ETV Bharat / state

Illegal sand mining: नहीं रूक रहा रेत का अवैध खनन, सरकार को 550 करोड़ से ज्यादा की चपत

एमपी में अवैध खनन (Illegal sand mining) एक बार फिर से जोरो पर है. माना जा रहा है कि रेत खनन के ठेके सरेंडर होने और पर्याप्त क्षमता में रेत उत्खनन न होने से खनिज विभाग को करीब साढ़े 500 करोड़ से ज्यादा के राजस्व की हानी हुई है.

Illegal sand mining
एमपी में अवैध खनन
author img

By

Published : Dec 7, 2021, 2:29 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार के तमाम दावों के बाद भी अवैध रेत खनन (illegal sand mining in mp) रुकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति यह है कि प्रदेश के करीब 14 जिलों में ठेकेदार करीब नौ माह पहले ही ठेका छोड़ चुके हैं. इसके बाद भी यहां से लगातार अवैध रूप से रेत प्रदेश के दूसरे शहरों और पड़ोसी प्रदेश में जा रही है. माना जा रहा है कि रेत खनन के ठेके सरेंडर होने और पर्याप्त क्षमता में रेत उत्खनन न होने से खनिज विभाग को करीब साढ़े 500 करोड़ से ज्यादा के राजस्व की हानी हुई है.

ठेकेदारों ने ठेका छोड़ा, अवैध खनन चालू
मध्यप्रदेश के 14 जिलों में रेत खनन के ठेके या तो निरस्त हो चुके हैं या फिर ठेकेदारों ने काम छोड़ दिया है. यह स्थिति इस साल करीब मार्च माह से बनी हुई है. ठेकेदारों द्वारा समय पर रॉयल्टी (sand royalty percent in mp) की किस्त जमा न होने की वजह से आठ खदानें निरस्त कर दी गई थीं. जबकि चार ठेकेदारों द्वारा खुद ही खदानें छोड़ दी थीं. इस तरह छतरपुर, पन्ना, धार, शाजापुर, भिंड, रतलाम, शिवपुरी, रीवा, मंदसौर, अलीराजपुर, रायसेन जिले शामिल हैं.

खनिज विभाग को हो रहा नुकसान
कुछ जिलों में खनिज विकास निगम (Mineral Development Corporation) द्वारा अपने स्तर पर रेत खनन किया गया, लेकिन बताया जाता है कि इससे कई गुना रेत अवैध रूप से मार्केट में पहुंच रहा है. इससे खनिज विभाग को रॉयल्टी के रूप में बड़ा नुकसान हो रहा है. उधर, अवैध खनन को रोकने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है. खनन माफिया के हौसले इतने हाबी हैं कि वे पुलिस पर कार्रवाई करने से भी नहीं घबराते.

कई बार टेंडर, नहीं मिले ठेकेदार
खनिज विभाग को उज्जैन और आगर मालवा में रेत खनन के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं. यह हालात तब है जब खनिज विभाग ने दो जिलों के लिए कई बार टेंडर निकाल चुका है. खनिज विभाग द्वारा एक बार फिर इन दोनों जिलों में रेत खदानों की नीलामी के प्रयास कर रहा है. उधर, बाकी जिलों की रेत खदानों की नीलामी की प्रकिया शुरू की जा रही है.

दिग्विजय सिंह ने की थी लोकायुक्त में शिकायत
प्रदेश में अवैध रेत खनन को लेकर कांग्रेस द्वारा लगातार बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. हाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पन्ना जिले में अवैध खनन को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि पन्ना जिले में जमकर रेत का अवैध खनन हो रहा है. यहां से चोरी से रेत निकालकर पड़ोसी राज्यों तक भेजी जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और खनन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के संरक्षण में किया जा रहा है. उधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में अवैध खनन को सरकार का संरक्षण प्राप्त है. सरकार बताए कि कितनी गाड़ियां अभी तक जब्त हुई हैं. यहां तक कि सीहोर जिला ही अवैध उत्खनन से नहीं बचा है, जो सीएम का गृह जिला है.

