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कोरोना आउटब्रेक में ठहरा कारीगरों का काम, छाया आर्थिक संकट - भोपाल न्यूज

लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के डर ने होम सर्विस देने वालों की सर्विस पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया है. ऐसे में रोज कमाने खाने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.

संकट में कारीगर
संकट में कारीगर
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Published : May 9, 2021, 1:17 PM IST

भोपाल। सरकार ने इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और कारपेंटर को लॉकडाउन में लोगों के घर जाने की भले ही छूट दी है, लेकिन दुकानें बंद होने से सामान नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से रिपेयरिंग का काम रुक गया है, वहीं अब लोग कोरोना के डर से होम सर्विस वालों को भी बुलाने से कतरा रहे हैं. इन हालातों में इनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.

संकट में कारीगर

काम के इंतजार में कारीगर
कोरोना कर्फ्यू में जिला प्रशासन ने इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर और इस तरह का काम करने वाले अन्य लोगों को घर जाकर रिपेयरिंग करने की छूट दी है. शुरु में तो इनको लोगों ने फोन करके बुलाया भी, लेकिन अब जब संक्रमण का खतना बढ़ना लगा है, तो इन लोगों को बुलाना ही बंद कर दिया है. हालात ये हैं कि ये लोग हाथ पर हाथ रखे अपने घरों के बाहर लोगों के फोन का इंतजार करते रहते हैं.


दुकानें हैं बंद तो कैसे होगा काम
होम सर्विस का काम करने वाले लोगों का कहना है कि सामान रिपेयर नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि इस तरह के काम करने के लिए स्पेयर पार्ट नहीं मिल पा रहे हैं. हार्डवेयर, इलेक्ट्रिक दुकान, स्पेयर पार्ट्स की दुकान सभी को पूरी तरह से बंद किया गया है. ऐसे में लोगों का काम नहीं होगा तो वो हमें क्यों बुलाएंगे. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, हाउसकीपिंग का काम करने वाले संजय श्याम ने बताया कि अभी काम बंद है. इक्का-दुक्का काम मिल जाता है. पहले जहां काम कर रहे थे, वहां की पेमेंट अटकी है.

सामान खराब है लेकिन रिपेयर नहीं करा रहे लोग
इन दिनों इलेक्ट्रिशियन और कारपेंटर का काम करने वाले लोगों का भी बुरा हाल है। कोरोना संक्रमण के कारण कोई भी इन्हें नहीं बुला रहा है। इनका कहना है कि लोग समय काट रहे हैं,भले ही सामान खराब पड़ा है लेकिन घर बुलाने से डर रहे हैं। बल्लभनगर निवासी टेक्नीशियन का काम करने वाले अजय पटेल का कहना है कि दो महीने पहले ही काम मिला था लेकिन कोरोना के चलते अब काम बंद हो गया है तो मैं क्या करूं । मेरा गुजारा कैसे होगा।


गाड़ी रिपेयरिंग का काम भी बंद
वहीं टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर की रिपेयरिंग करने वाले मैकेनिकों की स्थिति भी ठीक नहीं है, ये लोग भी लॉकडाउन के कारण दुकान नहीं खोल सकते हैं, इनका कहना है कि कभी कोई इमरजेंसी में काम आया तो कर दिया, लेकिन बाकी समय बेकार ही बैठना पड़ रहा है. तुलसी नगर में मैकेनिक का काम करने वाले मुश्ताक अहमद बताते हैं कि कामकाज तो बंद है. पहले लोग घर और ऑफिस बुलाकर भी गाड़ियां ठीक कराते थे, लेकिन अब सब बंद है.


जिद्दी युवक ने उठाया पूरे शहर को सैनिटाइज करने का बीड़ा, रिजल्ट चौंकाने वाला

हालात सुधरने का इंतजार
राजधानी में इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेंटर सहित अन्य होम सर्विस देने वालों की संख्या हजारों में है, लेकिन अब इन्हें हालात सुधरने का इंतजार है. कोरोना संक्रमण के डर ने होम सर्विस देने वालों की सर्विस पर ब्रेक लगा दिया है. अब देखना ये है कि होम सर्विस देने वालों की गाड़ी कब पटरी पर आती है.

