भोपाल। आदिवासी लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् द्वारा तीन दिवसीय लोकराग समारोह का आयोजन संग्राहालय के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित हुआ.
पहले दिन रूपसिंह कुशराम और साथी कलाकारों द्वारा गोंड जनजातीय परंपरा में गाये जाने वाले वहुविध गीत ‘जय घोड़न के बड़ा देव, जय घोड़न, दयाराम सारोलिया एवं साथियों द्वारा कबीर पद ‘मोती न चुने रे हंसा, मोती न चुने’ इसी क्रम में आगे संदीपा पारे और साथियों द्वारा निमाड़ी गीत ‘बंशी वाला सांवरा आओ जी म्हारे देश’, सुगन देवी गन्धर्व और साथियों द्वारा मालवी संस्कार गीत ‘हमका उढ़ाये रे चदरिया, चलती विरिया’, शीला त्रिपाठी और साथियों द्वारा बघेली गीत व अनामिका पाण्डे और साथियों द्वारा बुदेली बसंत गीत ‘आज महाछवि छाये अली ऋतुराज, महाछवी छाये अली जैसे आदि गीतों का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल पर हुआ.
समारोह में 26-09-2020 को भीली, निमाड़ी, कबीर, बुन्देली ढोला, लांगुरिया एवं मालवी चतुरंग गायन प्रसारित होगा.