सरेंडर रेत टेंडर! खनिज विभाग का उल्टा पड़ा दांव, अब नया प्लान करेगा मालामाल

उधर खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक पहले के मुकाबले प्रदेश में अवैध खनन की घटनाओं में बेहद कमी आई है, जहां भी शिकायतें मिल रही हैं. उसमें कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है. कुछ जिलों में रेत खदानों के ठेके नहीं हो पाए हैं, जिसको लेकर प्रकिया चल रही है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में सरकार के तमाम दावों के बाद भी अवैध रेत खनन (illegal sand mining in mp) रुकने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति यह है कि प्रदेश के करीब 14 जिलों में ठेकेदार करीब नौ माह पहले ही ठेका छोड़ चुके हैं. इसके बाद भी यहां से लगातार अवैध रूप से रेत प्रदेश के दूसरे शहरों और पड़ोसी प्रदेश में जा रही है. माना जा रहा है कि रेत खनन के ठेके सरेंडर होने और पर्याप्त क्षमता में रेत उत्खनन न होने से खनिज विभाग को करीब साढ़े 500 करोड़ से ज्यादा के राजस्व की हानी हुई है.

ठेकेदारों ने ठेका छोड़ा, अवैध खनन चालू
मध्यप्रदेश के 14 जिलों में रेत खनन के ठेके या तो निरस्त हो चुके हैं या फिर ठेकेदारों ने काम छोड़ दिया है. यह स्थिति इस साल करीब मार्च माह से बनी हुई है. ठेकेदारों द्वारा समय पर रॉयल्टी (sand royalty percent in mp) की किस्त जमा न होने की वजह से आठ खदानें निरस्त कर दी गई थीं. जबकि चार ठेकेदारों द्वारा खुद ही खदानें छोड़ दी थीं. इस तरह छतरपुर, पन्ना, धार, शाजापुर, भिंड, रतलाम, शिवपुरी, रीवा, मंदसौर, अलीराजपुर, रायसेन जिले शामिल हैं.

खनिज विभाग को हो रहा नुकसान
कुछ जिलों में खनिज विकास निगम (Mineral Development Corporation) द्वारा अपने स्तर पर रेत खनन किया गया, लेकिन बताया जाता है कि इससे कई गुना रेत अवैध रूप से मार्केट में पहुंच रहा है. इससे खनिज विभाग को रॉयल्टी के रूप में बड़ा नुकसान हो रहा है. उधर, अवैध खनन को रोकने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई नाकाफी साबित हो रही है. खनन माफिया के हौसले इतने हाबी हैं कि वे पुलिस पर कार्रवाई करने से भी नहीं घबराते.

कई बार टेंडर, नहीं मिले ठेकेदार
खनिज विभाग को उज्जैन और आगर मालवा में रेत खनन के लिए ठेकेदार ही नहीं मिल रहे हैं. यह हालात तब है जब खनिज विभाग ने दो जिलों के लिए कई बार टेंडर निकाल चुका है. खनिज विभाग द्वारा एक बार फिर इन दोनों जिलों में रेत खदानों की नीलामी के प्रयास कर रहा है. उधर, बाकी जिलों की रेत खदानों की नीलामी की प्रकिया शुरू की जा रही है.

दिग्विजय सिंह ने की थी लोकायुक्त में शिकायत
प्रदेश में अवैध रेत खनन को लेकर कांग्रेस द्वारा लगातार बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया जा रहा है. हाल में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पन्ना जिले में अवैध खनन को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि पन्ना जिले में जमकर रेत का अवैध खनन हो रहा है. यहां से चोरी से रेत निकालकर पड़ोसी राज्यों तक भेजी जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया था कि यह सब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और खनन मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के संरक्षण में किया जा रहा है. उधर, कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में अवैध खनन को सरकार का संरक्षण प्राप्त है. सरकार बताए कि कितनी गाड़ियां अभी तक जब्त हुई हैं. यहां तक कि सीहोर जिला ही अवैध उत्खनन से नहीं बचा है, जो सीएम का गृह जिला है.

सरेंडर रेत टेंडर! खनिज विभाग का उल्टा पड़ा दांव, अब नया प्लान करेगा मालामाल

उधर खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के मुताबिक पहले के मुकाबले प्रदेश में अवैध खनन की घटनाओं में बेहद कमी आई है, जहां भी शिकायतें मिल रही हैं. उसमें कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है. कुछ जिलों में रेत खदानों के ठेके नहीं हो पाए हैं, जिसको लेकर प्रकिया चल रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.