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Gangubai Kathiyawadi: गुजरात की गंगूबाई कैसे बनीं मुंबई की माफिया क्वीन, जानें

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Published : Feb 25, 2022, 2:36 PM IST

Updated : Feb 25, 2022, 2:47 PM IST

गंगूबाई काठियावाड़ी पर बनी बायोपिक आज रिलीज हो गई है. गंगूबाई को माफिया क्वीन के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि गंगूबाई पहली ऐसी महिला है, जो 60 के दशक में डॉन की तरह रहीं. आएये जानते हैं कौन थीं गंगूबाई-

gangubai
गंगूबाई

हैदराबाद। फिल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट की गंगूबाई काठियावाड़ी शुक्रवार यानी आज रिलीज हो गई है. फिल्म के रिलीज होते ही लोग सिनेमाघरों तक पहुंच रहे हैं. कई जगहों पर हाउसफुल की स्थिति है. गंगूबाई को माफिया क्वीन के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि गंगूबाई पहली ऐसी महिला है, जो 60 के दशक में डॉन की तरह रहीं. आएये जानते हैं कौन थीं गंगूबाई और कैसे गुजरात के घराने से निकलकर माफिया क्वीन बनीं.

कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी ? (Who is Gangubai Kathiyawadi)
गंगूबाई काठियावाड़ी गुजरात के काठियावाड़ नामक स्थान पर 1939 में एक सम्मानित परिवार में जन्मीं थीं. गंगूबाई का पूरा नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था. उनके जीवन में कई सारे उतार-चढ़ाव आए. अपने जीवन के हर हिस्से से सीखते हुए चुनौतियों का सामना किया. जीवन की कठिन परिस्थितियों ने गंगूबाई को अपराधी, डॉन, एक वेश्या और बिजनेस वूमेन बना दिया. कहा जाता है कि एक समय पर आकर वह इतनी पावरफुल हो गईं थीं कि कोई भी उनसे पंगा लेने से पहले 100 बार सोचा करता था. गंगूबाई एक कोठा चलाया करतीं थीं, जिसके देश भर में कई सारी ब्रांच थीं.

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हिरोइन बनना चाहती थीं गंगूबाई
गंगूबाई बहुत सम्मानजनकर परिवार से संबंध रखती हैं. उनके माता-पिता बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आगे बढ़ाने में विश्वास रखते थे. गंगूबाई परिवार में इकलौती बेटी थीं, इसलिए उनके परिजन उसे पढ़ाकर कुछ बनाना चाहते थे. गंगूबाई की दिलचस्पी इसके उलट थी. उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था. वह एक अभिनेत्री बनना चाहती थीं और मुंबई जाकर काम करना चाहती थीं. (Gangubai Kathiyawadi Biography in hindi)

गंगूबाई काठियावाड़ी ने शादी कब की ?
मुंबई गंगूबाई के लिए सपनों का शहर था. वह दिन रात वहीं जाने के ख्वाब बुनती रहती थीं. मायानगरी जाने की राह उनकी तब स्पष्ट हो गई, जब उन्हें पता चला कि उनके पिता के यहां अकाउंटेंट काम करने वाला व्यक्ति रमणीक पहले मुंबई रहता था. गंगूबाई की धीरे-धीरे रमणीक से दोस्ती हो गई. आगे चलकर यह दोस्ती प्यार में बदल गई. 16 साल की उम्र में ही वे रमणीक के साथ घर से भाग गईं. दोनों ने मंदिर जाकर आपस में शादी कर ली. (Gangubai Kathiyawadi marriage)

पति ने 500 रुपये में कोठे पर बेचा
अब गंगूबाई गुजरात से रमणीक के साथ मुंबई पहुंच गई. दोनों वहां एक साथ रहने लगे. बाद में रमणीक ने उसे एक औरत के साथ यह कहकर भेज दिया कि- यह मेरी मौसी है. तुम कुछ दिन इनके घर रहो. मैं नया घर ढूंढ कर तुम्हें लेने आ जाऊंगा. गंगूबाई रमणीक की झूठ को समझ नहीं पाईं क्योंकि उसने मात्र 500 रुपये में अपनी पत्नी को कोठे वाली को बेच दिया था. वह महिला गंगूबाई को अपने साथ मुंबई के मशहूर कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया ले गई. (Gangubai Kathiyawadi Mafia Queen)

