भोपाल। लगातार बढ़ती महंगाई ने आमजन की कमर तोड़ दी है. लोगों के घरों का बजट बढ़ती महंगाई के चलते बिगड़ गया है. पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छूने लगे हैं तो सब्जी-भाजी और गैस सिलेंडर ने भी तंग कर रखा है. आमजन की सरकार से गुहार है कि अन्य क्षेत्रों में टैक्स बढ़ाकर रोटी, कपड़ा और मकान में आमजन को राहत दे.
बढ़ती महंगाई ने तोड़ी आमजन की कमर
लगातार बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की परेशानी बढ़ा दी है. पेट्रोल डीजल के दाम से लेकर गैस सिलेंडर और सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. महंगाई ने गरीब आदमी तो क्या मध्यमवर्ग के आदमी तक का जीना मुहाल कर दिया है. पिछले दिनों गैस सिलेंडर के दामों में वृद्धि होने के बाद अब पेट्रोल-डीजल और सब्जी भाजी के बढ़ते दामों ने आम आदमी की चिंता बढ़ा दी है. कोरोना काल के बीच बढ़ती महंगाई अब आम आदमी के लिए मुसबीत बन गई है.
पेट्रोल के दाम 100 के पार
देश में पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. मध्यप्रदेश में प्रीमियम पैट्रोल का दाम 100 रुपये के आंकड़े को भी पार कर गया है. सामान्य पेट्रोल भी 98 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है. पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम से आम आदमी के घरों का बजट बिगड़ गया है.
शहरवासी अब बढ़ती महंगाई से तौबा कर रहे हैं. राजधानी के मिनाल इलाके में रहने वाली छाया मोरे बताती है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है. उससे न केवल घर का बजट बिगड़ा है बल्कि रोजमर्रा में इस्तमाल होने वाली चीज़ों पर भी अब पाबंदी लग गई है. दाल, सब्जी, गैस सिलेंडर से उभरे नही थे कि अब पेट्रोल डीजल ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. कहीं जाने के लिए भी अब दस बार सोचना पड़ता है लेकिन बच्चो की ट्यूशन, कॉलेज और हस्बैंड का ऑफिस इसके लिए तो प्रतिदिन पेट्रोल का खर्चा लगता है. ऐसे में अब घर चलाना मुश्किल हो गया हैं. हर चीज के साथ समझौता करना पड़ रहा है.
अन्य क्षेत्रों में सरकार बढ़ाये टैक्स
छाया के पति शंकर मोरे का कहना है कि इस बढ़ती महंगाई की सबसे अधिक मार आम जन पर पड़ी है. सरकार को जहां टैक्स में राहत देनी चाहिए. वहां सरकार का ध्यान नहीं है. उनका कहना है कि गैस सिलेंडर, सब्जी भाजी, तेल, पेट्रोल डीजल रोजाना इस्तमाल में आने वाली चीज़े है. आम आदमी इसमें चाह कर भी कटौती नहीं कर सकता बिना पेट्रोल डलाये ऑफिस नहीं जा सकता. बिना टिफिन के बच्चे को स्कूल-कॉलेज नहीं भेज सकता और बिना गैस भरवाए सुकून से रोटी नहीं तोड़ सकता. सरकार ने जिस तरह से रोटी कपड़ा और मकान पर महंगाई की मार दी है. इससे आम आदमी का जीना हराम हो गया है. सरकार को अन्य क्षेत्रो में टैक्स बढाकर रोज़मर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीज़ों में टेक्स में राहत देनी चाहिए थी. शराब ओर अन्य नशीले पदार्थो पर टैक्स बढाना चाहिए क्योंकि इससे किसी के जीवन पर असर नहीं होगा लेकिन जब आम जीवन मे इस्तमाल होने वाले आइटम में महंगाई बढ़ेगी तो आम आदमी का जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा.
युवाओं पर भी महंगाई की मार
इस बढ़ती महंगाई से जंहा एक ओर आम आदमी के घर बजट बिगड़ा है. वहीं युवाओं पर भी इसका असर हो रहा है, जो छात्र पढ़ाई के लिए अपने घरों से दूर रहते है रूम रेंट देते है और अपनी अलग गृहस्ती बनाकर बैठे है. उन युवाओं को भी गैस सिलेंडर, सब्जी भाजी ओर पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों की मार झेलनी पड़ रही है. युवाओं का कहना है कि अब कॉलेज और कोचिंग जाने के लिए गाड़ी निकालने से पहले पेट्रोल चेक करना पड़ता है. 100 रुपये के पेट्रोल में केवल एक दिन गाड़ी चल पाती है. ऐसे में महीने भर का खर्चा निकालना युवाओं के लिए बेहद मुश्किल हो गया है. युवाओं ने कहा सरकार को आम आदमी के बजट का ध्यान रखते हुए महंगाई पर लगाम लगानी चाहिए.
प्रदेश के आगामी बजट से जनता को उम्मीदें
कोरोना संक्रमण के बीच लोगों की आर्थिक स्थिति पिछले एक साल में बद से बदतर हो गई है. कई लोगों की नौकरियां चले गई है और कई लोग आधी सैलरी पर काम कर रहे हैं, ऐसे में बढ़ती महंगाई आमजन के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. लोगों का कहना है कि कोरोना काल के बाद उम्मीद थी कि सरकार आमजन के लिए बजट में राहत देगी लेकिन उसमें भी हमें किसी तरह की कोई राहत नहीं मिली है. अब प्रदेश सरकार का बजट पेश होने वाला है इससे उम्मीद है कि राज्य सरकार गैस सिलेंडर और पेट्रोल डीजल के दामों में कटौती करेगी.