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बच्चों पर कोरोना का कितना है प्रभाव? जानिए...

कोरोना महामारी ने हर उम्र के लोगों पर अपना प्रकोप दिखाया है. इस महामारी ने बच्चों को भी नहीं बख्शा. लेकिन कोरोना से गंभीर रुप से बिमार बच्चों की संख्या काफी कम है. विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों को पैदा होते ही कई प्रकार के टीके लगाएं जाते है, जिसके कारण उनकी इम्युनिटी अच्छी होती है.

How much does corona have on children
बच्चों पर कोरोना का कितना है प्रभाव
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Published : May 4, 2021, 6:36 PM IST

Updated : May 5, 2021, 6:04 PM IST

भोपाल। कोरोना की नई लहर ने इस बार मुश्किलें पैदा कर दी हैं. दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. पिछली लहर में बच्चें इसकी चपेट में नहीं आए थे, लेकिन इस बार डॉक्टर और विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि, कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों पर संक्रमण का प्रभाव हो रहा है. बच्चों में कोरोना से लड़ने की क्षमता दूसरों से ज्यादा है. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बच्चों को डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत है, तो तुरंत सावधान हो जाइए. वहीं बच्चे को तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, हल्की खांसी, नाक लगातार बहने जैसी शिकायत हो तो तुरंत अलर्ट हो जाएं और डॉक्टर का परामर्श जरूर लें.

बच्चों पर कोरोना का कितना है प्रभाव
  • होम आइसोलेशन से ठीक हो रहे बच्चे

भोपाल जिला अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. पीयूष पंचरत्न का कहना है कि कोविड-19 वयस्कों को हुआ तो बच्चों को भी होगा, लेकिन पहली लहर में नहीं हुआ था. इस वेरिएंट में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. अच्छी बात ये है कि बच्चों में सीरियसनेस नहीं है. जिला अस्पताल में अब तक केवल एक केस आया वो भी ठीक हो गया. होम आइसोलेशन से बच्चे ठीक हो रहे हैं. डाक्टरों के मुताबिक बच्चे स्प्रैडर होते हैं इसलिए घर में बच्चों को अलग रखना जरूरी है. बच्चों को पहले से ही बहुत सारे टीके लगे होते हैं जिसके कारण उनकी इम्युनिटी अच्छी रहती है.

इंदौर: किन्नर समुदाय ने की लोगों से घरों में रहने की अपील

  • मप्र में अब तक कोई स्टडी नहीं

राजधानी भोपाल में एम्स, हमीदिया, जयप्रकाश अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में भी बच्चों को कोविड होने का कोई सीरियस केस फिलहाल सामने नहीं आए है, लेकिन बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. डाक्टरों के अनुसार मप्र में अभी कोविड-19 इफेक्टेड बच्चों पर कोई स्टडी रिपोर्ट नहीं आई है. मप्र में फिलहाल कोई सीरियस केस नहीं आया है.

एमपी में बच्चों, किशोरों में कोरोना संक्रमण के मामले

मध्य प्रदेश में इस बार यानि साल 2021 में कोरोना के कई मामले बच्चों में भी देखने को मिले हैं. 2 साल से छोटे बच्चों और 18 साल तक के युवा सभी को कोरोना के नए स्ट्रेन ने अपनी चपेट में लिया. हांलाकि कोई आधिकारिक आंकड़ा भले ही सामने नहीं आया है लेकिन जो मामले अस्पतालों तक पहुंचे हैं उनमें मोटे तौर पर....

  • इस साल 7,252 बच्चों और युवाओं के संक्रमण के मामले रिपोर्ट हुए.
  • इनमें 5 साल से छोटे बच्चों की संख्या करीब 854 है.
  • 16 से 20 साल के 2,665 किशोर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

सिर्फ पिछले एक महीने की बात करें तो ...

  • भोपाल के बाल संप्रेक्षण गृह में 11 कोरोना पॉजिटिव बच्चे मिले थे.
  • इंदौर में 5 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद वहां इंदौर के चाचा नेहरू अस्पताल में 20 बेड्स रिजर्व रखे गए हैं.
  • पिछले महीने झाबुआ के एक बच्चे की मौत भी कोरोना से हुई.
  • टीकमगढ़ जिले के नवोदय विद्यालय में भी 6 बच्चों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली थी.

देश भर में एक लाख से अधिक बच्चे प्रभावित

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में मार्च और अप्रैल महीने में 60 हजार से अधिक बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं. इनमें से करीब 10 हजार बच्चे 5 साल से कम उम्र वाले हैं. देशभर में दो महीने से कम वक्त में एक लाख से अधिक बच्चे कोरोना से संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. इसका मतलब अब बच्चों को वायरस का खतरा पहले से कहीं ज्यादा है.

सीएम शिवराज की घोषणा के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा फ्री राशन

  • शुरु हुआ बच्चों के लिए वैक्सीन का काम

जानकारी के मुताबिक देश-विदेश में कई कंपनियां बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं. मार्डना ने अमेरिका में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरु किया था. इस दौरान अमेरिका और कनाडा में 6 महीने से 11 साल तक के 6,500 से अधिक बच्चों को ट्रायल के लिए रजिस्टर किया गया.