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इस घटना ने बदला जीवन
कमाठीपुरा में गंगूबाई सबसे अनजान थी. उस समय उसने अपनी परिस्थितियों के साथ समझौता किया. कोठे पर हर रोज उसके शरीर का दोहन किया जा रहा था. इसी दौरान शौकत खान नाम का वहशी दरिंदा आया. शौकत ने गंगूबाई के साथ जबरदस्ती की और पूरी रात उसे नोंचता रहा. इससे उसकी हालत खराब हो गई. आलम यह गया कि गंगूबाई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. जब गंगूबाई अस्पताल से आई तो उसने शौकत खान की जानकारी निकाली. इससे उसे पता चला कि शौकत खान डॉन करीम लाला के लिए काम करता है.

कोठी वाली से कैसे बनीं माफिया क्वीन ?
गंगूबाई ने करीम लाला के घर जाकर आपबीती बताई. फिर क्या था करीम लाला ने उसकी रक्षा का प्रण ले लिया. डॉन ने शौकत खान को बेहद कड़ी सजा दी. इसके बाद गंगूबाई ने डॉन करीम लाला का राखी बांध दी और उसे अपना मुंह बोला भाई बना लिया. गंगूबाई अपने इस कदम से कमाठीपुरा में भी मशहूर हो गईं. उसी दिन से गंगूबाई को कमाठीपुरा में डॉन के नाम से भी जाना जाने लगा. धीरे धीरे वे प्रचलित होती गई. गंगूबाई ने रेड लाइट एरिया में काम करने वाली वेश्याओं के लिए कई सकारात्मक काम किए. (Gangubai Kathiyawadi brother kareem lala)

रिलीज से 2 दिन पहले 'गंगूबाई...' को हाईकोर्ट में घसीटा, याचिका खारिज, समझिए पूरी कहानी

गंगूबाई का कहना था कि यदि मुंबई में रेड लाइट एरिया में काम करने वाली औरतें न हों तो मुंबई की औरतों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा. भले ही गंगूबाई वेश्यावृत्ति में पूरी तरह से रंग चुकी थीं. परंतु वह अपने यहां किसी भी ऐसी महिला को नहीं रखती थीं, जिसका वहां रहने का या काम करने का मन न हो. वेश्याओं के साथ-साथ उन्होंने मुंबई के बहुत से अनाथ बच्चों के लिए भी बहुत बड़े बड़े काम किये. मुंबई में वेश्याओं के खिलाफ आंदोलन में उन्होंने वेश्याओं का नेतृत्व स्वयं किया.

हैदराबाद। फिल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट की गंगूबाई काठियावाड़ी शुक्रवार यानी आज रिलीज हो गई है. फिल्म के रिलीज होते ही लोग सिनेमाघरों तक पहुंच रहे हैं. कई जगहों पर हाउसफुल की स्थिति है. गंगूबाई को माफिया क्वीन के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि गंगूबाई पहली ऐसी महिला है, जो 60 के दशक में डॉन की तरह रहीं. आएये जानते हैं कौन थीं गंगूबाई और कैसे गुजरात के घराने से निकलकर माफिया क्वीन बनीं.

कौन थीं गंगूबाई काठियावाड़ी ? (Who is Gangubai Kathiyawadi)
गंगूबाई काठियावाड़ी गुजरात के काठियावाड़ नामक स्थान पर 1939 में एक सम्मानित परिवार में जन्मीं थीं. गंगूबाई का पूरा नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था. उनके जीवन में कई सारे उतार-चढ़ाव आए. अपने जीवन के हर हिस्से से सीखते हुए चुनौतियों का सामना किया. जीवन की कठिन परिस्थितियों ने गंगूबाई को अपराधी, डॉन, एक वेश्या और बिजनेस वूमेन बना दिया. कहा जाता है कि एक समय पर आकर वह इतनी पावरफुल हो गईं थीं कि कोई भी उनसे पंगा लेने से पहले 100 बार सोचा करता था. गंगूबाई एक कोठा चलाया करतीं थीं, जिसके देश भर में कई सारी ब्रांच थीं.

