भोपाल। रविवार की सुबह से शुरू हुई आयकर विभाग की कार्रवाई से सूबे की सियासत गरमा गई है. आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ के ओएसडी और पूर्व आईएएस प्रवीण कक्कड़ और उनके करीबियों अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी पर एक साथ छापा मार कार्रवाई की है. इस कार्रवाई के दौरान अब तक करीब 9 करोड़ रुपए विभाग के हाथ लगे हैं.
कार्रवाई में पहली बार ली गई सीआरपीएफ की मदद
यह पहला मौका है जब आयकर विभाग ने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ को ऑपरेशन में शामिल किया है. दरअसल, विभाग को अंदेशा था कि कार्रवाई की जद में आए प्रवीण कक्कड़ स्थानीय स्तर पर कार्रवाई प्रभावित कर सकते हैं. लिहाजा, सीआरपीएफ की टीम शनिवार शाम ही 48 घंटे का सफर तय कर भोपाल पहुंच चुकी थी. आयकर विभाग की करीब 35 सदस्य टीम शनिवार रात करीब 9 बजे भोपाल पहुंची और टूरिस्ट की गाड़ियों में सवार होकर करीब 2:30 बजे तक इंदौर रोड पर घूमते रही. टीम ठीक 3 बजे मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रवीण कक्कड़ के श्यामला हिल्स स्थित नादिर कॉलोनी के मकान नंबर 14 में दाखिल हुई.
रुपये गिनने के लिए मंगाई गई मशीन
आयकर विभाग की दूसरी टीम ने न्यू मार्केट स्थित प्लेटिनम प्लाजा के पांचवें और छठे माले पर रहने वाले अश्विनी शर्मा और प्रतीक जोशी के आवास पर छापामार कार्रवाई शुरू की. इस दौरान टीम को इतनी रकम बरामद हुई कि नोट गिनने की मशीन मंगानी पड़ी. बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान आयकर विभाग को करीब 9 करोड़ रुपये की नकदी मिली है. हालांकि, अभी तक कार्रवाई के दौरान बरामद रकम का आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है. कार्रवाई के कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं, जिसकी विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं.
सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस में बनी टकराव की स्थिति
आयकर विभाग की कार्रवाई के दौरान मध्य प्रदेश में पश्चिम बंगाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं. कार्रवाई को लेकर स्थानीय पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के बीच टकराव का मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों ने बिल्डिंग में घुसने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद सीआरपीएफ के जवानों और अधिकारियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. इसको लेकर सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के बीच जमकर गहमागहमी भी हुई. हालांकि, मामला गर्माते देख स्थानीय पुलिस वापस लौट आई. उनका तर्क था कि जिस बिल्डिंग में कार्रवाई की जा रही है वह रहवासी कॉलोनी है और कार्रवाई की वजह से लोगों को बाहर आने जाने नहीं दिया जा रहा है, जिसकी स्थानीय लोगों ने शिकायत की है. उधर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने स्थानीय पुलिस पर कार्रवाई में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है. स्थिति यह बन गई की बिल्डिंग के अंदर सीआरपीएफ के जवान तैनात थे और बाहर बिल्डिंग को स्थानीय पुलिस ने घेर लिया था. इस स्थिति को देखते हुए सीआरपीएफ को और बल बुलाना पड़ा.
कार्रवाई से सूबे की सियासत में आया उबाल
छापामार कार्रवाई की खबर बाहर आते ही सियासी गलियों का पारा चढ़ गया है. कांग्रेस ने जहां इसे विरोधियों की आवाज दबाने की कार्रवाई बताया है, तो वहीं बीजेपी ने इसे कांग्रेस के 100 दिनों की तस्वीर करार दिया है. शिवराज सरकार में संसदीय कार्य मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 100 दिन में लगभग 100 करोड़ की एक व्यक्ति की कमाई, गजब है मेरे भाई. बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे एक बात साफ हो गई है कि जो चोर है उसे ही चौकीदार से शिकायत है. कार्रवाई को लेकर पूरे दिन चुप्पी साधे रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देर शाम बयान दिया है. उन्होंने कार्रवाई के दौरान सीआरपीएफ और मध्य प्रदेश पुलिस के आमने-सामने आने पर कहा कि प्रदेश में संविधानिक संकट खड़ा हो गया है.
आईपीएस की नौकरी छोड़ कांग्रेस से जुड़े थे कक्कड़
प्रवीण कक्कड़ पूर्व पुलिस अधिकारी हैं और उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. 2004 में वह नौकरी छोड़ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया के ओएसडी बने थे. इस दौरान उन्होंने कांतिलाल भूरिया के चुनाव के लिए न सिर्फ रणनीति तैयार की बल्कि चुनाव जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इस दौरान वे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ के संपर्क में आए और भूरिया को छोड़कर कमलनाथ के साथ जुड़ गए. प्रदेश में सरकार बनने के बाद प्रवीण कक्कड़ को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपना ओएसडी नियुक्त किया था, हालांकि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के पहले ही उन्होंने ओएसडी पद छोड़ दिया था. वहीं प्रतीक जोशी और अश्विनी शर्मा दोनों ही कक्कड़ के बेहद करीबी माने जाते हैं. दोनों कई एनजीओ से जुड़े हैं और लाइजनिंग के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. दोनों प्लेटिनम प्लाजा के पांचवी और छठी फ्लोर पर रहते हैं बताया जा रहा है कि दोनों फ्लोर के कई फ्लैट इनके ही है.