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भोपाल में कम ऊंचाई वाली मूर्ति पर हिंदू संगठनों में बढ़ी नाराजगी - 6 फीट से ज्यादा ना हो मूर्ति

भोपाल कलेक्टर ने नवरात्र को देखते हुए सभी समितियों को निर्देशित किया है. कि वे मूर्ति की ऊंचाई 6 फीट से ज्यादा ना हो. प्रशासन के इस निर्देश के बाद समितियों ने इसका विरोध करना प्रारंभ कर दिया है.

नवरात्र समितियों का कलेक्टर को निर्देश
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Published : Sep 19, 2019, 9:44 AM IST

भोपाल| खटोलापुरा घाट पर नाव पलटने से 11 लोगों की मौत के बाद प्रशासन अब अलर्ट है. भाोपाल प्रशासन ने शारदीय नवरात्र को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. प्रशासन ने शहर की नवरात्र समितियों का निर्देश देते हुए कहा है कि मां दुर्गा की मूर्तियों को 6 फीट ही रखा जाए.

कम ऊंचाई वाली मूर्ति पर हिंदू संगठनों में बढ़ी नाराजगी

हिंदू समितियों का मानना है यदि कलेक्टर को ऐसा कोई निर्देश देना था तो उन्हें 6 महीने पहले देना था लेकिन अब मूर्तियों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब मूर्तियों की ऊंचाई कम नहीं की जा सकती है.

हिंदू समितियों ने कहा कि कलेक्टर के ऐसे निर्देश का वो विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर को यह निर्देश देना था कि अब ऐसी स्थिति में अगर आप विसर्जन नहीं करने देंगे तो यह आपके लिए ही मुसीबत बनेगा. समिति का कहनाहै कि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह किसी भी धर्म विशेष के तीज त्योहारों को निर्विघ्न संपन्न कराया.

क्या है कलेक्टर की गाइडलाइन

कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक शारदीय नवरात्र में 8 फीट से ऊंची मूर्ति का विसर्जन नहीं होने दिया जाएगा. कलेक्टर के इस निर्देश का समितियों द्वारा विरोध होने लगा है.

भोपाल| खटोलापुरा घाट पर नाव पलटने से 11 लोगों की मौत के बाद प्रशासन अब अलर्ट है. भाोपाल प्रशासन ने शारदीय नवरात्र को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है. प्रशासन ने शहर की नवरात्र समितियों का निर्देश देते हुए कहा है कि मां दुर्गा की मूर्तियों को 6 फीट ही रखा जाए.

कम ऊंचाई वाली मूर्ति पर हिंदू संगठनों में बढ़ी नाराजगी

हिंदू समितियों का मानना है यदि कलेक्टर को ऐसा कोई निर्देश देना था तो उन्हें 6 महीने पहले देना था लेकिन अब मूर्तियों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अब मूर्तियों की ऊंचाई कम नहीं की जा सकती है.

हिंदू समितियों ने कहा कि कलेक्टर के ऐसे निर्देश का वो विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कलेक्टर को यह निर्देश देना था कि अब ऐसी स्थिति में अगर आप विसर्जन नहीं करने देंगे तो यह आपके लिए ही मुसीबत बनेगा. समिति का कहनाहै कि प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह किसी भी धर्म विशेष के तीज त्योहारों को निर्विघ्न संपन्न कराया.

क्या है कलेक्टर की गाइडलाइन

कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक शारदीय नवरात्र में 8 फीट से ऊंची मूर्ति का विसर्जन नहीं होने दिया जाएगा. कलेक्टर के इस निर्देश का समितियों द्वारा विरोध होने लगा है.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

नवरात्र में मूर्तियों की ऊंचाई कम करने के फरमान पर हिंदू संगठनों ने जताई नाराजगी


भोपाल | राजधानी के खटोला पूरा घाट पर हुए नाव हादसे में 11 लोगों की जान चले जाने के बाद प्रशासन अब नवरात्र को लेकर नए नए फरमान जारी कर रहा है सरकार की ओर से सभी आला अधिकारियों की खिंचाई हो जाने के बाद से ही लगातार नए नए नियम बनाए जा रहे हैं जहां एक तरफ मूर्ति कारों को फॉर्मेट भरकर थाने में जमा करना है तो वहीं नवरात्र में दुर्गा की मूर्तियां स्थापित करने वाली समितियों को भी विभिन्न प्रकार के निर्देश भरकर प्रशासन को सपना है लेकिन जो नियम कलेक्टर के द्वारा समिति सदस्यों को बताए गए हैं उससे हिंदू संगठन के लोग नाराज हैं क्योंकि इसमें मूर्ति की ऊंचाई को मात्र 6 फिट करने के लिए कहा गया है . और अब मूर्ति की ऊंचाई को छोटा करना असंभव नजर आ रहा है यही वजह है कि ज्यादातर लोगों ने इस फरमान को मानने से ही इनकार कर दिया है .


