भोपाल। भोपाल में एक परिवार को बंधक बनाकर उनसे मारपीट का मामला सामने आया है. इसके अलावा लूट और हत्या जैसे कई और मामले भोपाल में सामने आए हैं. ऐसे में पुलिस के लिए इन अपराधों को रोक पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. कैसे इन वारदातों को रोका जाए, अब पुलिस भी इसको लेकर असमंजस में है.
एक परिवार का घर के अंदर अपहरण कर उसके साथ मारपीट की वारदात सामने आई है. जिससे पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है, हालांकि वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
भोपाल में हर 5वें दिन हो रही हत्या
सितम्बर से अब तक 12 हत्या के मामले सामने आ चुके हैं, सितम्बर से अब तक लूट की 8 वारदातें सामने आ चुकी हैं, नकबजनी की 135 वारदातें सामने आ चुकी हैं. ये आंकड़े सितम्बर से लेकर 27अक्टूबर तक के हैं. हत्या सबसे गंभीर अपराध है, वहीं सीएसपी नागेंद्र पटेरिया ने बताया कि हत्या का मुख्य कारण जर, जोरू और जमीन होती है. फिर भी उत्तेजना में पारिवारिक विवाद के चलते ऐसी वारदातें हो जाती हैं, लेकिन लूट और नकबजनी ऐसी वारदातें हैं, जिन्हें पूरी प्लानिंग के साथ किया जाता है. हालांकि पुलिस इन वारदातों को रोकने के लाख दावे करती नजर आती है.
लॉ एंड ऑर्डर के तहत पुलिस कर रही बदमाशों की लिस्टिंग
लॉ एंड आर्डर में सबसे पहला उसूल यह होता है कि अपराधियों पर लगाम लगाई जा सके, पुलिस विभाग में अपराधियों की सूची तैयार होती है, लेकिन उन पर नकेल कसने में पुलिस कई बार नाकाम साबित होती है. जिसकी वजह से अपराध का ग्राफ बढ़ जाता है. ऐसे में पुलिस अगर अपराधियों पर ही लगाम कसना शुरू कर दे, तो अपराधों को बहुत हद तक रोका जा सकता है.
सीसीटीवी, क्रिमिनल ट्रैकिंग और वाहन चेकिंग
सीएसपी नागेंद्र पटेरिया ने बताया कि लगातार सीसीटीवी फुटेज, क्रिमिनल ट्रैकिंग और वाहन चेकिंग अभियान के माध्यम से बदमाशों को पकड़ने में सफलता मिलती है. उसके बावजूद भी अपराधी, अपराध करना नहीं छोड़ते हैं. कुछ ऐसे अपराधी होते हैं जो अपराध कर लेते हैं और पुलिस की गिरफ्त से भी दूर रहते हैं. अवधपुरी में ही एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक महिला के साथ घर में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम दिया गया था. इस मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है.
वहीं 'आई' अभियान के तहत कई आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है, लेकिन कई ऐसे मामले हैं जिसमें सीसीटीवी फुटेज काम नहीं आते हैं.