ETV Bharat / state

बच्चों में बढ़ रही डायबिटीज की समस्या, Expert से जानिए मधुमेह से बचने के उपाय

author img

By

Published : Nov 14, 2019, 11:32 PM IST

आधुनिक जीवनशैली के कारण बच्चों में डायबिटीज की समस्या बढ़ रही है. इसे लेकर ईटीवी भारत ने मधुमेह विशेषज्ञ डॉ सचिन चित्तावर से खास बातचीत की. डायबिटीज से बचने के उपाय जानने के लिए पढ़े खबर...

योग

भोपाल। आधुनिक जीवनशैली के कारण डायबिटीज ना केवल बड़ो बल्कि बच्चों को भी होने लगी है. पहले ऐसा माना जाता था कि टाइप-2 डाइबिटीज केवल वयस्कों को हो सकती है लेकिन अब देखने में मिल रहा है कि टाइप-2 डाइबिटीज ने बच्चों को भी अपना शिकार बना लिया है.

डायबिटीज से बचाता है योग

कैसे होती है टाइप-2 डायबिटीज

टाइप-2 डायबिटीज लंबे समय तक इंसुलिन प्रतिरोध और अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन के परिणामस्वरूप विकसित होता है. यह कई मामलों में, मोटापे और जीवनशैली से जुड़े कारकों जैसे कि निष्क्रियता से जुड़ा हुआ है.

कैसे बचें डायबिटीज से

बच्चों में डायबिटीज का खतरा क्यों दिनों दिन बढ़ता जा रहा है इस पर मधुमेह विशेषज्ञ डॉ सचिन चित्तावर कहते है कि जो हमारी सामान्य दिनचर्या और खानपान होता था. वह पूरे तरह से बिगड़ चुका है क्योंकि पहले बच्चे की शारीरिक कसरत खेल के जरिये हो जाती थी और पढ़ाई का भी ज्यादा बोझ होता नहीं था पर अब सब कुछ इसके विपरीत है.

Stress keeps on studying in children
बच्चों में पढ़ाई को लेकर रहता है स्ट्रेस

इसके साथ ही खानपान भी संतुलित नहीं है क्योंकि बाजार में उपलब्ध नमकीन, चॉकलेट, फास्ट फूड बच्चे खाते है, जिनका नकारात्मक असर उनकी सेहत पर पड़ता है. एक बच्चे की सेहत में सबसे बड़ा महत्व माता पिता की दिनचर्या का होता है, इसलिए जरूरी है कि शुरू से ही बच्चे को ऐसा माहौल दिया जाए जिसमें वह शारीरिक मेहनत पर ध्यान दें.

Fast food harms children
बच्चों को नुकसान पहुंचाता है फास्ट फूड

बच्चे सबसे ज्यादा मां से सीखते हैं

खास तौर पर मां के लिए ये जरूरी है कि वह अपने शरीर को फिट रखें क्योंकि बच्चा अपनी मां को देखकर ही बहुत कुछ सीखता है. इसके अलावा यदि किसी बच्चे में डाइबिटीज़ होने का खतरा हो तो कोशिश यह करनी चाहिए कि उसे व्यायाम कराया जाये और खानपान सन्तुलित किया जाये.

Mother should also do yoga
मां को भी करना चाहिए योग

भोपाल। आधुनिक जीवनशैली के कारण डायबिटीज ना केवल बड़ो बल्कि बच्चों को भी होने लगी है. पहले ऐसा माना जाता था कि टाइप-2 डाइबिटीज केवल वयस्कों को हो सकती है लेकिन अब देखने में मिल रहा है कि टाइप-2 डाइबिटीज ने बच्चों को भी अपना शिकार बना लिया है.

डायबिटीज से बचाता है योग

कैसे होती है टाइप-2 डायबिटीज

टाइप-2 डायबिटीज लंबे समय तक इंसुलिन प्रतिरोध और अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन के परिणामस्वरूप विकसित होता है. यह कई मामलों में, मोटापे और जीवनशैली से जुड़े कारकों जैसे कि निष्क्रियता से जुड़ा हुआ है.

