भोपाल। आम तौर पर जन्माष्टमी के दिन रात को मंदिरों में कृष्ण जन्म उत्सव बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. देश के जाने-माने कृष्ण मंदिर चाहे मथुरा वृंदावन हो या देश भर में बने बड़े शहरों में बिरला मंदिर या अन्य कृष्ण मंदिरों में देर रात कृष्ण जन्म बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. लेकिन इस बार सभी मंदिरों में वह नजारा नजर नहीं आता जो पिछले सालों के जन्माष्टमी के त्यौहार पर आता था. सभी मंदिरों में फूल माला और अन्य प्रकार की सजावट होती थी, लेकिन इस बार सभी मंदिर शांत हैं और किसी भी प्रकार की कोई तैयारी यहां नजर नहीं आ रही हैं.
हर साल की तरह इस साल मटकी फोड़ की प्रतियोगिताएं भी इस बार नहीं हो पाएंगी. तो वहीं कृष्ण भक्तों का कहना है कि भले ही कोरोना काल मे मंदिरों में जन्मोत्सव का आयोजन नहीं किया जा रहा. लेकिन वह अपने घरों में धूमधाम से अपने बाल गोपाल, नंदलाल का झूला सजाएंगे. उनके जन्मोत्सव पर हर्ष उल्लास के साथ पूजा-अर्चना करेंगे और बांसुरी वाले की आराधना करेंगे.
कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित अनिल शास्त्री का कहना है कि कोरोना काल में चूंकि धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध है. ऐसे में कहीं न कहीं श्रद्धालुओं में मायूसी जरूर है, लेकिन उन्हें सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना से बचाव करना है, और इसलिए मंदिरों में सामूहिक आयोजन नहीं किए जा रहे है, और सब से अपील है कि सब अपने घरों में रहकर ही कृष्ण जन्म उत्सव मनाए. गौरतलब है कि कोरोना वायरस के चलते गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किए थे. जिसमें सभी सार्वजनिक और धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाया गया है.