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आपके बच्चे के लिए कितनी खतरनाक है कोरोना की तीसरी लहर, जानिए देश के प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ से - छिंदवाड़ा न्यूज

कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बच्चों पर अधिक मंडराया हुआ है. ऐसे में बच्चों का इस बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है और बच्चों के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर. आएये जानते हैं इस खास इंटरव्यू में-

exclusive interview about omicron
ओमीक्रोन पर इंटरव्यू
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Published : Dec 6, 2021, 4:18 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर (corona third wave in chhindwara) में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को बताया गया है. आखिर इस बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है और बच्चों के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर. ईटीवी से खास बातचीत की देश (exclusive interview about omicron) के मशहूर शिशु रोग विशेषज्ञ और कामनवेल्थ एसोसिएशन फॉर हेल्थ एंड डिसेबिलिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. उदय बोधनकर ने-

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर

बॉर्डर पर तैनात सैनिक की तरह कोरोना से रहना होगा अलर्ट
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. उदय बोधनकर ने बताया कि तीसरी संभावित लहर में ज्यादा चिंता लोगों को बच्चों की है. उन्होंने बताया कि जिस तरह भारत-पाकिस्तान की बॉर्डर पर युद्ध हो या न हो सैनिक हमेशा अलर्ट मोड पर रहता है. इसी तरह कोरोना से भी हमें अपने और बच्चों के लिए अलर्ट रहना होगा. कोरोना गाइडलाइन (new guideline for omicron) का पूर्ण तरह पालन करना होगा.

जंक फूड से रहें दूर, कोरोना से बचाएगा संतुलित आहार
डॉ. उदय बोधनकर ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (how to increase immunity power) बढ़ाने के लिए बच्चों को संतुलित आहार सबसे पहली प्राथमिकता है. बच्चों को चॉकलेट और बाहर के जंक फूड से बचाना अभिभावकों की जिम्मेदारी है. संतुलित आहार का मतलब घर में दाल, चावल, रोटी और जरूरी फल खाना चाहिए. अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर है, तो दाल, चावल और रोटी भी बच्चे के लिए पर्याप्त भोजन हो सकता है, लेकिन वह घर का हो. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से बच्चे बाहर का खाना कम खा रहे हैं, इसलिए बीमार भी कम पड़ रहे हैं. यह उनका खुद का व्यक्तिगत अनुभव है.

योगा और घरेलू नुस्खें अपनाएं
दुनिया भर में बच्चों के लिए मशहूर डॉक्टर उदय बोधनकर का कहना है कि खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों को योगा (how to take care of children in pandemic) और घरेलू नुस्खे आयुर्वेद भी बहुत जरूरी है. अगर घर में बच्चों को परिवार योग कराए इसके साथ ही घर में हल्दी तुलसी अदरक जैसी जरूरी आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें तो सभी बीमारियों से दूर रहा जा सकता है.

साधारण सर्दी-खांसी नहीं हो सकता कोरोना
बोधनकर ने बताया कि कोरोना का डर इतना खतरनाक है. बच्चों को जरा सी सर्दी, खांसी और बुखार होता है, तो पेरेंट्स डर जाते हैं. उन्होंने कहा कि मौसम के चलते कई बार बदलाव आते हैं. ठंडा मौसम होता है बच्चा कुछ ठंडा खा लेता है तो सर्दी या बुखार हो सकता है. उन्हें सर्दी की दवाइयां दे. अगर बुखार ज्यादा है तो बुखार की दवाई दें. जरूरी नहीं कि हर बुखार-सर्दी कोरोना हो. ऐसे में घरेलू नुस्खे उपयोग कर उनसे बचा जा सकता है. अगर बहुत ज्यादा दिनों तक बुखार या ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो फिर जांच कराने की आवश्यकता है.

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ओमीक्रोन वायरस वैक्सीन करेगा रक्षा
तीसरी लहर में कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन को डरा रहा है. डॉ. उदय बोधनकर का कहना है कि जिन्हें वैक्सीन लग गया है. उनके लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है. इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि अभी तक जो केस मिले हैं. उनमें ऑक्सीजन लेवल कम नहीं कर रहा है. डेल्टा, डेल्टा प्लस में ऑक्सीजन लेवल मरीज का तुरंत गिर जाता था, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती थी.

