भोपाल। गुरूवार को हुई आयकर विभाग की छापामार कार्रवाई के बाद बर्खास्त आईएएस दंपति अरविंद और टीनू जोशी के रिश्तेदारों की भूमिका सामने आ रही है. बिल्डर राघवेंद्र सिंह तोमर और चूड़ी व्यापारी पीयूष गुप्ता के ठिकानों से मिले दस्तावेजों से पता चला है कि उनके कई प्रोजेक्टों में जोशी दंपति के रिश्तेदारों ने भी बड़ी राशि का निवेश किया था. अब आयकर विभाग इस मामले की जांच कर रहा है कि जोशी के इन रिश्तेदारों का निवेश राघवेंद्र सिंह तोमर के प्रोजेक्ट में था या पीयूष गुप्ता की संपत्ति में. माना जा रहा है कि इस छापेमार कार्रवाई में कई रसूखदारों के नाम सामने आ सकते हैं.
कई जगहों पर छापा जारी
राघवेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गुप्ता के यहां आयकर छापे में करीब आधा दर्जन टीमों ने उनके ज्यादातर ठिकानों पर कार्रवाई की गई है, लेकिन डेढ़ दर्जन से ज्यादा टीमों का छापा अभी भी लगातार जारी है. छापामार कार्रवाई के दौरान दो बंडल से ज्यादा रजिस्ट्रियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनकी लगातार छंटनी की जा रही है. इसमें कई रजिस्ट्रियों में उनके पहले के एग्रीमेंट भी प्राप्त हुए हैं. मिले अनुबंध पत्र से बड़े लेने की पुष्टि हुई है, मामला करोड़ों रुपए का बताया जा रहा है.
खरीदी बिक्री के एग्रीमेंट मिले
बताया जा रहा है कि एग्रीमेंट क्रेता-विक्रेता के बीच संपत्ति खरीदी बिक्री के दौरान होता है. इसमें नगद राशि के अलावा चेक आदि से दी गई राशि का उल्लेख होता है. रजिस्ट्री के बाद ऐसे दस्तावेजों को नष्ट कर दिया जाता है, लेकिन आयकर विभाग के जब्त किए गए रिकॉर्ड में इस तरह की एग्रीमेंट भी मिले हैं.
आयकर विभाग की छापे मेंं यह सामने आया है कि राघवेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गुप्ता जितना आयकर हर वर्ष जमा करते थे, उसकी तुलना में उनके मिली संपत्ति के दस्तावेजों और अन्य रिकॉर्ड से कई गुना ज्यादा है. बता दें आयकर विभाग की एक टीम ने पुराने भोपाल के एक ऐसे क्षेत्र में भी कार्रवाई की है जहां एक व्यक्ति मात्र एक कमरे में रहता था, लेकिन उसके नाम से करोड़ों रुपए के लेनदेन हुए हैं. हालांकि यहां से अभी किसी तरह की बरामदगी का खुलासा नहीं हुआ है.