भोपाल। प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी भोपाल और इंदौर के आईटी पार्क को लेकर निवेशकों ने अपनी रुचि नहीं दिखाई है. पिछले 6 सालों में भोपाल में सिर्फ एक ही कंपनी ने अपनी यूनिट स्थापित की है. जबकि इंदौर में एक भी कंपनी में काम नहीं शुरू किया. इंदौर और भोपाल के मुकाबले आईटी कंपनियां जबलपुर में ज्यादा दिलचस्पी ले रहीं हैं. नोएडा, बेंगलुरु, मुंबई की तकरीबन 60 आईटी कंपनियां जबलपुर शिफ्ट होने की तैयारी कर रहीं हैं. इन कंपनियों ने जबलपुर आईटी पार्क में प्लॉट के लिए आवेदन किए हैं. इसमें क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की डिजिटल आईडेंटिटी मैनेजमेंट कंपनी टीएचडी कॉरपोरेशन भी शामिल है.
आईटी कंपनियों की पहली पसंद बना जबलपुर
जबलपुर आईटी पार्क के लिए 6 दिसंबर को हुई इन्वेस्टर समिट में क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की डिजिटल आईडेंटिटी मैनेजमेंट कंपनी टी एच डी कारपोरेशन ने रुचि दिखाई है. टीएचडी फिल्म अभिनेता रितिक रोशन के प्रमोशन का काम भी देखती है. इसके अलावा डिजिटल हेलमेट बनाने वाली नेट एज कंपनी, सेमग्रुप, 3G एसोसिएट जबलपुर से काम शुरू करने को तैयार है. इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट बनाने वाली सीमेंस कंपनी पहले से ही यहां काम शुरू कर चुकी है. कंपनी को पिछले दिनों नेपाल सरकार का 400 करोड़ का टेंडर भी मिला है.
सस्ता मैन पावर व बेहतर कनेक्टिविटी है वजह
आईटी कंपनियों में पेटीएम, वोडाफोन, एसिड क्लिक कंपन यहां पहले से काम कर रही है. ये कंपनी न्यूयॉर्क का बीपीओ संचालित करती है. जबलपुर आईटी पार्क के प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण दीक्षित के मुताबिक अगले 6 माह में जबलपुर में बड़ी संख्या में कंपनियां आ जाएंगी. जबलपुर दूसरे शहरों की अपेक्षा सस्ता है, स्किल्ड मैन पावर है और दूसरे शहरों से बेहतर कनेक्टिविटी भी है.
भोपाल व इंदौर आईटी पार्क की हालत खराब
भोपाल व इंदौर आईटी पार्क के 77 प्लॉट आज भी निवेशकों के इंतजार कर रहे हैं. भोपाल आईटी पार्क में करीबन 122 प्लॉट हैं, लेकिन अभी भी 55 भूखंड खाली हैं. भोपाल में पूर्व में कई कंपनियों ने प्लॉट तो लिए, लेकिन यूनिट स्थापित करने को लेकर रुचि नहीं दिखाई. नतीजतन मैप आईटी पूर्व में 17 कंपनियों की आवंटन रद्द कर चुकी है.
इंदौर आईटी पार्क में शुरू नहीं हुआ मैन्युफैक्चरिंग का काम
मौजूदा समय में भोपाल आईटी पार्क में सिर्फ एक कंपनी ग्रीन सर्फर ने ही प्रोडक्शन यूनिट शुरू किया है. कंपनी ने यहां करीब डेढ़ सौ करोड़ का निवेश किया है. हालांकि मैप आईटी ने एक बार फिर 54 प्लॉटों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू की है. ऐसा ही हाल इंदौर आईटी पार्क का है. इंदौर आईटी पार्क में 23 प्लॉट पर अभी निवेशकों का इंतजार हो रहा है. इंदौर आईटी पार्क में अब तक एक भी यूनिट स्थापित नहीं हो सकी है. हालांकि इंदौर के आईटी बिल्डिंग में जरूर करीबन 22 कंपनियां काम कर रही हैं, लेकिन अभी मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है.इस संबंध में एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार बेहद सकारात्मकता के साथ दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, आने वाले कुछ महीनों में इसके बेहतर नतीजे सामने दिखाई देंगे.