ETV Bharat / state

MP कांग्रेस का 'बगावती' इतिहास, सिंधिया से पहले भी मिले हैं कई 'घाव'

मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने वालों का इतिहास लंबा रहा है. साल 1967 में पहली बार कांग्रेस की सरकार राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने गिराई थी, तो 2020 में उन्हीं के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार गिराकर इतिहास को दोहरा दिया.

History of rebellion in Madhya Pradesh Congress
मध्य प्रदेश कांग्रेस में रहा है बगावत का इतिहास
author img

By

Published : Jun 10, 2021, 7:53 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे कई नेताओं ने अब अपनी अलग राह खोजना शुरु कर दी है. ये नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना रोल मॉडल मानते हुए बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा सांसद बनाकर तोहफा दिया, वहीं उनके समर्थकों को भी प्रदेश सरकार में मंत्री पद से नवाजा है. सिंधिया के बाद उत्तरप्रदेश से जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने से युवा कांग्रेसी नेताओं को नई राह भी दिखाई दे रही है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश और राजस्थान से कई नेता हाथ का साथ छोड़, बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

बीजेपी 'कांग्रेस' हो रही है

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अजय बोकिल का कहना है कि कांग्रेस में आंतरिक नियंत्रण नहीं है. शीर्ष नेतृत्व की कमजोरी के कारण वे लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, जिनको पार्टी में अपना भविष्य नजर नहीं आता है. पत्रकार अजय बोकिल के अनुसार जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं वे राहुल गांधी के करीबी है, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस के भीतर आंतरिक लड़ाई चल रही है. वरिष्ठ पत्रकार बोकिल के अनुसार इतिहास पर नजर डालें तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने वालों का भविष्य अच्छा नहीं रहा है, लेकिन अब बीजेपी बदल रही है. पत्रकार अजय बोकिल के अनुसार कुछ बीजेपी 'कांग्रेस' हो रही है, और कुछ कांग्रेस 'बीजेपी' हो रही है. पत्रकार बोकिल के अनुसार इन हालातों में बीजेपी को खास ध्यान रखने की जरुरत है, क्योंकि उधार के सिंदूर से कब तक मांग भरी जा सकती है.

कांग्रेस में बगावत का पुराना इतिहास

कांग्रेस में चल रही है अस्तित्व की लड़ाई

मध्य प्रदेश कांग्रेस में अभी भी कई युवा नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव से लेकर तमाम नाम शामिल हैं जो पिछले कुछ सालों में साइड लाइन कर दिए गए. एक समय तो राजनीतिक गलियारों में अरुण यादव के कांग्रेस छोड़ने की खबरें आने लगी थी. सिर्फ अरुण यादव ही नहीं कांग्रेस से आए दिन कई बड़े नेताओं के असंतुष्ट होने की खबरें आती रहती है.

सिंधिया के दौरे में राजनीति से ज्यादा उनके खानपान की रही चर्चा

बगावत का पुराना इतिहास

मध्य प्रदेश के इतिहास में साल 1967 में गोविंद नारायण सिंह पहली गैर कांग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्री बने. ज्योतिरादित्य सिंधिया का दादी यानी राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी और फिर गोविंद नारायण सिंह को समर्थन देकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी. साल 2020 में राजमाता के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इतिहास को दोहराया और अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए.

Scindia supporters had resigned together
सिंधिया समर्थकों ने एक साथ दिया था इस्तीफा

सरकार और संगठन में मिली जगह

साल 2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वालों की लिस्ट काफी लंबी है. इसमें कई बड़े नाम शामिल है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बड़े नेताओं में से कई को मौजूदा बीजेपी सरकार में मंत्री पद दिया जा चुका है. बचे नेताओं को बीजेपी संगठन और निगम मंडल में जगह दे रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों को सरकार और संगठन में स्थान देकर बीजेपी ने ये तो साफ कर दिया है कि पार्टी ने सिंधिया का दिल से स्वागत किया है.

सिंधिया के बाद जितिन: अब तीसरा बड़ा युवा नेता कौन? क्या पायलट को BJP में लाने में भूमिका निभाएंगे सिंधिया

पिछले साल इन्होंने छोड़ी थी कांग्रेस

साल 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेताओं में कई बड़े नाम शामिल है. जिसमें गोविंद सिंह राजपूत, प्रदुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी तुलसीराम सिलावट, प्रभुराम चौधरी महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग,जसपाल सिंह जज्जी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, ओपीएस भदोरिया, मुन्नालाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडोतिया, रक्षा संतराम सिरोनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, मनोज चौधरी, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना शामिल थे.

Sanjay Pathak and Narayan Tripathi also left Congress
संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी ने भी छोड़ी थी कांग्रेस

MP: सरकार के बाद संगठन में Scindia की धमक, अब निगम मंडल पर 'महाराज' की नजर

पहले भी कई नेता कर चुके हैं कांग्रेस से किनारा

मध्य प्रदेश में साल 2020 में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी कई कांग्रेसी हाथ का साथ छोड़ बीजेपी में आ चुके हैं. इसमें कटनी विधायक संजय पाठक, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी, बड़ा मलेहरा से विधायक प्रदुम्न सिंह लोधी, दमोह से हाल ही में उपचुनाव हारे राहुल लोधी शामिल है. इसके अलावा चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और बालुेंदे शुक्ल दो ऐसे नाम है जो कांग्रेस से बीजेपी में आकर फिर से कांग्रेस में जा चुके हैं.

भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे कई नेताओं ने अब अपनी अलग राह खोजना शुरु कर दी है. ये नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना रोल मॉडल मानते हुए बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा सांसद बनाकर तोहफा दिया, वहीं उनके समर्थकों को भी प्रदेश सरकार में मंत्री पद से नवाजा है. सिंधिया के बाद उत्तरप्रदेश से जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने से युवा कांग्रेसी नेताओं को नई राह भी दिखाई दे रही है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश और राजस्थान से कई नेता हाथ का साथ छोड़, बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

बीजेपी 'कांग्रेस' हो रही है

राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अजय बोकिल का कहना है कि कांग्रेस में आंतरिक नियंत्रण नहीं है. शीर्ष नेतृत्व की कमजोरी के कारण वे लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, जिनको पार्टी में अपना भविष्य नजर नहीं आता है. पत्रकार अजय बोकिल के अनुसार जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं वे राहुल गांधी के करीबी है, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस के भीतर आंतरिक लड़ाई चल रही है. वरिष्ठ पत्रकार बोकिल के अनुसार इतिहास पर नजर डालें तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने वालों का भविष्य अच्छा नहीं रहा है, लेकिन अब बीजेपी बदल रही है. पत्रकार अजय बोकिल के अनुसार कुछ बीजेपी 'कांग्रेस' हो रही है, और कुछ कांग्रेस 'बीजेपी' हो रही है. पत्रकार बोकिल के अनुसार इन हालातों में बीजेपी को खास ध्यान रखने की जरुरत है, क्योंकि उधार के सिंदूर से कब तक मांग भरी जा सकती है.

कांग्रेस में बगावत का पुराना इतिहास

कांग्रेस में चल रही है अस्तित्व की लड़ाई

मध्य प्रदेश कांग्रेस में अभी भी कई युवा नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव से लेकर तमाम नाम शामिल हैं जो पिछले कुछ सालों में साइड लाइन कर दिए गए. एक समय तो राजनीतिक गलियारों में अरुण यादव के कांग्रेस छोड़ने की खबरें आने लगी थी. सिर्फ अरुण यादव ही नहीं कांग्रेस से आए दिन कई बड़े नेताओं के असंतुष्ट होने की खबरें आती रहती है.

सिंधिया के दौरे में राजनीति से ज्यादा उनके खानपान की रही चर्चा

बगावत का पुराना इतिहास

मध्य प्रदेश के इतिहास में साल 1967 में गोविंद नारायण सिंह पहली गैर कांग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्री बने. ज्योतिरादित्य सिंधिया का दादी यानी राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी और फिर गोविंद नारायण सिंह को समर्थन देकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी. साल 2020 में राजमाता के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इतिहास को दोहराया और अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए.

Scindia supporters had resigned together
सिंधिया समर्थकों ने एक साथ दिया था इस्तीफा

सरकार और संगठन में मिली जगह

साल 2020 में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वालों की लिस्ट काफी लंबी है. इसमें कई बड़े नाम शामिल है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बड़े नेताओं में से कई को मौजूदा बीजेपी सरकार में मंत्री पद दिया जा चुका है. बचे नेताओं को बीजेपी संगठन और निगम मंडल में जगह दे रही है. ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों को सरकार और संगठन में स्थान देकर बीजेपी ने ये तो साफ कर दिया है कि पार्टी ने सिंधिया का दिल से स्वागत किया है.

सिंधिया के बाद जितिन: अब तीसरा बड़ा युवा नेता कौन? क्या पायलट को BJP में लाने में भूमिका निभाएंगे सिंधिया

पिछले साल इन्होंने छोड़ी थी कांग्रेस

साल 2020 में मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए नेताओं में कई बड़े नाम शामिल है. जिसमें गोविंद सिंह राजपूत, प्रदुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी तुलसीराम सिलावट, प्रभुराम चौधरी महेंद्र सिंह सिसोदिया, हरदीप सिंह डंग,जसपाल सिंह जज्जी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव, ओपीएस भदोरिया, मुन्नालाल गोयल, रघुराज सिंह कंसाना, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव, सुरेश धाकड़, गिरराज दंडोतिया, रक्षा संतराम सिरोनिया, रणवीर जाटव, जसवंत जाटव, मनोज चौधरी, बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना शामिल थे.

Sanjay Pathak and Narayan Tripathi also left Congress
संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी ने भी छोड़ी थी कांग्रेस

MP: सरकार के बाद संगठन में Scindia की धमक, अब निगम मंडल पर 'महाराज' की नजर

पहले भी कई नेता कर चुके हैं कांग्रेस से किनारा

मध्य प्रदेश में साल 2020 में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी कई कांग्रेसी हाथ का साथ छोड़ बीजेपी में आ चुके हैं. इसमें कटनी विधायक संजय पाठक, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी, बड़ा मलेहरा से विधायक प्रदुम्न सिंह लोधी, दमोह से हाल ही में उपचुनाव हारे राहुल लोधी शामिल है. इसके अलावा चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और बालुेंदे शुक्ल दो ऐसे नाम है जो कांग्रेस से बीजेपी में आकर फिर से कांग्रेस में जा चुके हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.