छिंदवाड़ा। कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर (corona third wave in chhindwara) में सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को बताया गया है. आखिर इस बीमारी से कैसे बचाव किया जा सकता है और बच्चों के लिए कितनी खतरनाक हो सकती है तीसरी लहर. ईटीवी से खास बातचीत की देश (exclusive interview about omicron) के मशहूर शिशु रोग विशेषज्ञ और कामनवेल्थ एसोसिएशन फॉर हेल्थ एंड डिसेबिलिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. उदय बोधनकर ने-

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर

बॉर्डर पर तैनात सैनिक की तरह कोरोना से रहना होगा अलर्ट
ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. उदय बोधनकर ने बताया कि तीसरी संभावित लहर में ज्यादा चिंता लोगों को बच्चों की है. उन्होंने बताया कि जिस तरह भारत-पाकिस्तान की बॉर्डर पर युद्ध हो या न हो सैनिक हमेशा अलर्ट मोड पर रहता है. इसी तरह कोरोना से भी हमें अपने और बच्चों के लिए अलर्ट रहना होगा. कोरोना गाइडलाइन (new guideline for omicron) का पूर्ण तरह पालन करना होगा.

जंक फूड से रहें दूर, कोरोना से बचाएगा संतुलित आहार
डॉ. उदय बोधनकर ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता (how to increase immunity power) बढ़ाने के लिए बच्चों को संतुलित आहार सबसे पहली प्राथमिकता है. बच्चों को चॉकलेट और बाहर के जंक फूड से बचाना अभिभावकों की जिम्मेदारी है. संतुलित आहार का मतलब घर में दाल, चावल, रोटी और जरूरी फल खाना चाहिए. अगर कोई आर्थिक रूप से कमजोर है, तो दाल, चावल और रोटी भी बच्चे के लिए पर्याप्त भोजन हो सकता है, लेकिन वह घर का हो. उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से बच्चे बाहर का खाना कम खा रहे हैं, इसलिए बीमार भी कम पड़ रहे हैं. यह उनका खुद का व्यक्तिगत अनुभव है.

योगा और घरेलू नुस्खें अपनाएं
दुनिया भर में बच्चों के लिए मशहूर डॉक्टर उदय बोधनकर का कहना है कि खतरनाक बीमारियों से बचाने के लिए बच्चों को योगा (how to take care of children in pandemic) और घरेलू नुस्खे आयुर्वेद भी बहुत जरूरी है. अगर घर में बच्चों को परिवार योग कराए इसके साथ ही घर में हल्दी तुलसी अदरक जैसी जरूरी आयुर्वेदिक दवाओं का उपयोग करें तो सभी बीमारियों से दूर रहा जा सकता है.

साधारण सर्दी-खांसी नहीं हो सकता कोरोना
बोधनकर ने बताया कि कोरोना का डर इतना खतरनाक है. बच्चों को जरा सी सर्दी, खांसी और बुखार होता है, तो पेरेंट्स डर जाते हैं. उन्होंने कहा कि मौसम के चलते कई बार बदलाव आते हैं. ठंडा मौसम होता है बच्चा कुछ ठंडा खा लेता है तो सर्दी या बुखार हो सकता है. उन्हें सर्दी की दवाइयां दे. अगर बुखार ज्यादा है तो बुखार की दवाई दें. जरूरी नहीं कि हर बुखार-सर्दी कोरोना हो. ऐसे में घरेलू नुस्खे उपयोग कर उनसे बचा जा सकता है. अगर बहुत ज्यादा दिनों तक बुखार या ऐसे लक्षण दिखते हैं, तो फिर जांच कराने की आवश्यकता है.

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ओमीक्रोन वायरस वैक्सीन करेगा रक्षा
तीसरी लहर में कोरोना का नया वेरिएंट ओमीक्रोन को डरा रहा है. डॉ. उदय बोधनकर का कहना है कि जिन्हें वैक्सीन लग गया है. उनके लिए ज्यादा खतरनाक नहीं है. इसमें सबसे बड़ी खासियत यह है कि अभी तक जो केस मिले हैं. उनमें ऑक्सीजन लेवल कम नहीं कर रहा है. डेल्टा, डेल्टा प्लस में ऑक्सीजन लेवल मरीज का तुरंत गिर जाता था, जिससे स्थिति और गंभीर हो जाती थी.

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