनी जड़े फैलाता जा रहा है. यहां के हालात अधिकारियों के भरोसे छोड़ आपके बार-बार चेताने के बाद भी एक बार भी मालवा अंचल की ओर अपनी निगाहें उठाकर भी नहीं देख रहे हैं और ना ही यहां आने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं. उन्होने कहा कि संघर्ष करते-करते लोग अपनी जान गवां रहे हैं. कहीं ऐसा ना हो की मुझे आपको यहां बुलाने के लिए खुद 'शोक पत्र' और राई लेकर आना पड़े. जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री से कहा की 'जागो सरकार जागो नहीं तो प्रदेश का मालवांचल क्षेत्र आपको कभी भी माफ नहीं करेगा.