भोपाल। प्रदेश में 5वीं और 8वीं बोर्ड पैटर्न पर परीक्षाएं सिर्फ सरकारी स्कूलों में ही होंगी. निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की ना तो बोर्ड पैटर्न परीक्षा ली जा सकेगी और ना ही उनकी कॉपियां विभाग के अधिकारी जांचेंगे.
बोर्ड परीक्षा की घोषणा में हुई देरी
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने बताया कि निजी स्कूलों में बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा लेने के लिए समय पर फॉर्म भरे जाना जरूरी था. तभी राज्य शिक्षा केंद्रों तक परीक्षा का डेटा भेजा जाता और बच्चों की संख्या अनुपात में पेपर और कॉपी प्रिंट होती. लेकिन सरकार ने घोषणा देरी से की, जिसकी वजह से अब बच्चों का डाटा तैयार कर राज्य शिक्षा केन्द्र में बच्चो की संख्या भेजना असंभव है.
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी निजी स्कूलों में भी आरटीई में किए गए संशोधन के अनुसार 5वीं और 8वीं के विद्यार्थियों को फेल करने के निर्देश तो दे चुके हैं. लेकिन स्कूल के विद्यार्थियों की कॉपी जांचने की कोई व्यवस्था विभाग के पास नहीं है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि निजी स्कूल अपने विद्यार्थियों को फेल कर 2 महीने की अतिरिक्त क्लास क्यों लगाएंगे.