भोपाल। राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब आलम ये है कि, संक्रमित मरीज को कोविड सेंटर में बेड के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है. प्रशासन ने अब तक जो इंतजाम किए थे, वो अब कम पड़ते नजर आ रहे हैं. जिसे देखते हुए अब कलेक्टर अविनाश लवानिया ने नए आदेश जारी किए हैं.
कलेक्टर ने महामारी रोग अधिनियम 1897 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए शहर के अस्पतालों में 20 फीसदी बेड कोविड-19 संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए आरक्षित रखे जाने के आदेश जारी किए हैं, जो कि आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत आते हैं. भोपाल के करीब 60 अस्पतालों को ये आदेश जारी किए गए हैं, जोकि आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत आते हैं.
वहीं न केवल राजधानी बल्कि स्वास्थ्य संचालनालय ने पूरे मध्यप्रदेश के लिए भी ऐसा ही एक आदेश जारी किया है. जिसमें हर शहर के आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत आने वाले अस्पतालों को अपनी क्षमता के कम से कम 20 फीसदी बिस्तर कोरोना संक्रमित के इलाज के लिए आरक्षित किए जाने का आदेश दिया है. पूरे प्रदेश के कुल 175 अस्पतालों के करीब 16,914 बिस्तरों को आरक्षित किया गया है.