भोपाल। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे और विधायक जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने सिर्फ बीजेपी के विधायकों से बात की है. सीएम को दूसरे दलों के विधायकों से भी बात करना चाहिए. साथ ही जीतू पटवारी ने कोरोना से जुड़ी खबरों को लेकर मीडिया पर लगाए गए अंकुश पर सवाल खड़े किए हैं. कोरोना वायरस से लड़ाई के समय एक सीएम का जो व्यवहार होना चाहिए, वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नहीं है. जीतू पटवारी ने कहा कि इतनी छोटी मानसिकता का पीछे के दरवाजे से बना हुआ मुख्यमंत्री इस तरह की हरकत कर रहा है, तो इस महामारी से नहीं लड़ सकता है.
जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री जब -जब जो निर्देश देते हैं, कांग्रेस पार्टी उनको आगे बढ़ाकर जनता से आग्रह करती है कि शासन के निर्देशों का पालन करें. दो बातें शिवराज सरकार द्वारा की गई हैं, पहला मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों, विधायकों और सांसदों से संवाद किया, लेकिन उन्होंने सिर्फ भाजपा से चुनकर आए विधायक और उन लोगों से बात की जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए, जो आज विधायक तक नहीं है. कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों से इन्होंने बात नहीं की. मुख्यमंत्री का यह व्यवहार क्या लोकतांत्रिक है ? क्या संवेदनशील है? कोरोना को लेकर जो बातें और व्यवहार होना चाहिए, वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का नहीं है. जीतू पटवारी ने कहा कि सीएम जब जनप्रतिनिधि से बात करते हैं, तो सबसे करें. सब को निर्देश दें और सबको काम पर लगाएं. तब आप प्रदेश के मुख्यमंत्री हो, नहीं तो सिर्फ आप भाजपा के मुख्यमंत्री हो.
जीतू पटवारी ने आगे कहा है कि सीएम एक फरमान जारी किया है कि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बिना अनुमति के कुछ नहीं छाप सकता है और ना ही सार्वजनिक कर सकता है. आप मध्यप्रदेश में क्या करना चाहते हैं ? लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कमियां बताने के लिए पत्रकार के रूप में काम करता है, जिन से सरकारें सजग होती हैं जिन से ही जनप्रतिनिधियों को मुद्दा मिलता है. आपसे अनुरोध है कि यह फरमान वापस लो और बात करना है, तो सबसे करो। आप प्रदेश के मुख्यमंत्री हो,इस नाते सारे जनप्रतिनिधियों से बात करना आपका दायित्व है। इस महामारी से मिलजुल कर लड़ना है।