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भाजपा के आरोपों पर जीतू पटवारी का पलटवार, बीजेपी के राज में चीन से आयात तीन गुना बढ़ा - import from china

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर चीन के पक्ष में किए गए काम को लेकर बीजेपी की ओर से लगाए गए आरोपों पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने पलटवार किया है. पटवारी ने बीजेपी से सवाल किया है कि बीजेपी सरकार में चीन से आयात तीन गुना हो गया है तो ऐसे में चीन का एजेंट कौन हुआ.

Jitu patwari
जीतू पटवारी
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Published : Jun 28, 2020, 10:20 AM IST

भोपाल। प्रदेश की राजनीति में इन दिनों चीन का मसला जमकर गरमाया हुआ है और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी जमकर की जा रही है. जहां एक तरफ बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर चीन के हित में काम किए जाने का आरोप लगाया गया है, तो वहीं कांग्रेस भी हमलावर हो गई है. इस कड़ी में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि बीजेपी झूठ और अफवाह तंत्र की राजनीति के साथ अपनी असफलताओं से ध्यान बांटने के लिए देश को गुमराह करने में लगी है.

बीजेपी से मांगे साबूत

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर अनर्गल आरोप लगाकर चीन सीमा की चुनौतियों से ध्यान भटकाना चाहती है. उन्होंने बीजेपी को सबूत सामने लाने की चुनौती दी है.

जीतू पटवारी ने बीजेपी पर ये आरोप लगाए

जीतू पटवारी ने कहा कि सच यह है कि बीजेपी एवं संघ 2009 से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध बढ़ाने में लगे हैं. इसके लिए जब उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल को वहां पर भेजा था तब इस प्रतिनिधिमंडल ने सीपीसी से समानता के बिंदु ढूंढने का काम किया था.

इसके बाद 2014 में बीजेपी का दूसरा शिष्ट मंडल चीन गया और उसने कम्युनिस्ट पार्टी की संगठनात्मक बारीकियों का अध्ययन कर उसे बीजेपी में लागू करने के लिए समझ विकसित की. यह 13 सदस्यीय दल बीजिंग और ग्वांगझाऊ शहरों में भी भ्रमण पर गया था. इसके पूर्व युवा नेताओं का एक दल भी सिद्धार्थ नाथ सिंह के नेतृत्व में भेजा गया था, जिसने वहां पर चाइना सीपीसी से जुड़े हुए स्कूलों का अध्ययन किया था और उसी आधार पर बीजेपी ने तब अपने सांसदों और विधायकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स जैसे पाठ्यक्रम भी चलाए थे.

बीजेपी के नेता बार-बार चीन क्यों जाते हैं?

जीतू ने कहा कि बीजेपी महासचिव राम माधव भी 2009 में चीन जा चुके हैं, सितंबर 2014 में वे पुनः चीन गए थे और उन्होंने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. बीजेपी के एक अन्य दल में भगत सिंह कोश्यारी, तरुण विजय, भोला नाथ सिंह आदि कई नेता चीन दौरे पर गए थे. 27 अगस्त 2019 में भी भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल चीन गया था जिसका नेतृत्व पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने किया था.

चीन और कम्यूनिस्ट पार्टी से भारतीय जनता पार्टी लगातार पींगे बढ़ाती रही है और 2014 के बाद से इन संबंधों के चलते भारत का सकल व्यापार घाटा चीन के साथ बढ़ता जा रहा है. मनमोहन सिंह की सरकार के समय जो आयात औसत 32 लाख 45 हजार 100 अमरीकी डालर प्रति माह के लगभग था वह अब बढ़कर लगभग 96 लाख 16 हजार करोड़ डालर पर पहुंच चुका है.

चीन का व्यापार बीजेपी के राज में बढ़ा
जीतू पटवारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को यह बताना चाहिए कि उनकी पार्टी के राज में जब चीन का व्यापार भारत के साथ तीन गुना बढ़ गया है तो कौन चीन के एजेंट की तरह काम कर रहा है? दुर्भाग्य जनक है कि भाजपा द्विराष्ट्रीय संबंधों की नजाकत को दरकिनार कर बातों की महाभारत में देश को उलझा रही है, जबकि सरकार को पुरानी स्थिति पर लौटने के लिये चीन को बाध्य करना चाहिये. पूरा देश और कांग्रेस भारत की संप्रभुता की रक्षा में सरकार के साथ है. बीजेपी के नेता प्रभात झा को बताना चाहिए कि बीजेपी के इतने नेता बार-बार चीन क्यों जाते हैं ?

