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उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहित करेगी सरकार, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

मध्यप्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रदेश सरकार ने उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रत्साहित करने का फैसला किया है.

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बागबानी और खाद्य प्रसंस्करण योजना तैयार
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Published : Jan 28, 2020, 1:23 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 1:50 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रदेश सरकार ने उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रत्साहित करने का फैसला किया है. सरकार इसके लिए मुख्यमंत्री बागबानी तथा खाद्य प्रसंस्करण योजना लागू करने की तैयारी में है.

बागबानी और खाद्य प्रसंस्करण योजना तैयार

उद्यानिकी विभाग करेगा क्लस्टर की स्थापना

जिसके तहत औद्योगिक विकास निगम और राजस्व भूमि पर उद्यानिकी विभाग क्लस्टर की स्थापना करेगा. इस जमीन को लीज पर देकर संरक्षित खेती जैसे फल- फूल, सब्जियां, आर्नामेंटल नर्सरी के साथ ही टिशू कल्चर विकसित किए जाएंगे. बताया जा रहा है कि, नए वित्तीय वर्ष में यह योजना धरातल पर आएगी. इस योजना के तहत औद्योगिक क्षेत्र में उद्यानिकी क्लस्टर के लिए आवंटित जमीन का प्रीमियम पांच लाख प्रति एकड़ तथा भू भाटक 2 हजार 500 रुपए प्रति एकड़ होगा.

फूलों की खेती को दिया जाएगा बढ़ावा

यहां संरक्षित खेती में फूल सब्जी, मसालों की खेती, नर्सरी विकास, शेडनेट, टिश्यू कल्चर आदि की गतिविधियां संचालित होगी. इसमें फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केंद्र के माध्यम से 1 एकड़ से ढाई एकड़ तक की भूमि विकसित प्लॉट आवंटित किए जाएंगे.

गठित की जाएगी समिति

उद्यानिकी क्लस्टर विकसित करने में नीतिगत निर्णय लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जा रही है. यह समिति राज्य औद्योगिक जमीन प्रबंधन नीति 2015 में संशोधन कर आवंटित भूखंड को अनुमोदित करेगी.

जमीन आवंटन के लिए बुलाए जाएंगे आवेदन

जमीन आवंटन के लिए उद्यानिकी विभाग आवेदन बुलाएगा, जिसमें व्यक्ति, कंपनियां, विधिवत पंजीकृत संस्थाएं पात्र होंगी. सरकार की कोशिश है कि, इसके जरिए शहर के आसपास जमीन विकसित की जाए, ताकि उद्यानिकी में रुचि रखने वाले युवा इस से जुड़ सकें. वहीं कांग्रेस के युवा विधायक कुणाल चौधरी के मुताबिक सरकार उद्यानिकी से युवाओं को जोड़ने के लिए नए प्रयास कर रही है, जिसके नतीजे जल्दी दिखाई देंगे.

भोपाल। मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए प्रदेश सरकार ने उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रत्साहित करने का फैसला किया है. सरकार इसके लिए मुख्यमंत्री बागबानी तथा खाद्य प्रसंस्करण योजना लागू करने की तैयारी में है.

बागबानी और खाद्य प्रसंस्करण योजना तैयार

उद्यानिकी विभाग करेगा क्लस्टर की स्थापना

जिसके तहत औद्योगिक विकास निगम और राजस्व भूमि पर उद्यानिकी विभाग क्लस्टर की स्थापना करेगा. इस जमीन को लीज पर देकर संरक्षित खेती जैसे फल- फूल, सब्जियां, आर्नामेंटल नर्सरी के साथ ही टिशू कल्चर विकसित किए जाएंगे. बताया जा रहा है कि, नए वित्तीय वर्ष में यह योजना धरातल पर आएगी. इस योजना के तहत औद्योगिक क्षेत्र में उद्यानिकी क्लस्टर के लिए आवंटित जमीन का प्रीमियम पांच लाख प्रति एकड़ तथा भू भाटक 2 हजार 500 रुपए प्रति एकड़ होगा.

