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कोरोना के डर ने छीना घरों में काम करने वाली महिलाओं का रोजगार, नहीं मिल रहा काम - House maid women employment bhopal

कोरोना काल में कई लोग अपना रोजगार खो चुके हैं. इन्हीं में शामिल हैं घरों में काम करनी वाली महिलाएं. भोपाल में हजारों ऐसे घर हैं जिनके इसी काम से चूल्हा जलता था, लेकिन संक्रमण के खतरे की वजह से इन्हें काम मिलना बंद हो गया है और इन्हें दो जून की रोटी के लिए भी परेशानी हो रही है.

Working women
काम करने वाली महिलाएं
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Published : Jul 24, 2020, 8:50 PM IST

Updated : Jul 24, 2020, 8:58 PM IST

भोपाल। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. हर इंसान इस महामारी से किसी न किसी तरह से प्रभावित हुआ है. इस महामारी के चलते कई लोगों का रोजगार छिन गया, लोगों को रोजी-रोटी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. जब लॉकडाउन लगाया गया तो मजदूरों का पलायन हुआ. क्योंकि उन्हें काम नहीं मिल रहा था. ऊंचे तबके से लेकर निचले तबके के कई ऐसे लोग हैं जो अब भी अपने रोजगार को लेकर परेशान हैं. निचले तबके की बात की जाए तो यहां पर सबसे ज्यादा परेशानियां इन्हीं लोगों को झेलनी पड़ रहीं हैं. इनमें शामिल है घरों में काम करने वाली महिलाएं. इन महिलाओं को शुरूआत में तो लॉकडाउन और फिर उसके बाद संक्रमण के खतरे के चलते घरों में काम नहीं मिल रहा है. जिससे घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.

काम करने वाली महिलाओं का छिना रोजगार

राजधानी भोपाल में भी कई ऐसी महिलाएं हैं जो घर-घर जाकर खाना बनाना, साफ-सफाई का काम करती थीं. लेकिन अब इस कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने उन्हें काम पर बुलाना बंद कर दिया है. जिससे अब इन महिलाओं की आमदनी भी बंद हो गई है. इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है.

घरों में जाकर काम करने वाली सुनीता ने बताया कि ऐसे कई घर हैं, जहां वे सालों से काम करतीं आईं हैं, लेकिन जब से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ा है तब से घरों में काम नहीं मिल रहा है. मालिकों का कहना है कि अगर तुम्हें कोरोना संक्रमण हो गया तो फिर हमें भी हो सकता है. इसी डर के चलते हमें काम पर नहीं बुलाया जा रहा है.

मनीषा ने इस बारे में बताया कि घरों में काम नहीं मिलने से हमारे लिए इस समय बहुत ज्यादा मुश्किल हालात हो गए हैं. हमारे यहां एक व्यक्ति कमाता है और चार खाने वाले होते हैं. काम न मिलने के कारण हम अपनी रोजाना की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

अंजू कहतीं हैं कि जिन घरों में हम काम करने पहले जाया करते थे, वहां पर अब काम नहीं दिया जा रहा है और जिन घरों में हम अब जा रहे हैं, वहां पर संक्रमण के खतरे को देखते हुए हमें साफ-सफाई हैंड सेनिटाइजर और मास्क लगाने के लिए हिदायत दी जा रही है. इन तमाम बातों का वे ध्यान रख रहीं हैं.

बता दें कि ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी रोजी-रोटी घरों से मिलने वाले काम पर ही निर्भर थी. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण ने उनकी इस रोजी-रोटी को लगभग पूरी तरह से ही छीन लिया है. इनके छोटे-छोटे बच्चे हैं और इनके पास कमाई का और कोई जरिया भी अब बचा नहीं है.

अनलॉक 1.0 में बहुत कम घरों में इन्हें काम मिलना शुरू हुआ था कि अब फिर से 10 दिनों का लॉकडाउन हो गया है. मालिकों को भी कोरोना वायरस का खौफ इतना ज्यादा है कि वह खुद से ही सारे काम कर रहे हैं और इन महिलाओं को काम पर नहीं बुला रहे हैं.

भोपाल। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. हर इंसान इस महामारी से किसी न किसी तरह से प्रभावित हुआ है. इस महामारी के चलते कई लोगों का रोजगार छिन गया, लोगों को रोजी-रोटी के लिए परेशान होना पड़ रहा है. जब लॉकडाउन लगाया गया तो मजदूरों का पलायन हुआ. क्योंकि उन्हें काम नहीं मिल रहा था. ऊंचे तबके से लेकर निचले तबके के कई ऐसे लोग हैं जो अब भी अपने रोजगार को लेकर परेशान हैं. निचले तबके की बात की जाए तो यहां पर सबसे ज्यादा परेशानियां इन्हीं लोगों को झेलनी पड़ रहीं हैं. इनमें शामिल है घरों में काम करने वाली महिलाएं. इन महिलाओं को शुरूआत में तो लॉकडाउन और फिर उसके बाद संक्रमण के खतरे के चलते घरों में काम नहीं मिल रहा है. जिससे घर चलाना भी मुश्किल हो गया है.

काम करने वाली महिलाओं का छिना रोजगार

राजधानी भोपाल में भी कई ऐसी महिलाएं हैं जो घर-घर जाकर खाना बनाना, साफ-सफाई का काम करती थीं. लेकिन अब इस कोरोना संक्रमण के डर से लोगों ने उन्हें काम पर बुलाना बंद कर दिया है. जिससे अब इन महिलाओं की आमदनी भी बंद हो गई है. इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं है.

घरों में जाकर काम करने वाली सुनीता ने बताया कि ऐसे कई घर हैं, जहां वे सालों से काम करतीं आईं हैं, लेकिन जब से कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा बढ़ा है तब से घरों में काम नहीं मिल रहा है. मालिकों का कहना है कि अगर तुम्हें कोरोना संक्रमण हो गया तो फिर हमें भी हो सकता है. इसी डर के चलते हमें काम पर नहीं बुलाया जा रहा है.

मनीषा ने इस बारे में बताया कि घरों में काम नहीं मिलने से हमारे लिए इस समय बहुत ज्यादा मुश्किल हालात हो गए हैं. हमारे यहां एक व्यक्ति कमाता है और चार खाने वाले होते हैं. काम न मिलने के कारण हम अपनी रोजाना की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

अंजू कहतीं हैं कि जिन घरों में हम काम करने पहले जाया करते थे, वहां पर अब काम नहीं दिया जा रहा है और जिन घरों में हम अब जा रहे हैं, वहां पर संक्रमण के खतरे को देखते हुए हमें साफ-सफाई हैंड सेनिटाइजर और मास्क लगाने के लिए हिदायत दी जा रही है. इन तमाम बातों का वे ध्यान रख रहीं हैं.

बता दें कि ऐसी कई महिलाएं हैं जिनकी रोजी-रोटी घरों से मिलने वाले काम पर ही निर्भर थी. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण ने उनकी इस रोजी-रोटी को लगभग पूरी तरह से ही छीन लिया है. इनके छोटे-छोटे बच्चे हैं और इनके पास कमाई का और कोई जरिया भी अब बचा नहीं है.

अनलॉक 1.0 में बहुत कम घरों में इन्हें काम मिलना शुरू हुआ था कि अब फिर से 10 दिनों का लॉकडाउन हो गया है. मालिकों को भी कोरोना वायरस का खौफ इतना ज्यादा है कि वह खुद से ही सारे काम कर रहे हैं और इन महिलाओं को काम पर नहीं बुला रहे हैं.

Last Updated : Jul 24, 2020, 8:58 PM IST
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