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सीएम कमलनाथ के ओएसडी घर आईटी की कार्रवाई से सियासी गलियों में गर्मी बड़ी, बीजेपी ने सरकार पर लगाए आरोप - Congress

भोपाल में रविवार की सुबह से सीएम कमलनाथ के ओएसडी और उनके करीबियों के घरों पर शुरू हुई आयकर विभाग की कार्रवाई से सूबे की सियासत गरमा गई है. इस कार्रवाई को लेकर पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

कार्रवाई के दौरान की तस्वीर
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Published : Apr 8, 2019, 4:47 AM IST

भोपाल। रविवार की सुबह से शुरू हुई आयकर विभाग की कार्रवाई से सूबे की सियासत गरमा गई है. आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के ओएसडी और पूर्व आईएएस प्रवीण कक्कड़ और उनके करीबियों अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी पर एक साथ छापा मार कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दौरान अब तक करीब 9 करोड़ रुपए विभाग के हाथ लगे हैं.


कार्रवाई में पहली बार ली गई सीआरपीएफ की मदद
यह पहला मौका है जब आयकर विभाग ने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ को ऑपरेशन में शामिल किया है. दरअसल, विभाग को अंदेशा था कि कार्रवाई की जद में आए प्रवीण कक्कड़ स्थानीय स्तर पर कार्रवाई प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा, सीआरपीएफ की टीम शनिवार शाम ही 48 घंटे का सफर तय कर भोपाल पहुंच चुकी थी. आयकर विभाग की करीब 35 सदस्य टीम शनिवार रात करीब 9 बजे भोपाल पहुंची और टूरिस्ट की गाड़ियों में सवार होकर करीब 2:30 बजे तक इंदौर रोड पर घूमते रही. टीम ठीक 3 बजे मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के श्यामला हिल्स स्थित नादिर कॉलोनी के मकान नंबर 14 में दाखिल हुई.

कार्रवाई के दौरान की तस्वीर


रुपये गिनने के लिए मंगाई गई मशीन
आयकर विभाग की दूसरी टीम ने न्यू मार्केट स्थित प्लेटिनम प्लाजा के पांचवें और छठे माले पर रहने वाले अश्विनी शर्मा और प्रतीक जोशी के आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की. इस दौरान टीम को इतनी रकम बरामद हुई कि नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी. बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को करीब 9 करोड़ रुपये की नकदी मिली है. हालांकि, अभी तक कार्रवाई के दौरान बरामद रकम का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. कार्रवाई के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं.


सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस में बनी टकराव की स्थिति
आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश में पश्चिम बंगाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं. कार्रवाई को लेकर स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के बीच टकराव का मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. इसको लेकर सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच जमकर गहमागहमी भी हुई. हालांकि, मामला गर्माते देख स्थानीय पुलिस वापस लौट आई. उनका तर्क था कि जिस बिल्डिंग में कार्रवाई की जा रही है वह रहवासी कॉलोनी है और कार्रवाई की वजह से लोगों को बाहर आने जाने नहीं दिया जा रहा है, जिसकी स्थानीय लोगों ने शिकायत की है. उधर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस पर कार्रवाई में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. स्थिति यह बन गई की बिल्डिंग के अंदर सीआरपीएफ के जवान तैनात थे और बाहर बिल्डिंग को स्थानीय पुलिस ने घेर लिया था. इस स्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ को और बल बुलाना पड़ा.


कार्रवाई से सूबे की सियासत में आया उबाल
छापामार कार्रवाई की खबर बाहर आते ही सियासी गलियों का पारा चढ़ गया है. कांग्रेस ने जहां इसे विरोधियों की आवाज दबाने की कार्रवाई बताया है, तो वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस के 100 दिनों की तस्वीर करार दिया है. शिवराज सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 100 दिन में लगभग 100 करोड़ की एक व्यक्ति की कमाई, गजब है मेरे भाई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे एक बात साफ हो गई है कि जो चोर है उसे ही चौकीदार से शिकायत है. कार्रवाई को लेकर पूरे दिन चुप्पी साधे रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम बयान दिया है. उन्होंने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस के आमने-सामने आने पर कहा कि प्रदेश में संविधानिक संकट खड़ा हो गया है.


