भोपाल। आयकर रिटर्न भरने में पहले 9 महीने और फिर 10 दिन की मोहलत 10 जनवरी को खत्म होने जा रही है. निर्धारित समय-सीमा में इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने पर 10 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है. दरअसल टैक्स गणना के मूल्य का 50 से 200 फीसदी तक पेनल्टी तक का प्रावधान है. जो 1000 रुपए से लेकर 10000 रुपए तक हो सकता है.
आयकर रिटर्न भरने में देरी पर टैक्स पेयर्स को पेनल्टी तो भरनी ही पड़ती है. साथ ही कई तरह की इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट भी नहीं मिलती. इस संबंध में सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश जैन की राय है कि अभी कोरोना कॉल चल रहा है. इसलिए सरकार को आयकर रिटर्न की तारीख को बढ़ाया जाना चाहिए.
जुर्माने का नियम
आयकर अधिनियम की धारा 139 (1) के तहत किसी आकलन वर्ष के लिए निर्धारित समय के भीतर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर धारा 234F के तहत लेट फीस देनी होती है, जो कि 10000 रुपये तक है. आमतौर पर किसी आकलन वर्ष के लिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन 31 अगस्त रहती है. इस डेडलाइन तक ही बिना किसी जुर्माने के आईटीआर फाइल किया जा सकता है. अगस्त की डेडलाइन गुजरने के बाद 5000 रुपये की लेट फीस के साथ उसी वर्ष में 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने का मौका रहता है. इसके बाद यदि कोई 31 दिसंबर तक भी रिटर्न फाइल नहीं करता है तो 10000 रुपये लेट फीस के साथ अगले साल 31 मार्च तक रिटर्न फाइल करने का मौका रहता है. हालांकि, यदि टैक्सपेयर की कुल आमदनी 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो उस पर 1000 रुपये की ही पेनल्टी देनी पड़ेगी. यदि इनकम, एग्जम्प्शन लिमिट (2.50 लाख रुपये) से नीचे है तो बिना लेट फीस के 31 मार्च तक रिटर्न फाइल किया जा सकता है.
अब तक तीन बार बढ़ चुकी है डेडलाइन
सरकार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न भरने की तारीख को अब तक तीन बार आगे बढ़ा चुकी है. व्यक्तिगत करदाताओं के मामले में आईटीआर भरने की आखिरी तारीख को सबसे पहले 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 किया गया. फिर इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 किया गया. अब नए आदेश में सरकार ने एक बार फिर इस डेडलाइन को बढ़ाकर 10 जनवरी 2021 कर दिया है.
किस करदाता को कौन सा फॉर्म है उपयोगी
- आइटीआर-1 सहज फॉर्म को कोई भी आम व्यक्ति जिस की वार्षिक आय 50 लाख से ज्यादा ना हो. वह अपनी व्यक्तिगत आय के बारे में जानकारी देते हुए भर सकता है.
- आइटीआर - 2 यह फॉर्म आवासीय संपत्ति से आए प्राप्त करने वाले लोगों द्वारा भरा जाता है.
- आइटीआर - 3 और 6 व्यवसायियों के लिए है.
- आइटीआर- 4 फॉर्म को अविभाजित परिवार और फर्म द्वारा भरा जा सकता है. जिनकी व्यवसाय और किसी दूसरे पेशे से अनुमानित आय 50 लाख रुपए तक है.
- आइटीआर -5 फॉर्म एलएलपी और एसोसिएशन ऑफ पर्सन के लिए है.
- आइटीआर -7 यह फॉर्म उन लोगों के लिए है जिन्हें ट्रस्ट या दूसरे कानूनी जिम्मेदारियों के तहत रखी गई संपत्ति से आय प्राप्त होती है.