फूलों की खेती को दिया जाएगा बढ़ावा

यहां संरक्षित खेती में फूल सब्जी, मसालों की खेती, नर्सरी विकास, शेडनेट, टिश्यू कल्चर आदि की गतिविधियां संचालित होगी. इसमें फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केंद्र के माध्यम से 1 एकड़ से ढाई एकड़ तक की भूमि विकसित प्लॉट आवंटित किए जाएंगे.

गठित की जाएगी समिति

उद्यानिकी क्लस्टर विकसित करने में नीतिगत निर्णय लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जा रही है. यह समिति राज्य औद्योगिक जमीन प्रबंधन नीति 2015 में संशोधन कर आवंटित भूखंड को अनुमोदित करेगी.

जमीन आवंटन के लिए बुलाए जाएंगे आवेदन

जमीन आवंटन के लिए उद्यानिकी विभाग आवेदन बुलाएगा, जिसमें व्यक्ति, कंपनियां, विधिवत पंजीकृत संस्थाएं पात्र होंगी. सरकार की कोशिश है कि, इसके जरिए शहर के आसपास जमीन विकसित की जाए, ताकि उद्यानिकी में रुचि रखने वाले युवा इस से जुड़ सकें. वहीं कांग्रेस के युवा विधायक कुणाल चौधरी के मुताबिक सरकार उद्यानिकी से युवाओं को जोड़ने के लिए नए प्रयास कर रही है, जिसके नतीजे जल्दी दिखाई देंगे.

Intro:भोपाल। मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर पैदा करने उद्यानकी और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की मदद ली जाएगी। सरकार ने इसके लिए मुख्यमंत्री बागबानी तथा खाद्य प्रसंस्करण योजना लागू करने की तैयारी की है। इसके तहत औद्योगिक विकास निगम और राजस्व भूमि पर उद्यानिकी विभाग द्वारा क्लस्टर की स्थापना की जाएगी। इस जमीन को लीज पर देकर संरक्षित खेती जैसे फल फूल, सब्जियां, आर्नामेंटल नर्सरी के साथ ही टिशू कल्चर विकसित किए जाएंगे।


Body:माना जा रहा है कि नए वित्तीय वर्ष में यह योजना धरातल पर आएगी इस योजना के तहत औद्योगिक क्षेत्र में उद्यानिकी क्लस्टर के लिए आवंटित जमीन का प्रीमियम 5 लाख प्रति एकड़ तथा भू भाटक 2500 रुपए प्रति एकड़ होगा। यहां संरक्षित खेती में फूल सब्जी, मसालों की खेती, नर्सरी विकास, शेडनेट, टिश्यू कल्चर आदि की गतिविधियां संचालित होगी। इसमें फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केंद्र के माध्यम से 1 एकड़ से ढाई एकड़ तक की भूमि विकसित प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। उद्यानकी कलस्टर विकसित करने में नीतिगत निर्णय लेने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जा रही है। यह समिति राज्य औद्योगिक जमीन प्रबंधन नीति 2015 में संशोधन कर आवंटित भूखंड को अनुमोदित करेगी। जमीन आवंटन के लिए उद्यानिकी विभाग द्वारा आवेदन बुलाए जाएंगे जिसमें व्यक्ति, कंपनियां, विधिवत पंजीकृत संस्थाएं पात्र होगी। सरकार की कोशिश है कि इसके जरिए शहर के आसपास जमीन विकसित की जाएगी ताकि उद्यानिकी में रुचि रखने वाले युवा इस से जुड़ सकें। कांग्रेस के युवा विधायक कुणाल चौधरी के मुताबिक सरकार उद्यानिकी से युवाओं को जोड़ने के लिए नए प्रयास कर रही है जिसके नतीजे जल्दी दिखाई देंगे।


Conclusion:अब देखना होगा सरकार का यह नवाचार कब तक जमीन पर उतर पाता है और इसके कितने बेहतर परिणाम सामने आते हैं।
Last Updated : Jan 28, 2020, 1:50 PM IST
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