भोपाल। राजधानी भोपाल में धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों की समस्या को लेकर राज्य सरकार लगातार नए कदम उठाए रही है, ताकि अतिथि विद्वानों को उनका हक मिल सके. भोपाल में चल रहे आंदोलन में महिला अतिथि विद्वान के मुंडन कराने के बाद सरकार हरकत में आई है. उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इंदौर में घोषणा करते हुए कहा कि अतिथि विद्वानों की भर्तियां कॉलेजों में की जाएंगी और उन्हें इस दौड़ में आगे रखने के लिए सरकार अतिरिक्त सुविधाएं भी देगी.
जीतू पटवारी ने अतिथि विद्वानों को जल्द ही मुख्य धारा में लाने की घोषणा की है. करीब 1900 अतिथि विद्वान शार्ट लिस्ट किए गए हैं, जिन्हें किसी कॉलेज में जगह नहीं मिल पाई है. इन सभी को मुख्य धारा में लाने के लिए सरकार हर साल पीएससी के माध्यम से 500 प्रोफेसरों की भर्ती करेगी. भर्ती प्रक्रिया में अतिथि विद्वानों के लिए अलग से 20 नंबर का प्रावधान किया गया है. उनके लिए पीएससी की परीक्षा देने में उम्र का कोई क्राइटेरिया भी नहीं रखा जाएगा. ये निर्णय भी कैबिनेट में पास किया जा चुका है.
मंत्री के मुताबिक पिछले 15 सालों में तत्कालीन शिवराज सरकार ने पीएससी के माध्यम से बहुत कम भर्तियां निकाली थी. जिसकी वजह से करीब 5 हजार लोग अतिथि विद्वान के तौर पर काम कर रहे हैं. ये पिछली सरकार का पाप है, लेकिन हम विद्वानों की परेशानी को समझते हैं और उनकी परेशानी को देखते हुए जल्द ही सभी को मुख्य धारा में लाना चाहते हैं. जीतू पटवारी के मुताबिक धरने के दौरान एक महिला विद्वान को मुंडन कराना पड़ा, जिसका उन्हें दुख है. धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों को समझना होगा कि सरकार उनके साथ है.