Body:शारदीय नवरात्र से पहले ही सभी समितियों की बैठक लगातार अलग-अलग जगह पर आयोजित की जा रही है और उन्हें मूर्ति की ऊंचाई कम करने के लिए कहा जा रहा है ऐसी स्थिति में कई समिति के सदस्यों ने इस आदेश से असहमति जताई है लोगों का मानना है कि अब नवरात्र को बहुत कम समय बचा है और ऐसे समय पर इस तरह की बात करना लाजमी नहीं है क्योंकि मूर्ति को तोड़कर दोबारा जल्दी से नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि मूर्ति पिछले 2 महीने से तैयार हो रही है यदि इस प्रकार का कोई भी आदेश कलेक्टर को जारी करना था तो करीब 6 महीने पहले करना था मूर्तिकार के पास भी ज्यादातर मूर्तियां बुक हो चुकी है


Conclusion:संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि मूर्ति ऊंचाई को लेकर जो बात कलेक्टर के द्वारा कही गई है वह ठीक नहीं है क्योंकि अब नवरात्र को बहुत कम समय बाकी रह गया है और ऐसी स्थिति में मूर्ति को छोटा करना संभव नहीं है एक तरह से यह कलेक्टर का तुगलकी फरमान है.

उन्होंने कहा कि करीब 6 महीने पहले मूर्तिकार राजधानी भोपाल में आकर अपने पंडाल लगाते हैं और मूर्तियां बनाना शुरू करते हैं ऐसा क्या कारण है कि आपने उन्हें 6 महीने पहले इन चीजों से अवगत नहीं कराया राजधानी के खटला पुरा घाट में जो हादसा घटित हुआ है वह ना केवल प्रदेश के लिए बल्कि देश के लिए भी दुखद है लेकिन इतने बड़े हादसे में प्रशासन की चूक साफ नजर आ रही है लेकिन आप अपने जिम्मेदार अधिकारियों को बचाने के लिए निर्दोष नागरिकों के ऊपर मामला दर्ज कर रहे हैं यहां तक कि प्रशासन के द्वारा एक ऐसे नाभिक पर मामला दर्ज किया गया है जिसका शरीर का आधा हिस्सा काम ही नहीं करता है भोपाल कलेक्टर ने एक और फरमान जारी किया है जिसके तहत उन्होंने कहा है कि मूर्तिकार को रजिस्ट्रेशन देखने के बाद ही समितियों को मूर्ति डिलीवर करनी है हम कहते हैं कि यह कहां तक जायज है क्योंकि जल दिन मूर्ति लेने के लिए समिति के सदस्य आते हैं उस दिन उनके साथ करीब 50 सदस्य होते हैं और ऐसी स्थिति में भीड़भाड़ का माहौल होता है और सभी लोग अपनी मूर्ति जल्द से जल्द झांकी स्थल पर ले जाने का प्रयास करते हैं अब ऐसी स्थिति में मूर्तिकार मूर्तियों को गाड़ियों में रखवा आएगा या फिर लोगों के रजिस्ट्रेशन चेक करेगा ऐसी स्थिति में विवाद होगा और कोई भी मूर्तिकार इस तरह के झंझट नहीं पड़ना चाहेगा

उन्होंने कहा कि कलेक्टर ने एक और फरमान जारी किया है जिसके तहत उन्होंने कहा है कि 8 फीट से ऊंची मूर्ति का विसर्जन नहीं होने दिया जाएगा संस्कृति बचाओ मंच इस निर्णय का घोर विरोध करता है क्योंकि हमारी मूर्तियां पहले तैयार हो चुके हैं अब ऐसी स्थिति में अगर आप विसर्जन नहीं करने देंगे तो यह आपके लिए ही मुसीबत बनेगा क्योंकि भोपाल कलेक्टर की जिम्मेदारी होती है कि किसी भी धर्म विशेष के तीज त्योहारों को निर्विघ्न संपन्न कराया जाए संस्कृति बचाओ मंच की भी तोला 16 फीट की मूर्तियां राजधानी के कई जगह पर स्थापित हो रहे हैं और हम देखते हैं कि हमारी मूर्ति को कैसे विसर्जित नहीं होने दिया जाएगा हम इस तरह के फरमान का खुलकर विरोध करते हैं यदि इस प्रकार का कोई भी आदेश निकालना था तो उसके लिए 6 महीने का समय देना चाहिए था .
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