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नवरात्रि की गाइडलाइन को लेकर आर-पार के मूड में हिंदूवादी संगठन

राज्य सरकार द्वारा नवरात्री के लिए जारी की गई गाइडलाइन से हिंदूवादी संगठन संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि जो उनका मन होगा वो वही करेंगे.

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नवरात्रि की गाइडलाइन से संतुष्ट नहीं हिंदूवादी संगठन
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Published : Sep 24, 2020, 4:20 PM IST

भोपाल। नवरात्रि को लेकर जारी की गई गाइडलाइन को लेकर हिंदूवादी संगठन बीजेपी सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. हिंदूवादी संगठन का कहना है कि जो गाइडलाइन प्रशासन की तरफ से जारी की गई है. वो किसी काम की नहीं है, क्योंकि मूर्तिकार 6 फीट से ज्यादा लंबाई की मूर्ति बना चुके हैं और साथ ही 10 फीट का पंडाल भी काफी छोटा है. हवन कहां होगा, पंडित जी कहां बैठेंगे, सरकार और प्रशासन पहले अंदाजा लगा लेते कि पंडाल का साइज होना कितना चाहिए, अगर मूर्ति खंडित होगी तो उसका जवाब दार कौन होगा.

नवरात्रि की गाइडलाइन से संतुष्ट नहीं हिंदूवादी संगठन

वहीं विसर्जन में 10 लोगों की इजाजत दी गई है. उसमें दो ढोल वाले, एक ड्राइवर और कंडक्टर और एक पंडित जी हो जाते हैं. बचे पांच लोग कैसे मूर्ति का विसर्जन करेंगे, अगर इस दौरान किसी को चोट आ जाएगी, उसका जिम्मेदार कौन होगा. ये तीनों नियम अगर सही हैं तो हम मानने को तैयार हैं, अगर नहीं हैं तो हम इस नियम को मानने को तैयार नहीं हैं. गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे जो हमें करना है, वही करेंगे. मूर्तिकार काफी परेशान हैं, अगर हमारी समस्या का हल नहीं किया गया तो गिरफ्तार होकर जेल जाएंगे. भोपाल प्रशासन की तरफ से उन मूर्तिकारों को नोटिस चस्पा किया गया है जो 6 फीट से ज्यादा की मूर्ति बना रहे हैं. इसी को लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता आक्रोश में है.

भोपाल। नवरात्रि को लेकर जारी की गई गाइडलाइन को लेकर हिंदूवादी संगठन बीजेपी सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. हिंदूवादी संगठन का कहना है कि जो गाइडलाइन प्रशासन की तरफ से जारी की गई है. वो किसी काम की नहीं है, क्योंकि मूर्तिकार 6 फीट से ज्यादा लंबाई की मूर्ति बना चुके हैं और साथ ही 10 फीट का पंडाल भी काफी छोटा है. हवन कहां होगा, पंडित जी कहां बैठेंगे, सरकार और प्रशासन पहले अंदाजा लगा लेते कि पंडाल का साइज होना कितना चाहिए, अगर मूर्ति खंडित होगी तो उसका जवाब दार कौन होगा.

नवरात्रि की गाइडलाइन से संतुष्ट नहीं हिंदूवादी संगठन

वहीं विसर्जन में 10 लोगों की इजाजत दी गई है. उसमें दो ढोल वाले, एक ड्राइवर और कंडक्टर और एक पंडित जी हो जाते हैं. बचे पांच लोग कैसे मूर्ति का विसर्जन करेंगे, अगर इस दौरान किसी को चोट आ जाएगी, उसका जिम्मेदार कौन होगा. ये तीनों नियम अगर सही हैं तो हम मानने को तैयार हैं, अगर नहीं हैं तो हम इस नियम को मानने को तैयार नहीं हैं. गाइडलाइन का पालन नहीं करेंगे जो हमें करना है, वही करेंगे. मूर्तिकार काफी परेशान हैं, अगर हमारी समस्या का हल नहीं किया गया तो गिरफ्तार होकर जेल जाएंगे. भोपाल प्रशासन की तरफ से उन मूर्तिकारों को नोटिस चस्पा किया गया है जो 6 फीट से ज्यादा की मूर्ति बना रहे हैं. इसी को लेकर हिंदू संगठन के कार्यकर्ता आक्रोश में है.

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