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स्टीम कॉन्फ्रेंस का हुआ शुभारंभ, 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट हुए शामिल

भोपाल में दो दिवसीय स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया. इस कॉन्क्लेव में देशभर के 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट शामिल हुए हैं.

स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
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Published : Oct 31, 2019, 12:05 AM IST

भोपाल। राजधानी में दो दिवसीय स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ. इस कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ कर मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. जहां इस तरह की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया. वहीं इस कॉन्क्लेव में देशभर के 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट शामिल हुए हैं. जिन्होंने अपने-अपने देश की शिक्षा पद्धति का प्रेजेंटेशन दिया.

स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ


मध्यप्रदेश में शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए भोपाल में स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन राजधानी के मिंटो हॉल में किया गया. इस शिक्षा पद्धति का उद्देश्य बच्चों को छोटी कक्षा से ही विज्ञान और तकनीक के साथ कला और गणित से जोड़ना है. ताकि बच्चों की कल्पना शक्ति के साथ ही विशेषताओं का भी विकास हो. स्टीम अमेरिका से शुरू हुआ है और इसको विश्व के प्रमुख देशों रशिया, फिनलैंड, ब्रिटेन और साउथ कोरिया ने अपनाया है.


इस मौके पर कैलिफोर्निया से आई शाहीन साहिबोले ने स्टीम एजुकेशन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बच्चों में पहले से ही एक नेचुरल साइंटिस्ट होता है. और उसे न पहचान पाना और न स्वीकार पाना वास्तव में हम लोगों की समस्या है. शाहीन ने बताया कि इस टीम में साइंस टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स एंड मैथ्स शामिल है. और साइंस और मैथ्स टीम के दो सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं.

उन्होंने कहा टेक्नोलोजी और इंजीनियरिंग विज्ञान और गणित के बिना अधूरे हैं. आखिर में उन्होंने कहा जिस तरह हम चाय में चीनी मिलाते हैं उसी तरह हमें बच्चों के जीवन में ये पांच गुण मिलाने होंगे; दो कप जिज्ञासा, 5-6 चम्मच मजा, चुटकी भर धीरज, ढेर सारा प्यार, और सभी बच्चों की हिस्सेदारी.

भोपाल। राजधानी में दो दिवसीय स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ. इस कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ कर मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. जहां इस तरह की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया. वहीं इस कॉन्क्लेव में देशभर के 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट शामिल हुए हैं. जिन्होंने अपने-अपने देश की शिक्षा पद्धति का प्रेजेंटेशन दिया.

स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ


मध्यप्रदेश में शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए भोपाल में स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन राजधानी के मिंटो हॉल में किया गया. इस शिक्षा पद्धति का उद्देश्य बच्चों को छोटी कक्षा से ही विज्ञान और तकनीक के साथ कला और गणित से जोड़ना है. ताकि बच्चों की कल्पना शक्ति के साथ ही विशेषताओं का भी विकास हो. स्टीम अमेरिका से शुरू हुआ है और इसको विश्व के प्रमुख देशों रशिया, फिनलैंड, ब्रिटेन और साउथ कोरिया ने अपनाया है.


इस मौके पर कैलिफोर्निया से आई शाहीन साहिबोले ने स्टीम एजुकेशन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बच्चों में पहले से ही एक नेचुरल साइंटिस्ट होता है. और उसे न पहचान पाना और न स्वीकार पाना वास्तव में हम लोगों की समस्या है. शाहीन ने बताया कि इस टीम में साइंस टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स एंड मैथ्स शामिल है. और साइंस और मैथ्स टीम के दो सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं.

उन्होंने कहा टेक्नोलोजी और इंजीनियरिंग विज्ञान और गणित के बिना अधूरे हैं. आखिर में उन्होंने कहा जिस तरह हम चाय में चीनी मिलाते हैं उसी तरह हमें बच्चों के जीवन में ये पांच गुण मिलाने होंगे; दो कप जिज्ञासा, 5-6 चम्मच मजा, चुटकी भर धीरज, ढेर सारा प्यार, और सभी बच्चों की हिस्सेदारी.

Intro:राजधानी में दो दिवसीय स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना जिसने कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ किया इस कॉन्क्लेव में देशभर के 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट शामिल हुए जिन्होंने अपने अपने देश की शिक्षा पद्धति का प्रेजेंटेशन दिया


Body:मध्यप्रदेश में शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए भोपाल में स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है इस कार्यक्रम का आयोजन भोपाल के मिंटो हॉल में किया गया जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया वही कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के 400 सब्जेक्ट एंड एजुकेशन स्पेशलिस्ट शामिल हुए,
इसी के साथ मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बना जिसने इस कांफ्रेंस का आयोजन किया इस शिक्षा पद्धति का उद्देश्य बच्चों को छोटी कक्षा से ही विज्ञान और तकनीक के साथ कला और गणित से जोड़ना है ताकि बच्चों की कल्पना शक्ति के साथ ही विशेषताओं का भी विकास हो सके स्टीम शुद्ध देसी अमेरिका से शुरू हुआ और इसको विश्व के प्रमुख देशों रशिया फिनलैंड ब्रिटेन और साउथ कोरिया ने अपनाया है,
इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट शामिल हुए जिन्होंने अपने देश की शिक्षा पद्धति के बारे में प्रेजेंटेशन दी इस मौके पर कैलिफोर्निया से आई शाहीन साहिबोले ने स्टीम एजुकेशन के बारे में बताया उन्होंने बताया कि बच्चों में पहले से ही एक नेचुरल साइंटिस्ट होता है और उसे ना पहचान पाना और ना स्वीकार पाना वास्तव में हम लोगों की समस्या है उन्होंने कहा हमें बच्चों और उनके वैज्ञानिक संस्थाओं और उनके खुले पर को सराहा रखने के लिए खुद अपने मन को खुला रखने की जरूरत है शाहीन ने बताया कि इस टीम में साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग आर्ट्स एंड मैथ्स शामिल है और साइंस और मैथ्स टीम के दो सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं उन्होंने कहा टेक्नोलोजी और इंजीनियरिंग विज्ञान और गणित के बिना अधूरे हैं आखिर में उन्होंने कहा जिस तरह हम चाय में चीनी मिलाते हैं उसी तरह हमें बच्चों के जीवन में यह 5 गुण मिलाने होंगे दो कप जिज्ञासा, 5,6 चम्मच मजा, चुटकी भर धीरज, ढेर सारा प्यार, और सभी बच्चों का भाग,
वही कार्यक्रम में शामिल प्रदेश के शिक्षकों ने स्पेशलिस्ट से सवाल किए इसके साथ ही शिक्षकों ने भी कार्यक्रम की सराहना की उन्होंने कहा इस तरह के कार्यक्रम तो होते रहते हैं लेकिन इसे जमीनी स्तर पर उतारना बेहद जरूरी है

बाइट आइरिन सिंधिया डिरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन
बाइट-सुरेश पांडय शिक्षक


Conclusion:राजधानी में हुआ इस टीम कॉन्क्लेव का शुभारंभ
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