आईपीएस की नौकरी छोड़ कांग्रेस से जुड़े थे कक्कड़
प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. 2004 में वह नौकरी छोड़ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने थे. इस दौरान उन्होंने कांतिलाल भूरिया के चुनाव के लिए न सिर्फ रणनीति तैयार की बल्कि चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दौरान वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के संपर्क में आए और भूरिया को छोड़कर कमलनाथ के साथ जुड़ गए. प्रदेश में सरकार बनने के बाद प्रवीण कक्कड़ को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना ओएसडी नियुक्त किया था, हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के पहले ही उन्होंने ओएसडी पद छोड़ दिया था. वहीं प्रतीक जोशी और अश्विनी शर्मा दोनों ही कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं. दोनों कई एनजीओ से जुड़े हैं और लाइजनिंग के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. दोनों प्लेटिनम प्लाजा के पांचवी और छठी फ्लोर पर रहते हैं बताया जा रहा है कि दोनों फ्लोर के कई फ्लैट इनके ही है.

भोपाल। रविवार की सुबह से शुरू हुई आयकर विभाग की कार्रवाई से सूबे की सियासत गरमा गई है. आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के ओएसडी और पूर्व आईएएस प्रवीण कक्कड़ और उनके करीबियों अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी पर एक साथ छापा मार कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दौरान अब तक करीब 9 करोड़ रुपए विभाग के हाथ लगे हैं.


कार्रवाई में पहली बार ली गई सीआरपीएफ की मदद
यह पहला मौका है जब आयकर विभाग ने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ को ऑपरेशन में शामिल किया है. दरअसल, विभाग को अंदेशा था कि कार्रवाई की जद में आए प्रवीण कक्कड़ स्थानीय स्तर पर कार्रवाई प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा, सीआरपीएफ की टीम शनिवार शाम ही 48 घंटे का सफर तय कर भोपाल पहुंच चुकी थी. आयकर विभाग की करीब 35 सदस्य टीम शनिवार रात करीब 9 बजे भोपाल पहुंची और टूरिस्ट की गाड़ियों में सवार होकर करीब 2:30 बजे तक इंदौर रोड पर घूमते रही. टीम ठीक 3 बजे मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के श्यामला हिल्स स्थित नादिर कॉलोनी के मकान नंबर 14 में दाखिल हुई.

कार्रवाई के दौरान की तस्वीर


रुपये गिनने के लिए मंगाई गई मशीन
आयकर विभाग की दूसरी टीम ने न्यू मार्केट स्थित प्लेटिनम प्लाजा के पांचवें और छठे माले पर रहने वाले अश्विनी शर्मा और प्रतीक जोशी के आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की. इस दौरान टीम को इतनी रकम बरामद हुई कि नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी. बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को करीब 9 करोड़ रुपये की नकदी मिली है. हालांकि, अभी तक कार्रवाई के दौरान बरामद रकम का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. कार्रवाई के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं.


सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस में बनी टकराव की स्थिति
आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश में पश्चिम बंगाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं. कार्रवाई को लेकर स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के बीच टकराव का मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. इसको लेकर सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच जमकर गहमागहमी भी हुई. हालांकि, मामला गर्माते देख स्थानीय पुलिस वापस लौट आई. उनका तर्क था कि जिस बिल्डिंग में कार्रवाई की जा रही है वह रहवासी कॉलोनी है और कार्रवाई की वजह से लोगों को बाहर आने जाने नहीं दिया जा रहा है, जिसकी स्थानीय लोगों ने शिकायत की है. उधर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस पर कार्रवाई में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. स्थिति यह बन गई की बिल्डिंग के अंदर सीआरपीएफ के जवान तैनात थे और बाहर बिल्डिंग को स्थानीय पुलिस ने घेर लिया था. इस स्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ को और बल बुलाना पड़ा.


