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लकड़ी की जगह गोकाष्ट और कंडों की बन रही होलिका, पर्यावरण का दिया जा रहा संदेश - धुलेडी

पांच दिवसीय होली उत्सव की शुरुआत आज देर रात शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के साथ होगी और मंगलवार को धुलेडी पर्व मनाया जाएगा.

Holika Dahan
कंडो की बन रही होलिका
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Published : Mar 9, 2020, 12:08 PM IST

Updated : Mar 9, 2020, 12:31 PM IST

भोपाल । पांच दिवसीय होली उत्सव की शुरुआत आज देर रात शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के साथ होगी और मंगलवार को धुलेडी पर्व मनाया जाएगा. रंगोत्सव 14 मार्च को रंग पंचमी तक चलेगा. इस बार पर्यावरण बचाने का संदेश देते हुए कई स्थानों पर गोकाष्ट और कंडों से होलिका दहन किया जाएगा. राजधानी में जगह-जगह होलिका दहन की तैयारियां की जा रही है. होली के उत्सव का पर्व रंगों के साथ मनाने का उत्साह बच्चों में खासा देखने को मिल रहा है.

कंडों की बन रही होलिका

पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता

राजधानी में जगह-जगह गोकाष्ट और कंडों के स्टॉल लगाए गए हैं. लोगों में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता दिखाई दे रही है. यही वजह है कि इस बार होलिका दहन में लकड़ियों का इस्तेमाल कम किया जा रहा है. वहीं होलिका के पूजन की सामग्री भी लोगों के द्वारा दी जा रही है. वहीं देर रात पूरे विधि-विधान के साथ प्रहलाद की पूजा-अर्चना की जाएगी और उसके बाद होलिका का दहन होगा.

पंडित सीताराम शास्त्री का कहना है कि रंगों का ये त्योहार आपसी भाईचारे का संदेश देता है. होली के इस उत्सव में बुराईयां खत्म होती हैं और प्रेम का भाव जागृत होता है. होली का ये त्योहार यही संदेश देता है कि बुराई हमेशा हारती है और सत्य हमेशा जीत हासिल करता है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

उन्होंने बताया कि होलिका दहन देर रात 8 बजे के बाद शुरू होगा, लेकिन शुभ और लाभकारी मुहूर्त रात 11 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा, जो 1 बजकर 32 मिनट तक चलेगा. इस दौरान होलिका दहन करना काफी लाभकारी साबित होता है, क्योंकि इस समय वृश्चिक लग्न रहेगा.

भोपाल । पांच दिवसीय होली उत्सव की शुरुआत आज देर रात शुभ मुहूर्त में होलिका दहन के साथ होगी और मंगलवार को धुलेडी पर्व मनाया जाएगा. रंगोत्सव 14 मार्च को रंग पंचमी तक चलेगा. इस बार पर्यावरण बचाने का संदेश देते हुए कई स्थानों पर गोकाष्ट और कंडों से होलिका दहन किया जाएगा. राजधानी में जगह-जगह होलिका दहन की तैयारियां की जा रही है. होली के उत्सव का पर्व रंगों के साथ मनाने का उत्साह बच्चों में खासा देखने को मिल रहा है.

कंडों की बन रही होलिका

पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता

राजधानी में जगह-जगह गोकाष्ट और कंडों के स्टॉल लगाए गए हैं. लोगों में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता दिखाई दे रही है. यही वजह है कि इस बार होलिका दहन में लकड़ियों का इस्तेमाल कम किया जा रहा है. वहीं होलिका के पूजन की सामग्री भी लोगों के द्वारा दी जा रही है. वहीं देर रात पूरे विधि-विधान के साथ प्रहलाद की पूजा-अर्चना की जाएगी और उसके बाद होलिका का दहन होगा.

पंडित सीताराम शास्त्री का कहना है कि रंगों का ये त्योहार आपसी भाईचारे का संदेश देता है. होली के इस उत्सव में बुराईयां खत्म होती हैं और प्रेम का भाव जागृत होता है. होली का ये त्योहार यही संदेश देता है कि बुराई हमेशा हारती है और सत्य हमेशा जीत हासिल करता है.

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त

उन्होंने बताया कि होलिका दहन देर रात 8 बजे के बाद शुरू होगा, लेकिन शुभ और लाभकारी मुहूर्त रात 11 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा, जो 1 बजकर 32 मिनट तक चलेगा. इस दौरान होलिका दहन करना काफी लाभकारी साबित होता है, क्योंकि इस समय वृश्चिक लग्न रहेगा.

Last Updated : Mar 9, 2020, 12:31 PM IST
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