कैसे बचें डायबिटीज से

बच्चों में डायबिटीज का खतरा क्यों दिनों दिन बढ़ता जा रहा है इस पर मधुमेह विशेषज्ञ डॉ सचिन चित्तावर कहते है कि जो हमारी सामान्य दिनचर्या और खानपान होता था. वह पूरे तरह से बिगड़ चुका है क्योंकि पहले बच्चे की शारीरिक कसरत खेल के जरिये हो जाती थी और पढ़ाई का भी ज्यादा बोझ होता नहीं था पर अब सब कुछ इसके विपरीत है.

Stress keeps on studying in children
बच्चों में पढ़ाई को लेकर रहता है स्ट्रेस

इसके साथ ही खानपान भी संतुलित नहीं है क्योंकि बाजार में उपलब्ध नमकीन, चॉकलेट, फास्ट फूड बच्चे खाते है, जिनका नकारात्मक असर उनकी सेहत पर पड़ता है. एक बच्चे की सेहत में सबसे बड़ा महत्व माता पिता की दिनचर्या का होता है, इसलिए जरूरी है कि शुरू से ही बच्चे को ऐसा माहौल दिया जाए जिसमें वह शारीरिक मेहनत पर ध्यान दें.

Fast food harms children
बच्चों को नुकसान पहुंचाता है फास्ट फूड

बच्चे सबसे ज्यादा मां से सीखते हैं

खास तौर पर मां के लिए ये जरूरी है कि वह अपने शरीर को फिट रखें क्योंकि बच्चा अपनी मां को देखकर ही बहुत कुछ सीखता है. इसके अलावा यदि किसी बच्चे में डाइबिटीज़ होने का खतरा हो तो कोशिश यह करनी चाहिए कि उसे व्यायाम कराया जाये और खानपान सन्तुलित किया जाये.

Mother should also do yoga
मां को भी करना चाहिए योग
Intro:भोपाल- आजकल की जीवनशैली के कारण डायबिटीज न केवल बड़ो बल्कि बच्चों को भी होने लगी है। पहले ऐसा माना जाता था कि टाइप 2 डाइबिटीज़ केवल वयस्कों को हो सकती है पर अब देखने में मिल रहा है कि टाइप 2 डाइबिटीज़ ने बच्चों को भी अपना शिकार बना लिया है।


Body:बच्चों में डायबिटीज का खतरा क्यों दिनों दिन बढ़ता जा रहा है इस पर मधुमेह विशेषज्ञ डॉ सचिन चित्तावर कहते है कि
हमारी सामान्य जो दिनचर्या और खानपान होता था वह पूरे तरह से बिगड़ चुका है क्योंकि पहले बच्चे की शारीरिक कसरत खेल के जरिये हो जाती थी और पढ़ाई का भी ज्यादा बोझ होता नहीं था पर अब सब कुछ इसके विपरीत है। इसके साथ ही खानपान भी सन्तुलित नहीं है क्योंकि बाजार में उपलब्ध नमकीन,चॉकलेट, फ़ास्ट फ़ूड बच्चे खाते है जिनका नकारात्मक असर उनकी सेहत पर पड़ता है।


Conclusion:एक बच्चे की सेहत में सबसे बड़ा महत्व माता पिता की दिनचर्या का होता है, इसलिए जरूरी है कि शुरू से ही बच्चे को ऐसा माहौल दिया जाएं जिसमें वह शारीरिक मेहनत पर ध्यान दें, खास तौर पर मांओं के लिए ये जरूरी है कि वह अपने शरीर को फिट रखें क्योंकि बच्चा अपनी मां को देखकर ही बहुत कुछ सीखता है।

इसके अलावा यदि किसी बच्चे में डाइबिटीज़ होने का खतरा हो तो कोशिश यह करनी चाहिए कि उसे व्यायाम कराया जाये और खानपान सन्तुलित किया जाये।

नोट- please add some विसुअल्स

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.