भोपाल। शहर के लाल परेड मैदान पर अंतरराष्ट्रीय हर्बल वन मेले का शुभारंभ किया गया. जिसमें सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा के साथ राज्य वनोपज संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र गिरी गोस्वामी भी मौजूद रहे.
5 दिनों तक चलने वाले इस मेले की खास बात यह है कि, इसमें केवल देश के ही नहीं बल्कि विदेशों से भी प्रतिभागी सम्मिलित होते हैं. राजधानी में कई सालों से इस वन मेले का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कई तरह की जड़ी बूटियां लोगों को एक ही स्थान पर मिल पाती हैं. साथ ही आयुर्वेद के डॉक्टरों का परामर्श भी यहां पर आने वाले लोगों को निशुल्क मिलता है.
वन विभाग और राज्य लघु वनोपज संघ के द्वारा इस मेले का आयोजन किया जाता है. यह पांच दिवसीय मेला 19 दिसंबर से 22 दिसंबर तक जारी रहेगा. इस दौरान नि:शुल्क चिकित्सीय परामर्श शिविर लगाए जाएंगे, 20 दिसंबर और 21 दिसंबर को कार्यशाला का भी आयोजन किया जाएगा , साथ ही 22 दिसंबर को क्रेता और विक्रेताओं का सम्मेलन भी आयोजित होगा .
मंत्रियों का संबोधन
शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि हमारे देश में हजारों वर्ष से जड़ी-बूटियों से इलाज की परम्परा रही है. आयुर्वेद की विदेशों और देश में दोबारा बढ़ती लोकप्रियता उसकी विश्वसनीयता को सुदृढ़ करती है. उन्होंने हर्बल मेले के माध्यम से जन-जागरूकता के प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा कि लघु वनोपज संघ जड़ी-बूटियों के रिसर्च के लिये फण्ड स्थापित करे. गैस त्रासदी मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि भोपालवासियों को सालभर हर्बल मेले का इंतजार रहता है. उन्होंने मेले में भाग लेने वाली विभिन्न आयुर्वेदिक कम्पनियों और वैद्यों से गैस पीड़ित मरीजों की किडनी, ह्रदय आदि से जुड़ी बीमारियों के इलाज पर ध्यान देने का अनुरोध किया. जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में वनोपज किसानी के साथ आमदनी का एक अतिरिक्त साधन है. वन में रहने वाले आदिवासियों की आय बढ़ने से प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.