भोपाल। सरकार ने इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और कारपेंटर को लॉकडाउन में लोगों के घर जाने की भले ही छूट दी है, लेकिन दुकानें बंद होने से सामान नहीं मिल पा रहा है. जिसकी वजह से रिपेयरिंग का काम रुक गया है, वहीं अब लोग कोरोना के डर से होम सर्विस वालों को भी बुलाने से कतरा रहे हैं. इन हालातों में इनके सामने रोजी-रोटी का संकट गहरा गया है.

संकट में कारीगर

काम के इंतजार में कारीगर
कोरोना कर्फ्यू में जिला प्रशासन ने इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, कारपेंटर और इस तरह का काम करने वाले अन्य लोगों को घर जाकर रिपेयरिंग करने की छूट दी है. शुरु में तो इनको लोगों ने फोन करके बुलाया भी, लेकिन अब जब संक्रमण का खतना बढ़ना लगा है, तो इन लोगों को बुलाना ही बंद कर दिया है. हालात ये हैं कि ये लोग हाथ पर हाथ रखे अपने घरों के बाहर लोगों के फोन का इंतजार करते रहते हैं.


दुकानें हैं बंद तो कैसे होगा काम
होम सर्विस का काम करने वाले लोगों का कहना है कि सामान रिपेयर नहीं हो पा रहे हैं, क्योंकि इस तरह के काम करने के लिए स्पेयर पार्ट नहीं मिल पा रहे हैं. हार्डवेयर, इलेक्ट्रिक दुकान, स्पेयर पार्ट्स की दुकान सभी को पूरी तरह से बंद किया गया है. ऐसे में लोगों का काम नहीं होगा तो वो हमें क्यों बुलाएंगे. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए, हाउसकीपिंग का काम करने वाले संजय श्याम ने बताया कि अभी काम बंद है. इक्का-दुक्का काम मिल जाता है. पहले जहां काम कर रहे थे, वहां की पेमेंट अटकी है.

सामान खराब है लेकिन रिपेयर नहीं करा रहे लोग
इन दिनों इलेक्ट्रिशियन और कारपेंटर का काम करने वाले लोगों का भी बुरा हाल है। कोरोना संक्रमण के कारण कोई भी इन्हें नहीं बुला रहा है। इनका कहना है कि लोग समय काट रहे हैं,भले ही सामान खराब पड़ा है लेकिन घर बुलाने से डर रहे हैं। बल्लभनगर निवासी टेक्नीशियन का काम करने वाले अजय पटेल का कहना है कि दो महीने पहले ही काम मिला था लेकिन कोरोना के चलते अब काम बंद हो गया है तो मैं क्या करूं । मेरा गुजारा कैसे होगा।


गाड़ी रिपेयरिंग का काम भी बंद
वहीं टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर की रिपेयरिंग करने वाले मैकेनिकों की स्थिति भी ठीक नहीं है, ये लोग भी लॉकडाउन के कारण दुकान नहीं खोल सकते हैं, इनका कहना है कि कभी कोई इमरजेंसी में काम आया तो कर दिया, लेकिन बाकी समय बेकार ही बैठना पड़ रहा है. तुलसी नगर में मैकेनिक का काम करने वाले मुश्ताक अहमद बताते हैं कि कामकाज तो बंद है. पहले लोग घर और ऑफिस बुलाकर भी गाड़ियां ठीक कराते थे, लेकिन अब सब बंद है.


जिद्दी युवक ने उठाया पूरे शहर को सैनिटाइज करने का बीड़ा, रिजल्ट चौंकाने वाला

हालात सुधरने का इंतजार
राजधानी में इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, कारपेंटर सहित अन्य होम सर्विस देने वालों की संख्या हजारों में है, लेकिन अब इन्हें हालात सुधरने का इंतजार है. कोरोना संक्रमण के डर ने होम सर्विस देने वालों की सर्विस पर ब्रेक लगा दिया है. अब देखना ये है कि होम सर्विस देने वालों की गाड़ी कब पटरी पर आती है.

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