कार्रवाई से सूबे की सियासत में आया उबाल
छापामार कार्रवाई की खबर बाहर आते ही सियासी गलियों का पारा चढ़ गया है. कांग्रेस ने जहां इसे विरोधियों की आवाज दबाने की कार्रवाई बताया है, तो वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस के 100 दिनों की तस्वीर करार दिया है. शिवराज सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 100 दिन में लगभग 100 करोड़ की एक व्यक्ति की कमाई, गजब है मेरे भाई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे एक बात साफ हो गई है कि जो चोर है उसे ही चौकीदार से शिकायत है. कार्रवाई को लेकर पूरे दिन चुप्पी साधे रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम बयान दिया है. उन्होंने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस के आमने-सामने आने पर कहा कि प्रदेश में संविधानिक संकट खड़ा हो गया है.


आईपीएस की नौकरी छोड़ कांग्रेस से जुड़े थे कक्कड़
प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. 2004 में वह नौकरी छोड़ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने थे. इस दौरान उन्होंने कांतिलाल भूरिया के चुनाव के लिए न सिर्फ रणनीति तैयार की बल्कि चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दौरान वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के संपर्क में आए और भूरिया को छोड़कर कमलनाथ के साथ जुड़ गए. प्रदेश में सरकार बनने के बाद प्रवीण कक्कड़ को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना ओएसडी नियुक्त किया था, हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के पहले ही उन्होंने ओएसडी पद छोड़ दिया था. वहीं प्रतीक जोशी और अश्विनी शर्मा दोनों ही कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं. दोनों कई एनजीओ से जुड़े हैं और लाइजनिंग के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. दोनों प्लेटिनम प्लाजा के पांचवी और छठी फ्लोर पर रहते हैं बताया जा रहा है कि दोनों फ्लोर के कई फ्लैट इनके ही है.

Intro:रविवार की सुबह से शुरू हुई आयकर विभाग की कार्रवाई से सूबे की सियासत गरमा गई। आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के ओएसडी और पूर्व आईएएस प्रवीण कक्कड़ और उनके करीबियों अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी पर एक साथ छापा मार कार्रवाई शुरू की। आयकर विभाग ने कार्रवाई रात करीब 3 बजे शुरू की। कार्रवाई के दौरान इतनी रकम निकली कि विभाग को नोट गिनने के लिए मशीन लगानी पड़ी। अब तक करीब 9 करोड़ रुपए विभाग के हाथ लगे हैं। बताया जा रहा है कि कार्रवाई चुनाव में हवाला की पैसों की उपयोग और आयकर चोरी से जुड़ी है।


