भोपाल। सत्ता में वापसी के बाद बीजेपी की सरकार ने उन अधिकारियों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जो लगातार बीजेपी नेताओं पर हमलावर रहे हैं. ऐसे ही एक आईएएस अधिकारी को रिटायरमेंट से 10 दिन पहले ही उन्हें निलंबित किया गया है. सभाजीत यादव को उनके सेवानिवृत्ति से 10 दिन पहले ही पीएम आवास योजना में अनियमितता पाए जाने पर निलंबित कर दिया गया. कल देर रात उनके निलंबन का आदेश जारी कर दिया गया.
प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता का आरोप
बता दें कि, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ल से आईएएस सभाजीत यादव के कभी भी अच्छे संबंध नहीं रहे हैं. यहां तक कि, हमेशा ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और मानहानि का मुकदमा करने तक की बात कही गई है. आईएस सभाजीत यादव के ऊपर रीवा निगम के आयुक्त रहते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े स्तर पर अनियमितता किए जाने का आरोप लगाया गया है. हालांकि अभी तक उनकी तरफ से किसी भी प्रकार का कोई बयान इस कार्रवाई को लेकर नहीं आया है.
विधायक को थमाया था 4.94 करोड़ रुपए का वसूली नोटिस
वर्ष 2019 में सभाजीत यादव रीवा नगर निगम कमिश्नर हुआ करते थे, उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना में बने भवनों के आवंटन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए रीवा बीजेपी विधायक राजेंद्र शुक्ल को 4.94 करोड़ रुपए की वसूली का नोटिस भेजा था. एमआईसी ने राजेंद्र शुक्ल के समर्थन में प्रस्ताव पारित भी किया था, इस दौरान यादव ने एमआईसी को बंद करने का प्रस्ताव भेज दिया था.
निलंबन अवधि के दौरान आईएएस अफसर सभाजीत यादव का मुख्यालय मंत्रालय बनाया गया है. इस दौरान उन्हें सरकार से मिलने वाले जरूरी भत्ते दिए जाते रहेंगे. वहीं दूसरी ओर आईपीएस ए. साईं मनोहर को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने पर पुलिस महा निरीक्षक सतर्कता पीएचक्यू पदस्थ किया गया है. आईपी कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने के कारण पुलिस महा निरीक्षक पीएचक्यू का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है.