भोपाल। कोरोना की नई लहर ने इस बार मुश्किलें पैदा कर दी हैं. दूसरी लहर में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. पिछली लहर में बच्चें इसकी चपेट में नहीं आए थे, लेकिन इस बार डॉक्टर और विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि, कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों पर संक्रमण का प्रभाव हो रहा है. बच्चों में कोरोना से लड़ने की क्षमता दूसरों से ज्यादा है. विशेषज्ञों के मुताबिक अगर बच्चों को डायरिया, उल्टी, पेट में दर्द की शिकायत है, तो तुरंत सावधान हो जाइए. वहीं बच्चे को तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, हल्की खांसी, नाक लगातार बहने जैसी शिकायत हो तो तुरंत अलर्ट हो जाएं और डॉक्टर का परामर्श जरूर लें.

बच्चों पर कोरोना का कितना है प्रभाव
  • होम आइसोलेशन से ठीक हो रहे बच्चे

भोपाल जिला अस्पताल के चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. पीयूष पंचरत्न का कहना है कि कोविड-19 वयस्कों को हुआ तो बच्चों को भी होगा, लेकिन पहली लहर में नहीं हुआ था. इस वेरिएंट में बच्चे भी प्रभावित हो रहे हैं. अच्छी बात ये है कि बच्चों में सीरियसनेस नहीं है. जिला अस्पताल में अब तक केवल एक केस आया वो भी ठीक हो गया. होम आइसोलेशन से बच्चे ठीक हो रहे हैं. डाक्टरों के मुताबिक बच्चे स्प्रैडर होते हैं इसलिए घर में बच्चों को अलग रखना जरूरी है. बच्चों को पहले से ही बहुत सारे टीके लगे होते हैं जिसके कारण उनकी इम्युनिटी अच्छी रहती है.

इंदौर: किन्नर समुदाय ने की लोगों से घरों में रहने की अपील

  • मप्र में अब तक कोई स्टडी नहीं

राजधानी भोपाल में एम्स, हमीदिया, जयप्रकाश अस्पताल सहित अन्य निजी अस्पतालों में भी बच्चों को कोविड होने का कोई सीरियस केस फिलहाल सामने नहीं आए है, लेकिन बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना पॉजिटिव हुए हैं. डाक्टरों के अनुसार मप्र में अभी कोविड-19 इफेक्टेड बच्चों पर कोई स्टडी रिपोर्ट नहीं आई है. मप्र में फिलहाल कोई सीरियस केस नहीं आया है.

एमपी में बच्चों, किशोरों में कोरोना संक्रमण के मामले

मध्य प्रदेश में इस बार यानि साल 2021 में कोरोना के कई मामले बच्चों में भी देखने को मिले हैं. 2 साल से छोटे बच्चों और 18 साल तक के युवा सभी को कोरोना के नए स्ट्रेन ने अपनी चपेट में लिया. हांलाकि कोई आधिकारिक आंकड़ा भले ही सामने नहीं आया है लेकिन जो मामले अस्पतालों तक पहुंचे हैं उनमें मोटे तौर पर....

  • इस साल 7,252 बच्चों और युवाओं के संक्रमण के मामले रिपोर्ट हुए.
  • इनमें 5 साल से छोटे बच्चों की संख्या करीब 854 है.
  • 16 से 20 साल के 2,665 किशोर कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.

सिर्फ पिछले एक महीने की बात करें तो ...

  • भोपाल के बाल संप्रेक्षण गृह में 11 कोरोना पॉजिटिव बच्चे मिले थे.
  • इंदौर में 5 बच्चों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद वहां इंदौर के चाचा नेहरू अस्पताल में 20 बेड्स रिजर्व रखे गए हैं.
  • पिछले महीने झाबुआ के एक बच्चे की मौत भी कोरोना से हुई.
  • टीकमगढ़ जिले के नवोदय विद्यालय में भी 6 बच्चों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव मिली थी.

देश भर में एक लाख से अधिक बच्चे प्रभावित

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में मार्च और अप्रैल महीने में 60 हजार से अधिक बच्चे कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं. इनमें से करीब 10 हजार बच्चे 5 साल से कम उम्र वाले हैं. देशभर में दो महीने से कम वक्त में एक लाख से अधिक बच्चे कोरोना से संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. इसका मतलब अब बच्चों को वायरस का खतरा पहले से कहीं ज्यादा है.

सीएम शिवराज की घोषणा के बाद भी लोगों को नहीं मिल रहा फ्री राशन

  • शुरु हुआ बच्चों के लिए वैक्सीन का काम

जानकारी के मुताबिक देश-विदेश में कई कंपनियां बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं. मार्डना ने अमेरिका में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरु किया था. इस दौरान अमेरिका और कनाडा में 6 महीने से 11 साल तक के 6,500 से अधिक बच्चों को ट्रायल के लिए रजिस्टर किया गया.

Last Updated : May 5, 2021, 6:04 PM IST
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