भोपाल। राजधानी में दो दिवसीय स्टीम कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ. इस कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ कर मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. जहां इस तरह की कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया. वहीं इस कॉन्क्लेव में देशभर के 400 अलग-अलग सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट शामिल हुए हैं. जिन्होंने अपने-अपने देश की शिक्षा पद्धति का प्रेजेंटेशन दिया.
मध्यप्रदेश में शिक्षा नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए भोपाल में स्टीम कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का आयोजन राजधानी के मिंटो हॉल में किया गया. इस शिक्षा पद्धति का उद्देश्य बच्चों को छोटी कक्षा से ही विज्ञान और तकनीक के साथ कला और गणित से जोड़ना है. ताकि बच्चों की कल्पना शक्ति के साथ ही विशेषताओं का भी विकास हो. स्टीम अमेरिका से शुरू हुआ है और इसको विश्व के प्रमुख देशों रशिया, फिनलैंड, ब्रिटेन और साउथ कोरिया ने अपनाया है.
इस मौके पर कैलिफोर्निया से आई शाहीन साहिबोले ने स्टीम एजुकेशन के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बच्चों में पहले से ही एक नेचुरल साइंटिस्ट होता है. और उसे न पहचान पाना और न स्वीकार पाना वास्तव में हम लोगों की समस्या है. शाहीन ने बताया कि इस टीम में साइंस टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, आर्ट्स एंड मैथ्स शामिल है. और साइंस और मैथ्स टीम के दो सबसे महत्वपूर्ण हिस्से हैं.
उन्होंने कहा टेक्नोलोजी और इंजीनियरिंग विज्ञान और गणित के बिना अधूरे हैं. आखिर में उन्होंने कहा जिस तरह हम चाय में चीनी मिलाते हैं उसी तरह हमें बच्चों के जीवन में ये पांच गुण मिलाने होंगे; दो कप जिज्ञासा, 5-6 चम्मच मजा, चुटकी भर धीरज, ढेर सारा प्यार, और सभी बच्चों की हिस्सेदारी.