भोपाल। कनाडा और भारत के बिगड़ते रिश्तों के बीच सुझाव आया है कि अब कनाडा में रह रहे भारतीय समुदायों को इस तनाव के बीच दोबारा विश्वास जमाने प्रयास करना चाहिए. यूएस इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी ने ये अपील कनाडा में रह रहे भारतीयों से की है. इस कमेटी के चैयरमेन संजय पुरी का कहना है कि "जिस तरह से भारत और कनाडा के बीच रिश्ते खराब हो रहे हैं. ऐसे में कनाडा में रह रहे भारतीय दोनों देशों के बीच पुल बनाने का काम कर सकते हैं. अब उनकी जिममेदारी है कि कनाडा में रह रहे भारतीय इस मुश्किल वकत में सामने आए. यूएस इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी और इमेज इंडिया अमरिका के बाकी संगठनों को इस मुहिम में जोडने अभियान चला रही है. इनफार्मल क्लब ऑफ इंडियन अमरीका आर्गनाइजेशन के नाम से एक क्लब बनाया गया है, जिसमें अमरीका के संगठनों को भी जोड़ने का प्रयास है.
कनाडा में रह रहे भारतीय संभाले मोर्चा: यूएस इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर लगातार काम करती रही है. कमेटी के चैयरमेन संजय पुरी का कहना है कि "जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध काफी खराब हो चुके हैं. तनाव बढ़ रहा है दोनों देशों के बीच ऐसे में अब कनाडा में रह रहे भारतीय समुदाय बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है. इस समुदाय को चाहिए कि दोनों देशों के बीच जो रिश्ते बिगड़े हैं. ऐसे माहौल में दोनों देशों का भरोसा लौटाने की पूरी कोशिश करें. ये भारतीय समुदाय की कोशिशों से संभव भी है. उन्हें वहां के मैम्बर ऑफ पार्लियामेंट से मुलाकात करनी चाहिए. उनसे चर्चा करनी चाहिए.
कनाडा में बसे भारतीय टूटा विश्वास लौटाएं: कमेटी से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार रबीन्द्र सचदेव का कहना है कि "कनाडा में इंडियन ओरिजन के पंजाबी सिख बड़ी तादात में मौजूद हैं. इनका प्रयास होना चाहिए कि जो गलतफहमियां बढ़ी हैं, उन्हें खत्म किया जाए. लोकल जो वहां का मीडिया है, वहां अपनी बात दर्ज करवा के दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के प्रयास में जुटना चाहिए. सचदेवा का कहना है कि इसके बहुत से तरीके हो सकते हैं. समुदाय के लोग कान्फ्रेंस सेमीनार आयोजित कर सकते हैं. मीडिया के जरिए लगातार संवाद के जरिए अपनी बात पहुंचा सकता हैं. जो एक सांस्कृतिक समाजिक साझेदारी रही है. दोनों देशों में उस विश्वास को दोबारा कायम कर सकते हैं. सचदेवा कहते हैं इस तरह से एक बड़ा बदलाव लाया जा सकता है. इंडियन कम्यूनिटी वहां प्रभावी भूमिका में हैं. इससे जो दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है, उसे कम किया जा सकता है.
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कनाडा भारतीयों की फर्स्ट च्वाइस: विदेश मंत्रालय के आंकड़े पहले ही बता चुके हैं, कनाडा भारतीयों की फर्स्ट च्वाइस है. पिछले पांच साल का ही आंकड़ा देखें तो एक लाख से ज्यादा भारतीयों ने कनाडा में बसने के लिए भारतीय नागरिकता छोड़ दी है. बड़ी तादात में पंजाबी समुदाय के भारतीय कनाडा में बसे हैं. दोनों देशों के बीच लंबे समय तक सामाजिक और सांस्कृतिक सौहार्द भी बना रहा है.