भोपाल। प्रदेश की राजनीति में इन दिनों चीन का मसला जमकर गरमाया हुआ है और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति भी जमकर की जा रही है. जहां एक तरफ बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर चीन के हित में काम किए जाने का आरोप लगाया गया है, तो वहीं कांग्रेस भी हमलावर हो गई है. इस कड़ी में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि बीजेपी झूठ और अफवाह तंत्र की राजनीति के साथ अपनी असफलताओं से ध्यान बांटने के लिए देश को गुमराह करने में लगी है.

बीजेपी से मांगे साबूत

प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर अनर्गल आरोप लगाकर चीन सीमा की चुनौतियों से ध्यान भटकाना चाहती है. उन्होंने बीजेपी को सबूत सामने लाने की चुनौती दी है.

जीतू पटवारी ने बीजेपी पर ये आरोप लगाए

जीतू पटवारी ने कहा कि सच यह है कि बीजेपी एवं संघ 2009 से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध बढ़ाने में लगे हैं. इसके लिए जब उन्होंने अपने प्रतिनिधिमंडल को वहां पर भेजा था तब इस प्रतिनिधिमंडल ने सीपीसी से समानता के बिंदु ढूंढने का काम किया था.

इसके बाद 2014 में बीजेपी का दूसरा शिष्ट मंडल चीन गया और उसने कम्युनिस्ट पार्टी की संगठनात्मक बारीकियों का अध्ययन कर उसे बीजेपी में लागू करने के लिए समझ विकसित की. यह 13 सदस्यीय दल बीजिंग और ग्वांगझाऊ शहरों में भी भ्रमण पर गया था. इसके पूर्व युवा नेताओं का एक दल भी सिद्धार्थ नाथ सिंह के नेतृत्व में भेजा गया था, जिसने वहां पर चाइना सीपीसी से जुड़े हुए स्कूलों का अध्ययन किया था और उसी आधार पर बीजेपी ने तब अपने सांसदों और विधायकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स जैसे पाठ्यक्रम भी चलाए थे.

बीजेपी के नेता बार-बार चीन क्यों जाते हैं?

जीतू ने कहा कि बीजेपी महासचिव राम माधव भी 2009 में चीन जा चुके हैं, सितंबर 2014 में वे पुनः चीन गए थे और उन्होंने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी. बीजेपी के एक अन्य दल में भगत सिंह कोश्यारी, तरुण विजय, भोला नाथ सिंह आदि कई नेता चीन दौरे पर गए थे. 27 अगस्त 2019 में भी भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल चीन गया था जिसका नेतृत्व पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने किया था.

चीन और कम्यूनिस्ट पार्टी से भारतीय जनता पार्टी लगातार पींगे बढ़ाती रही है और 2014 के बाद से इन संबंधों के चलते भारत का सकल व्यापार घाटा चीन के साथ बढ़ता जा रहा है. मनमोहन सिंह की सरकार के समय जो आयात औसत 32 लाख 45 हजार 100 अमरीकी डालर प्रति माह के लगभग था वह अब बढ़कर लगभग 96 लाख 16 हजार करोड़ डालर पर पहुंच चुका है.

चीन का व्यापार बीजेपी के राज में बढ़ा
जीतू पटवारी ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी को यह बताना चाहिए कि उनकी पार्टी के राज में जब चीन का व्यापार भारत के साथ तीन गुना बढ़ गया है तो कौन चीन के एजेंट की तरह काम कर रहा है? दुर्भाग्य जनक है कि भाजपा द्विराष्ट्रीय संबंधों की नजाकत को दरकिनार कर बातों की महाभारत में देश को उलझा रही है, जबकि सरकार को पुरानी स्थिति पर लौटने के लिये चीन को बाध्य करना चाहिये. पूरा देश और कांग्रेस भारत की संप्रभुता की रक्षा में सरकार के साथ है. बीजेपी के नेता प्रभात झा को बताना चाहिए कि बीजेपी के इतने नेता बार-बार चीन क्यों जाते हैं ?

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