भोपाल: केंद्र सरकार द्वारा आयुर्वेदिक डॉक्टरों को सर्जरी करने देने की अनुमति देने के लिए बनाए गए कानून के विरोध में मॉडल साइंस और एलोपैथी से जुड़े डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं. अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े सभी सदस्य डॉक्टरों ने एक तरह की सांकेतिक हड़ताल की जिसमें उन्होंने आपातकालीन सेवा और कोविड-19 से जुड़ी सेवाओं को चालू रख सामान्य ओपीडी को बंद कर रखा.
राजधानी में दिखा थोड़ा असर
राजधानी भोपाल में भी इस सांकेतिक हड़ताल का मिलाजुला असर देखने को मिला. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टरों ने निजी अस्पतालों की सामान्य ओपीडी को बंद रखा हालांकि आईपीडी, आपातकालीन सेवाएं और कोविड-19 से जुड़ी हुई स्वास्थ्य सेवाओं को चालू रखा गया.
क्यों है विरोध
अपने विरोध के बारे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े सदस्य डॉ संजय गुप्ता ने बताया कि फिलहाल हमने एक तरह की सांकेतिक हड़ताल की है इस तरह से हम सरकार को यह बताना चाहते हैं कि यदि आयुर्वेद और मॉडर्न साइंस को मिलाकर मिक्सोपेथी होने लगेगी तो क्वेकरी को बढ़ावा मिलेगा और फिर नीट एग्जाम करवाने का क्या औचित्य रह जाता है. सरकार और आयुर्वेदिक चिकित्सकों को चाहिए कि वह आयुर्वेद में ही शल्य चिकित्सा को विकसित करें उसे आगे बढ़ाएं, मॉडर्न विधा में उसे न मिलाया जाए और ऐसी अधकचरी.जमात को तैयार करके क्या फायदा.
आगे हो सकता है बड़ा आंदोलन
डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि आज की इस सांकेतिक हड़ताल के बाद यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो हम इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की केंद्रीय कार्यकारिणी के निर्णय के मुताबिक काम करेंगे और हो सकता है कि फिर आईपीडी को भी बंद किया जाए और सभी डॉक्टर से मिलकर एक बड़ा आंदोलन करें.
जूनियर डॉक्टर्स ने भी किया समर्थन
राजधानी भोपाल के शासकीय अस्पतालों में हड़ताल का हालांकि कोई ऐसा देखने को नहीं मिला पर वहीं दूसरी ओर एम्स भोपाल और गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स ने सांकेतिक हड़ताल का समर्थन किया और काली पट्टी बांधकर विरोध किया.