भोपाल। राजधानी में होम लैंड सिक्योरिटी स्कीम के तहत बनने वाला कमांड सेंटर 6 महीने में शुरू होगा. कमांड सेंटर की लगभग 79 करोड़ की लागत से बनेगा जो डिस्ट्रिक इंटेलिजेंस भी जुड़ेगा और इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से इंटरनेशनल लेवल की टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा.
प्रदेश का पूरा इंटेलिजेंस सिस्टम अब सेंट्रलाइज होगा. प्रदेश में होम लैंड सिक्योरिटी के तहत बन रहा कमांड सेंटर 6 महीने में काम शुरू कर देगा. इसमें खूफिया सूचनाएं एकत्र करने और उन पर काम करने वाली पुलिस की सभी यूनिट एक साथ काम करेंगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर के इक्विपमेंट्स और टेक्नोलॉजी उपयोग में लाई जाएगी. इससे फील्ड में काम कर रही पुलिस का रेस्पोंस टाइम भी कम हो जाएगा.
इंटरनल विजिलेंस असिस्टेंस से मध्य प्रदेश पुलिस तकनीकी रूप से अपग्रेड होगा, ये बिल्डिंग भोपाल में श्यामला हिल्स पर पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन बना रहा है. इस कंपाउंड में निर्मित 6 अलग-अलग इमारतों में मध्य प्रदेश पुलिस का इंटेलिजेंस, एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड हॉक फोर्स स्पेशल ब्रांच ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (SBTI), साइबर क्राइम, सीसीटी, सर्वेलेन्स यूनिट और स्टेट सिचुएशन रिपोर्ट (राज्य स्थिति कक्ष) भी इसी कमांड सेंटर में होगा.
इंटेलिजेंस का सिस्टम अलग-अलग जगहों पर है. इंटेलीजेंस के अधिकारी पुरानी बिल्डिंग में बैठते हैं. राज स्थिति कक्ष अलग बिल्डिंग में है, साइबर सेल 5 किलोमीटर दूर है. एक साथ आने से इंटेलिजेंस की टीम में कोऑर्डिनेशन बढ़ेगा, एआईजी इंटेलिजेंस सिद्धार्थ बहुगुणा ने ईटीवी भारत को बताया कि कमांड सेंटर से प्रदेश के सभी 52 जिलों की डिस्ट्रिक्ट स्पेशल ब्रांच डीएसबी कनेक्ट रहेंगी. उन्होंने बताया कि इस सेंटर में साइबर क्राइम की टीम भी रहेगी, यहां एक ट्रेनिंग सेंटर भी होगा.
कमांड सेंटर में इंटरनेशनल लेवल के इक्विपमेंट्स और टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, इसे लेकर मध्य प्रदेश पुलिस की एक टीम लगातार रिसर्च कर रही है. भविष्य साइबर से जुड़ा है इसलिए साइबर क्राइम को ध्यान में रखकर कमांड सेंटर में तैयारी की जा रही है. अगले कुछ महीनों में ये सेंटर विधिवत रूप से काम करना शुरू कर देगा.