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हिरोइन बनना चाहती थीं गंगूबाई
गंगूबाई बहुत सम्मानजनकर परिवार से संबंध रखती हैं. उनके माता-पिता बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आगे बढ़ाने में विश्वास रखते थे. गंगूबाई परिवार में इकलौती बेटी थीं, इसलिए उनके परिजन उसे पढ़ाकर कुछ बनाना चाहते थे. गंगूबाई की दिलचस्पी इसके उलट थी. उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था. वह एक अभिनेत्री बनना चाहती थीं और मुंबई जाकर काम करना चाहती थीं. (Gangubai Kathiyawadi Biography in hindi)

गंगूबाई काठियावाड़ी ने शादी कब की ?
मुंबई गंगूबाई के लिए सपनों का शहर था. वह दिन रात वहीं जाने के ख्वाब बुनती रहती थीं. मायानगरी जाने की राह उनकी तब स्पष्ट हो गई, जब उन्हें पता चला कि उनके पिता के यहां अकाउंटेंट काम करने वाला व्यक्ति रमणीक पहले मुंबई रहता था. गंगूबाई की धीरे-धीरे रमणीक से दोस्ती हो गई. आगे चलकर यह दोस्ती प्यार में बदल गई. 16 साल की उम्र में ही वे रमणीक के साथ घर से भाग गईं. दोनों ने मंदिर जाकर आपस में शादी कर ली. (Gangubai Kathiyawadi marriage)

पति ने 500 रुपये में कोठे पर बेचा
अब गंगूबाई गुजरात से रमणीक के साथ मुंबई पहुंच गई. दोनों वहां एक साथ रहने लगे. बाद में रमणीक ने उसे एक औरत के साथ यह कहकर भेज दिया कि- यह मेरी मौसी है. तुम कुछ दिन इनके घर रहो. मैं नया घर ढूंढ कर तुम्हें लेने आ जाऊंगा. गंगूबाई रमणीक की झूठ को समझ नहीं पाईं क्योंकि उसने मात्र 500 रुपये में अपनी पत्नी को कोठे वाली को बेच दिया था. वह महिला गंगूबाई को अपने साथ मुंबई के मशहूर कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया ले गई. (Gangubai Kathiyawadi Mafia Queen)

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इस घटना ने बदला जीवन
कमाठीपुरा में गंगूबाई सबसे अनजान थी. उस समय उसने अपनी परिस्थितियों के साथ समझौता किया. कोठे पर हर रोज उसके शरीर का दोहन किया जा रहा था. इसी दौरान शौकत खान नाम का वहशी दरिंदा आया. शौकत ने गंगूबाई के साथ जबरदस्ती की और पूरी रात उसे नोंचता रहा. इससे उसकी हालत खराब हो गई. आलम यह गया कि गंगूबाई को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. जब गंगूबाई अस्पताल से आई तो उसने शौकत खान की जानकारी निकाली. इससे उसे पता चला कि शौकत खान डॉन करीम लाला के लिए काम करता है.

कोठी वाली से कैसे बनीं माफिया क्वीन ?
गंगूबाई ने करीम लाला के घर जाकर आपबीती बताई. फिर क्या था करीम लाला ने उसकी रक्षा का प्रण ले लिया. डॉन ने शौकत खान को बेहद कड़ी सजा दी. इसके बाद गंगूबाई ने डॉन करीम लाला का राखी बांध दी और उसे अपना मुंह बोला भाई बना लिया. गंगूबाई अपने इस कदम से कमाठीपुरा में भी मशहूर हो गईं. उसी दिन से गंगूबाई को कमाठीपुरा में डॉन के नाम से भी जाना जाने लगा. धीरे धीरे वे प्रचलित होती गई. गंगूबाई ने रेड लाइट एरिया में काम करने वाली वेश्याओं के लिए कई सकारात्मक काम किए. (Gangubai Kathiyawadi brother kareem lala)

रिलीज से 2 दिन पहले 'गंगूबाई...' को हाईकोर्ट में घसीटा, याचिका खारिज, समझिए पूरी कहानी

गंगूबाई का कहना था कि यदि मुंबई में रेड लाइट एरिया में काम करने वाली औरतें न हों तो मुंबई की औरतों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाएगा. भले ही गंगूबाई वेश्यावृत्ति में पूरी तरह से रंग चुकी थीं. परंतु वह अपने यहां किसी भी ऐसी महिला को नहीं रखती थीं, जिसका वहां रहने का या काम करने का मन न हो. वेश्याओं के साथ-साथ उन्होंने मुंबई के बहुत से अनाथ बच्चों के लिए भी बहुत बड़े बड़े काम किये. मुंबई में वेश्याओं के खिलाफ आंदोलन में उन्होंने वेश्याओं का नेतृत्व स्वयं किया.

Last Updated : Feb 25, 2022, 2:47 PM IST
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