भोपाल। गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सबको पता है कि कमलनाथ व्यापारी हैं. सरकार चलाने का उनका तरीका भी व्यवसायी की तरह ही था. उन्होंने कहा कि कमलनाथ को सफाई देन की क्या जरूरत है. अब कमलनाथ कहते हैं कि वह न तो राजा हैं, न महाराजा, ना चाय वाला और ना मामा. इतनी सफाई क्यों दे रहे हैं अब. इन्होंने कॉर्पोरेट कल्चर में सरकार चलाई है. जनता से आपका कोई सरोकार नहीं था. केवल अपना नफा-नुकसान देखकर सरकार चलाते थे. कसूर आपका यह था कि अपनी पार्टी को नहीं संभाल पाए.
कमलनाथ ने जनता को धोखा दिया : गृह मंत्री ने कहा कि कमलनाथ किसानों का कर्जा माफ नहीं कर पाए. 4 हजार रुपये बेरोजगारों को नहीं दिए, उन्हें धोखा दिया. साथ में गरीबों की योजना संबल बंद कर दी. मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में औपचारिकता कर दी. उसमें टोकन व्यवस्था कर दी. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लोगों से क्या पूछना, इस बारे में आपको कांग्रेस के लोग ही पूरा कसूर बता देंगे. गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि मोदी जी बदले की भावना से कोई काम नहीं करते, इस पर कहा कि अब यह कांग्रेस के लोगों को समझना चाहिए कि जो नेता प्रतिपक्ष रहे हों, केंद्रीय मंत्री रहे हों, उनकी मोदी के बारे यह राय है. आज पूरा देश मानता है कि मोदी जी ने विश्व में भारत का नाम रोशन किया और जितनी भी सर्वे आ रहे हैं वह मानते हैं कि वैश्विक नेता हैं मोदी जी और भारत विश्व गुरु बनेगा.
अपनी पार्टी को टूटने से बचाएं : कांग्रेस का फोकस अब बुंदेलखंड पर रहेगा और कमलनाथ और दिग्विजय सिंह वहां सक्रिय रहेंगे, इस पर कहा कि अच्छी बात है. इन दोनों के बारे में अभी मैंने पहले भी बताया है और इनके वहां सक्रिय रहने से भाजपा को फायदा ही होगा. ये कहीं फोकस नहीं कर सकते. कहीं और फोकस करने से अच्छा है कि पार्टी पर फोकस करें, नहीं तो पार्टी और टूट जाएगी. कल पूरे देश में हनुमान जयंती का आयोजन होना है. प्रदेश में सार्वजनिक और बड़े आयोजन भी होंगे, इसको लेकर गृह मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक आयोजन में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के निर्देश दे दिए हैं.
कोरोना के 26 नए मामले : गृह मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना के 26 नए मामले सामने आए हैं. मध्यप्रदेश में वर्तमान में 250 एक्टिव केस हैं. कोरोना विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैरियंट खतरनाक किस्म का नहीं है. साधारण तरह का फ्लू है. फिर भी सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद किया गया है. चाहे ऑक्सीजन की हो, चाहे अस्पतालों में बेड की हो या फिर दवाइयों की, तरह की व्यवस्था के लिए मध्यप्रदेश में अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. घबराने की जरूरत नहीं लेकिन सावधानी बरतें.