Body:यह पहला मौका है जब आयकर विभाग ने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ को ऑपरेशन में शामिल किया है। दरअसल विभाग को अंदेशा था कि कार्रवाई की जद में आए प्रवीण कक्कड़ मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओएसडी है इसलिए स्थानीय स्तर पर कार्रवाई प्रभावित हो सकती है लिहाजा सीआरपीएफ की टीम शनिवार शाम ही 48 घंटे का सफर तय कर भोपाल पहुंच चुकी थी। आयकर विभाग की करीब 35 सदस्य टीम शनिवार रात करीब 9 बजे भोपाल पहुंची और टूरिस्ट की गाड़ियों में सवार होकर करीब 2:30 बजे तक इंदौर रोड पर घूमते रहे और ठीक 3:00 बजे मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के श्यामला हिल्स स्थित नादिर कॉलोनी के मकान नंबर 14 में दाखिल हुई। आयकर विभाग की दूसरी टीम ने न्यू मार्केट स्थित प्लेटिनम प्लाजा के पांचवें और छठे माले पर रहने वाले अश्विनी शर्मा और प्रतीक जोशी के आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की। इतनी रकम निकली की मंगानी पड़ी नोट गिनने की मशीन आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान अश्विनी शर्मा और प्रतीक जोशी के मकान से बड़ी मात्रा में नगदी बरामद हुई है बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को करीब 9 करोड रुपए की नकदी मिली है। कार्रवाई के दौरान मिली बड़ी मात्रा में रकम को गिनने के लिए जब आयकर विभाग के अधिकारी कम पड़ गए तो उन्हें इसके लिए नोट गिनने की मशीन बुलानी पड़ी। हालांकि अभी तक कार्रवाई के दौरान कितनी रकम बरामद हुई है इसका आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है। कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग के हाथ कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी लगे हैं जिसकी विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं। सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस में बनी टकराव की स्थिति आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश मैं पश्चिम बंगाल जैसे हालात पैदा हो गए। कार्रवाई को लेकर स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के बीच टकराव की स्थिति उस समय पैदा हो गई जब स्थानीय पुलिस वहां पहुंच गई। मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की लेकिन वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। इसको लेकर सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच जमकर गहमागहमी भी हुई। हालांकि मामला गर्माते देख स्थानीय पुलिस वापस लौट आई। हालांकि उनका तर्क था कि जिस बिल्डिंग में कार्रवाई की जा रही है वह रहवासी कॉलोनी है और कार्रवाई की वजह से लोगों को बाहर आने जाने नहीं दिया जा रहा है जिसकी स्थानीय लोगों ने शिकायत की है। उधर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस पर कार्रवाई में हस्तक्षेप का आरोप लगाया। स्थिति यह बन गई की बिल्डिंग के अंदर सीआरपीएफ के जवान तैनात थे और बाहर बिल्डिंग को स्थानीय पुलिस ने घेरे रखा। इस स्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ को और बल बुलाना पड़ा। कार्रवाई से सूबे के सियासत में आया उबाल छापामार कार्रवाई की खबर बाहर आते ही सुबह की सियासत में उबाल आ गया। कांग्रेस ने जहां इसे विरोधियों की आवाज दबाने की कार्रवाई बताया वही बीजेपी ने इसे कांग्रेस के 100 दिनों की तस्वीर करार दिया। शिवराज सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 100 दिन में लगभग 100 करोड़ की एक व्यक्ति की कमाई गजब है मेरे भाई। बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय भी कांग्रेस पर निशाना साधा कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा कि इससे एक बात साफ हो गई है कि जो चोर है उसे ही चौकीदार से शिकायत है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कार्रवाई को लेकर पूरे दिन चुप्पी साधे रहे हालांकि देर शाम उन्होंने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस के आमने सामने आने पर कहा कि प्रदेश में संविदा निक संकट खड़ा हो गया है उन्होंने इसके लिए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। आईपीएस की नौकरी छोड़ कांग्रेस से जुड़े थे कक्कड़ प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी है और उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है 2004 में वह नौकरी छोड़ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने। इस दौरान उन्होंने कांतिलाल भूरिया के चुनाव के लिए ना सिर्फ रणनीति तैयार की बल्कि चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी दौरान में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के संपर्क में आए और भूरिया को छोड़ कमलनाथ के साथ जुड़ गए। कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बनने के बाद प्रवीण कक्कड़ को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना ओएसडी नियुक्त किया था हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के पहले ही उन्होंने ओएसडी पद छोड़ दिया था। वहीं प्रतीक जोशी और अश्विनी शर्मा दोनों ही कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं। दोनों कई एनजीओ से जुड़े हैं और लाइजनिंग के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं। दोनों प्लेटिनम प्लाजा के पांचवी और छठी फ्लोर पर रहते हैं बताया जाता है कि दोनों फ्लोर के कई फ्लैट इनके ही है।


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